चीन की बढ़ती आक्रामकता के खिलाफ अमरीका और जापान का लष्करी युद्धाभ्यास

china-japan-usटोकियो/वॉशिंग्टन – ‘अमरीका और जापान ने शुरू किया हुआ युद्धाभ्यास ना की सीर्फ इन दो देशों की सेना को आत्मविश्‍वास देनेवाला हैं बल्कि इस क्षेत्र के हमारे सभी सहयोगी एवं साझेदार देशों को मज़बूत करनेवाला हैं। इस क्षेत्र में कोई भी बतौर शत्रु खड़ा हुआ तो सभी देश उसके खिलाख ड़टकर खड़े रहकर मुकाबला कर सकते हैं’, इन शब्दों में अमरीका के वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टनंट कर्नल नील बेरी ने जापान के साथ शुरू हुए लष्करी युद्धाभ्यास की जानकारी प्रदान की। साउथ चायना सी के साथ ही ‘इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की आक्रामक गतिविधियां लगातार जारी हैं। चीन की इस आक्रामकता को रोकने के लिए अमरीका और जापान ने एक ही समय पर दो लष्करी युद्धाभ्यास शुरू किए हैं, यह जानकारी सामने आ रही हैं।

बीते सप्ताह में अमरीका और जापान के ‘यामा सकुरा’ नामक लष्करी युद्धाभ्यास की शुरूआत हुई हैं और इस युद्धाभ्यास में कुल पांच हज़ार सैनिक शामिल हुए हैं। कुमामोटो क्षेत्र में हो रहें इस युद्धाभ्यास में जापान के चार हज़ार और अमरीका के १ हज़ार सैनिक शामिल हुए हैं। यह युद्धाभ्यास १५ दिसंबर तक जारी रहेगा। ‘जॉईंट कमांड पोस्ट’ वर्ग का यह युद्धाभ्यास दो देशों में होनेवाले सबसे बड़े एवं अहम युद्धाभ्यास में से एक हैं। यह युद्धाभ्यास वर्ष १९८२ से आयोजित किया जा रहा हैं, यह जानकारी सूत्रों ने साझा की।

china-japan-us‘यामा सकुरा’ के अलावा सोमवार के दिन निगाटा एवं गुन्मा क्षेत्र में ‘फॉरेस्ट लाईट’ नामक युद्धाभ्यास की शुरूआत हुई हैं। इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों के कुल १ हज़ार सैनिक शामिल हुए हैं और इनमें ५०० यूएस मरिन्स का समावेश हैं। इन सैनिकों के साथ ही ‘एमव्ही-२२ ऑस्प्रे टिल्ट्रोटर्स’ एवं ‘सीएच-४७’ लष्करी हेलिकॉप्टर्स भी इस युद्धाभ्यास में शामिल हुए हैं, यह जानकारी संबंधित अफ़सर ने प्रदान की।

जापान के करीबी क्षेत्र में स्थित एक द्विप पर शत्रु ने यकायक किए हमले का मुकाबला करना ही इन दोनों युद्धाभ्यास का प्रमुख उद्देश्‍य होने की बात जापान के रक्षा विभाग ने कही हैं। ‘इंडो-पैसिफिक क्षेत्र खुला एवं मुक्त रखने के लिए संयुक्त मुहीमों की क्षमता बढ़ाने की आवश्‍यकता हैं’, इन शब्दों में जापान के वरिष्ठ सेना अधिकारी लेफ्टनंट जनरल ऱ्योजी ताकेमोटो ने इन युद्धाभ्यास का समर्थन किया।

china-japan-usबीते कुछ वर्षों में चीन ने साउथ चायना सी के साथ ही जापान के करीबी ‘ईस्ट चायना सी’ क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए जोरदार गतिविधियां शुरू की हैं। बीते कुछ महीनों में चीन ने अपने युद्धपोत, पनडुब्बियां और लड़ाकू विमानों की सहायता से ‘ईस्ट चायना सी’ क्षेत्र में लगातार घुसपैठ करने की कोशिश की हैं। जापान के विरोध में दबाव तंत्र का इस्तेमाल करके उसकी संप्रभुता को चुनौती देने की महत्वाकांक्षा इसके पीछे हैं, ऐसें दावे विश्‍लेषक कर रहे हैं। चीन के इस वर्चस्ववाद को चुनौती देने के लिए अमरीका और जापान ने लष्करी सहयोग का दायरा बढ़ाया हैं और एक ही समय पर दो युद्धाभ्यास का आयोजन करना उसी का हिस्सा बनता हैं।

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