एफ-२२ पैसिफिक में अभ्यास के लिए रवाना करके अमरीका की चीन को चेतावनी

वॉशिंग्टन – पैसिफिक महासागर क्षेत्र के गुआम द्वीप के लिए अमरीका ने ‘एफ-२२ रॅप्टर’ विमानों के दो स्क्वाड्रन्स रवाना किए। आनेवाले कुछ दिनों में शुरू हो रहे ‘ऑपरेशन पॅसिफिक आयर्न’ युद्धाभ्यास के लिए यह तैनाती होने का दावा किया जाता है। लेकिन पैसिफिक क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में लड़ाकू विमान रवाना करके अमरीका ने चीन को चेतावनी दी है, ऐसा पूर्व अधिकारी और लष्करी विश्लेषकों का कहना है। इसी बीच, यहाँ चीन के साथ तनाव बढ़ रहा है, ऐसे में अमरीका के रक्षा मंत्री लॉईड ऑस्टिन इस महीने के अंत में फिलीपीन्स, वियतनाम और सिंगापुर इन आग्नेय एशियाई देशों का दौरा करेंगे, ऐसी खबर है।

F-22-pacific-us-china-1कुछ घंटे पहले अमेरिका के हवाई बल ने लगभग २५ एफ-२२ स्टेल्थ विमान गुआम द्वीप के तीन हवाई अड्डे पर तैनात किए। उसी के साथ कामा १० एफ-१५ई स्ट्राईक इगल्स लड़ाकू, दो सी-१३०जे हर्क्युलिस माय बुलाई विमान और लगभग ८०० जवान ‘ऑपरेशन पैसिफिक आयर्न २०२१’ अभ्यास के लिए दाखिल हुए हैं। गुआम और टिनियान द्वीपों के क्षेत्र में आयोजित होने वाले इस युद्धाभ्यास के लिए यह अब तक की सबसे बड़ी तैनाती मानी जाती है। ‘पैसिफिक हवाई बल के क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में एफ-२२ की तैनाती इससे पहले कभी भी नहीं हुई थी’, ऐसी प्रतिक्रिया अमेरिका की पेसिफिक हवाई बल कमांड के प्रमुख जनरल केन विल्सबॅश ने दी।

‘इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की ज़िम्मेदारी होनेवाला अमरीका का लष्कर खतरनाक बनी परिस्थिति का सामना करने के लिए सुसज्जित है, यह दिखा देने के लिए यह तैनाती की है। सन २०१८ की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के दायरे में ही यह अभ्यास आयोजित किया गया है’, ऐसा अमरीका की पैसिफिक कमांड ने इस समय घोषित किया। एफ-२२ रॅप्टर यह फिफ्थ जनरेशन यानी पांचवी पीढ़ी के और दुनिया के अत्याधुनिक विमानों में से एक माने जाते हैं। अमरीका के हवाई बल में ऐसे कुल १८० विमान हैं। वहीं, चीन के पास, पांचवी पीढ़ी के होने होने का दावा किए जा रहे ‘चेंगडू जे-२०’ विमानों की संख्या महज २४ है।

F-22-pacific-us-china-2चीन के हवाई बल में पांचवी पीढ़ी के जितने विमान हैं, उससे ज़्यादा विमान अमरीका कम से कम समय में इस क्षेत्र में तैनात कर सकती है, यह संदेश अमरीका के पैसिफिक हवाई बल ने चीन को दिया’, ऐसा दावा अमरीका की पॅसिफिक कमांड के जॉईंट इंटेलिजन्स सेंटर के पूर्व प्रमुख कार्ल शस्टर ने अमेरिकी न्यूज़ चैनल के साथ बातचीत करते समय किया। वहीं, इस तैनाती के द्वारा और ऑपरेशन पैसिफिक आयर्न के द्वारा अमरीका अपने मित्र और सहयोगी देशों को आश्वस्त कर रही है, ऐसा शस्टर ने कहा।

‘पहले विश्वयुद्ध में अमरीका के हवाई बल ने ऐसी ही क्षमता और सिद्धता दिखा दी थी। चीन इसका अनुकरण नहीं कर सकता। यदि मैं चीन होता, तो अमरीका की इस तैनाती की ओर अधिक गंभीरता से देखता। क्योंकि यह कोई साधारण नहीं, बल्कि बहुत बड़ी तैनाती है’, ऐसी चेतावनी अमरीका के हवाई बल के पूर्व अधिकारी लेफ्टनंट जनरल डॅन लिफ ने दी।

बता दे, पिछले कुछ महीनों से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की लष्करी गतिविधियाँ तीव्र हुईं हैं। जापान, ताइवान इन्हें धमकानेवाले चीन ने अमरीका के गुराम द्वीप की दिशा में अपना विमानवाहक युद्धपोत रवाना किया था। उसीके साथ अपने युद्धपोतभेदी क्षेपणास्त्र अमरीका के विमानवाहक युद्धपोत को जल समाधि देंगे, ऐसी धमकी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के लष्करी विश्लेषकों ने दी थी। वहीं, चीन अपने परमाणु अस्त्रों की संख्या बढ़ाकर उनकी तैनाती कर रहा होने की रिपोर्ट्स जारी हुईं थीं। इस पृष्ठभूमि पर गुआम द्वीपों पर एफ-२२ विमानों की तैनाती अमरीका ने की है।

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