अमरिका-तैवान के लष्करी सहयोग पर चीन को गुस्सा

Third World Warतैपेई/बीजिंग: व्यापारयुद्ध, साउथ चाइना सी के मुद्दे पर अमरिका और चीन के संबंध बिगड़ते समय, अमरिका और तैवान ने रक्षा सहयोग किया है| इस के तहेत अमरिका से करीबन २ अरब डॉलर्स की लष्करी सहायता तैवान को प्रदान हो रही है| इस सहयोग के अंतर्गत अमरिका से १०८ अबराम टैंक, लगभग २००० मिसाइल के समावेश के साथ बड़ा शस्त्र भंडार खरीदने की जानकारी तैवान के रक्षा मंत्रालय ने दी है| पर तैवान को मिल रहा यह लष्करी सहयोग चीन के ‘वन चाइना धारणा’ के विरोध में होने की वजह से अमरिका-चीन संबंध अधिक बिगड़ेंगे, ऐसा आक्रोश चीन के विदेश मंत्रालय ने व्यक्त किया है|

पिछले कुछ महीनों से तैवान की सागरी और हवाई सीमा के पास चीन की आक्रामक गतिविधियां बढ़ रही है| चीन का लष्कर तैवान की सीमा में घुसपैठ करने की तैयारी में होने की खबरें प्रसिद्ध हुई थी| पर तैवान की हवाईसीमा में घुसपैठ करनेवाले चीन के विमानों को तैवान के विमानों ने भगाया था| इस पृष्ठभूमि पर तैवान ने अमरिका के पास शस्त्र की खरीद ने के लिए मांग रखी थी| चीन को प्रत्युत्तर देने के लिए तैवान ने अमरिका के पास प्रगत तंत्रज्ञान के टैंक और मिसाइलों की खरीदारी संबंधी चर्चा की थी|

अमरिकी माध्यमों में इस संबंध में खबरें प्रसिद्ध हुई थी| पर अमरिका अथवा तैवान से इस बारे में अधिकृत घोषणा नहीं हुई थी| गुरुवार को तैवान ने अमरिका के साथ इस सहयोग की घोषणा की है| तैवान ने अमरिका के साथ २ अरब डॉलर्स के शस्त्र की खरीदारी करने के लिए करार किया है| इस करार के अंतर्गत अमरिका तैवान को १०८ एम१ए२ अबराम टैंक तथा टैंकरभेदी एवं वजन को हल्के होनेवाले १५०० जैवलिन एवं ‘टो’ मिसाइल और ढाई सौ विमानभेदी स्ट्रिंगर मिसाइल्स की आपुर्ति करेगी|

अमरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस शस्त्र सहयोग को मंजूरी दी है और अगले कुछ दिनों में अमरिकन कांग्रेस इसपर निर्णय लेनेवाली हैं| पर अमरिका से तैवान को हो रही यह हथियारों की आपुर्ति पर आक्षेप जताकर चीन ने तीव्र नाराजगी व्यक्त की है| अमरिका एवं तैवान में हुआ रक्षा सहयोग हमें मंजूर न होने की बात चीन ने अनेक बार कही है| उसके बाद भी अमरिका ने तैवान के साथ २ अरब डॉलर्स का रक्षा सहयोग करके ‘वन चाइना धारणा’ के विरोध में भूमिका लेने की आलोचना चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गैंग शुआंग ने की है|

तैवान यह अपना ही सार्वभौम भाग होने का दावा चीन कर रहा है| इसलिए अन्य कोई भी देश, अथवा संगठन तैवान के साथ स्वतंत्र सहयोग स्थापित न करें, ऐसी चीन की भूमिका है| तैवान यह चीन का ही भूभाग होने की बात मंजूर करनेवाले अर्थात वन चाइना पॉलिसी मंजूर होनेवाले देश के साथ चीन राजनीतिक तथा अन्य स्तर पर भी सहयोग कर रहा है| आज तक अमरिका ने चीन की वन चाइना धारणा को चुनौती नहीं दी थी| पर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प सत्ता पर आने के बाद उन्होंने तैवान के साथ राजनैतिक, लष्करी और व्यापारी सहयोग बढ़ाते हुए आक्रामक धारणा का स्वीकार किया है|

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