अमरीका और तुर्की के बिच राजनितिक तनाव बढा – तुर्की ने अमरिकी दूतावास को सम्मन भेजा

वॉशिंगटन/अंकारा: तुर्की के नेता अमरिकन दूतावास की सुरक्षा की जिम्मेदारी नही ले रहे हैं, ऐसा दाग लगाकर अमरीका ने तुर्की के नागरिकों को अमरीका का वीसा देना बंद कर दिया है। प्रत्युत्तर के तौर पर तुर्की ने भी अमरीका में स्थित अपने दूतावास से अमरिकन नागरिकों के लिए वीसा देने की प्रक्रिया खंडित की है। साथ ही अमरीका के दूतावास के उपसचिव को सम्मन भेजकर अमरीका इस पर खुलासा करे, ऐसा तुर्की ने कहा है। इस वजह से दोनों देशों के बिच विवाद बढता जा रहा है।

राजनितिक तनावदो दिनों पहले इस्ताम्बुल में स्थित अमरीका के उच्च आयुक्तालय के कर्मचारी ‘मेतिन तोपूझ’ इस नागरिक को तुर्की के रक्षा यंत्रणा ने कब्जे में लिया है। तोपूझ पर तुर्की सरकार के खिलाफ कार्रवाइयों में सहभागी होने का इल्जाम तुर्की की यंत्रणा ने लगाया था। तुर्की की असफल बगावत के लिए वांटेड गुनाहगार घोषित किये हुए फेतुल्ला गुलेन का तोपूझ सहकारी था ऐसा आरोप तुर्की की यंत्रणा ने लागाया है। साथ ही पिछले साल जुलाई महीने में हुई बगावत में भी तोपूझ शामिल था, ऐसा दावा तुर्की कर रहा है।

लेकिन तुर्की के आरोप बेबुनियाद हैं कहकर अपने उच्च आयुक्तालय पर की हुई यह कार्रवाई दोनों देशों के सहकार्य का अवमूल्यन करनेवाली है, ऐसी आलोचना अमरीका ने की है। साथ ही ‘पिछली कुछ घटनाओं को देखा जाए तो अमरीका को अपना दूतावास और कर्मचारियों की सुरक्षा के बारे में फिर से सोचना पड़ रहा है। साथ ही अमरिकी दूतावास और उच्च आयुक्तालयों को दी जानेवाली तुर्की नागरिकों की मुलाकातों में हुई कटौती को देखा जाए तो अमरीका ने तुर्की के दूतावास से दिया जानेवाला विसा बंद कर दिया है’, ऐसी घोषणा अमरीका के उच्च आयुक्तालय ने की है। इस वजह से पर्यटन, मीडिया और अन्य क्षेत्रों पर परिणाम होने का दावा किया जा रहा है।

अमरीका की इस कार्रवाई को कुछ घंटे भी पूरे नहीं हुए हैं और वॉशिंगटन में स्थित तुर्की के दूतावास ने भी ऐसे ही निर्देश जारी किए हैं। साथ ही अमरीका में स्थित तुर्की के दूतावास का वीसा बंद किये जाने की वजह से पासपोर्ट, ई-वीसा पर परिणाम होने की जानकारी तुर्की ने दी है। साथ ही सबसे पहले अमरीका ने लिए हुए फैसले की वजह से तनाव निर्माण हुआ है और अमरीका के दूतावास के उपसचिव ने इस मामले में खुलासा करना चाहिए और इस तनाव को कम करने के लिए पहल करनी चाहिए, ऐसी मांग तुर्की ने की है। इस बारे में अमरीका और तुर्की के अधिकारीयों में फोन पर चर्चा होने का दावा भी किया जा रहा है।

राजनितिक तनावपिछले कुछ सालों में अमरीका और तुर्की के बिच बड़ा तनाव निर्माण हुआ है। तुर्की की असफल बगावत के लिए जिम्मेदार गुलेन को अमरीका ने आसरा देने का आरोप तुर्की करा रहा है। गुलेन को अपने हवाले करने की मांग तुर्की ने की थी। लेकिन अमरीका ने तुर्की की मांग को अस्वीकार की थी। उसके बाद तुर्की ने रशिया के साथ लश्करी सहकार्य बढाया। साथ ही सीरिया के संघर्ष में भी तुर्की रशिया के साथ सहभागी हुआ है। नाटो का सदस्य देश और अमरीका का सहकारी देश तुर्की की यह भूमिका अमरीका विरोधी होने का दावा किया जा रहा है।

अमरीका ने भी सीरिया के संघर्ष में कुर्दों के साथ सहकार्य करने की वजह से तुर्की की नाराजगी बढ़ गई है। तुर्की ने कुर्दों के ‘पीकेके’ इस संगठन को आतंकवादी घोषित किया है और अमरीका ने इसी संगठन से संलग्न समूह के साथ हाथ मिलाने की वजह से अमरीका आतंकवादियों के साथ सीरिया के संघर्ष में सहभागी होने का आरोप तुर्की कर रहा है।

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