अमरीका तैवान को हथियार सप्लाई करेगा; अमरीका की घोषणा पर चीन की नाराज़गी

वॉशिंग्टन/बीजिंग, दि. ३० : अमरीका ने तैवान को १.४२ अरब डॉलर्स के हथियारों की सप्लाई करने की तैयारी की है, ऐसी घोषणा अमरीका के विदेशमंत्रालय की प्रवक्ता ‘हिथर न्यूअर्ट’ ने की है| ट्रम्प प्रशासन की ओर से तैवान को हथियार बेचने का यह पहला फ़ैसला है| लेकिन चीन ने अमरीका की इस भूमिका पर कड़ी नाराज़गी जताई है| चीन की ‘वन-चायना पॉलिसी’ को नज़रअंदाज करके अमरीका ने इन हथियारों को बेचा, तो तैवान की स्वतंत्रता की माँग करनेवालों को गलत संदेश जायेगा, ऐसी आलोचना चीन ने की है|

अमरीका ने तैवान को ‘एसएम-२’ प्रक्षेपास्त्र, रडार यंत्रणा, किरणोत्सर्गभेदी प्रक्षेपास्त्र और अन्य हथियारों की ब्रिकी करने की घोषणा, अमरीका के विदेशमंत्रालय ने की है| तैवान को दिए जानेवाले हथियारों की जानकारी ट्रम्प प्रशासन ने अमरिकी काँग्रेस को दी है| जल्द ही काँग्रेस की ओर से इस पर मुहर लगाई जा सकती है, ऐसी जानकारी न्यूअर्ट ने दी है|

तैवान को हथियारअमरीका ने तैवान के साथ किए सैनिकी सहयोग के तहत यह हथियारों की बिक्री की जानेवाली है| तैवान के स्वरक्षा की भूमिका को अमरीका का समर्थन है, यह इससे स्पष्ट होता है, ऐसा अमरीका के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता न्यूअर्ट ने स्पष्ट किया| तैवान ने अमरीका के पास आधुनिक लड़ाकू विमान और विनाशिकाओं की माँग की थी| लेकिन इस संदर्भ में अधिक जानकारी देने से न्यूअर्ट ने इन्कार किया है|

अमरीका की इस घोषणा पर चीन के दूतावास ने कड़ी नाराज़गी जताई है| अमरीका की इस भूमिका पर नाराज़गी जताने का पूरा अधिकार चीन सरकार और चिनी जनता को है| इस कारण, चीन के विदेशमंत्रालय ने अमरीका को अपने इस निर्णय को पिछे लेने का आवाहन किया है|

तैवान को हथियारतैवान चीन का अविभाज्य भूभाग है और अमरीका की ओर से तैवान को दिए जानेवाले इन हथियारों का चीन की ओर से कड़ा निषेध किया जा रहा है| अमरीका और चीन के बीच के सहयोग पर असर करनेवाले इस ग़लत निर्णय से अमरीका पीछे हटे, ऐसा चीन के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ‘लू कँग’ ने कहा है| वहीं, अमरीका और चीन के बीच के सहयोग में ‘तैवान’ यह अहम मुद्दा था| अमरीका ने तैवान को सैनिकी सहयोग जारी रखा, तो इस क्षेत्र की शांति और स्थिरता ख़तरे में पड़ सकती है, ऐसी चेतावनी चीन के रक्षामंत्रालय ने दी है|

तैवान को हथियारअप्रैल महिने की शुरुआत में चीन के राष्ट्राध्यक्ष ‘शी जिनपिंग’ अमरीका के दौरे पर आए थे| उस वक्त अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ‘डोनाल्ड ट्रम्प’ ने, चीन की ‘वन चायना पॉलिसी’ को अमरीका अहमियत देती है, ऐसी घोषणा की थी| राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अपनाई इस भूमिका का चीन ने स्वागत किया था, लेकिन अमरीका से इसपर आलोचना हुई थी| चीन के साथ के व्यापारी सहयोग को बचाने के लिए राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प तैवान के साथ के सैनिकी सहयोग पर पानी छोड़ रहे हैं, ऐसी आलोचना की जा रही थी| लेकिन दो महीने के बाद राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने, तैवान को हथियार बेचने की घोषणा करने चीन को झटका दिया है|

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