उत्तर अफगानिस्तान में ‘आयएस’ के अड्डे बन रहे हैं – रशिया के विदेश मंत्री ने जताई चिंता

मॉस्को – अमरीका और नाटो की सेनावापसी पूरी हो रही है, ऐसे में रशिया ने अफगानिस्तान के हालातों पर चिंता ज़ाहिर की। नाटो की इस वापसी के साथ ही ‘आयएस’ के आतंकवादियों ने अफगानिस्तान के उत्तरी भाग में अपने अड्डे बनाने की शुरुआत की है, ऐसी चिंता रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लॅव्हरोव्ह ने ज़ाहिर की है। अफगानिस्तान की उत्तरी सीमा ताजिकिस्तान, उझबेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान इन पूर्व सोवियत रशियन देशों के साथ जुड़ी है। इस पृष्ठभूमि पर रशियन विदेश मंत्री ने यह चिंता जाहिर की दिख रही है।

north-afghan-is-baseअमरीका और पश्चिमी देशों की अफगानिस्तान से वापसी के बाद तालिबान, अल-कायदा की तरह ही आयएस की ताकत भी अफगानिस्तान में बढ़ेगी, ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्र संघ ने महीनेभर पहले दी थी। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए कुछ हमलों के पीछे आयएस होने की बात भी सामने आई थी। वहीं, तालिबान के आतंकी अफगानिस्तान के पूर्वीय, पश्चिमी और दक्षिणी भागों पर हमले कर रहे हैं, ऐसे में आयएस के आतंकी उत्तरी भाग में गतिविधियाँ बढ़ा रहे होने की खबरें आई थी।

रशिया के विदेश मंत्री लॅव्हरोव्ह ने शुक्रवार के दिन आयएस के आतंकियों की इन खतरनाक हरकतों पर चिंता जाहिर की। साथ ही, आयएस की इन बढ़ती हरकतों के लिए अफगानी अधिकारियों की गैरज़िम्मेदाराना भूमिका कारण होने का दोषारोपण रशियन विदेश मंत्री ने किया है।

इसी बीच, रशिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार निकोलाय पत्रुशेव्ह ने अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मोहिब के साथ शुक्रवार को चर्चा करने की खबरें हैं। पिछले हफ्ते में ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में संपन्न हुई ‘शांघाय कोऑपरेशन ऑर्गनायझेशन-एससीओ’ की बैठक के दौरान रशियन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल के साथ गहराई से चर्चा की होने की खबरें आईं हैं।

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