‘अमरीका पाकिस्तान पर कडी कार्रवाई करें’ : पेंटॅगॉन के पूर्व सलाहकार की सलाह

वॉशिंग्टन, दि. २४ : ‘कम से कम इसके आगे तो अमरीका पाकिस्तान के दाँवपेंचों का शिक़ार न होते हुए पाकिस्तान पर कड़ी कार्रवाई करें’, ऐसा आवाहन अमरीका के रक्षा मुख्यालय पेंटॅगॉन के पूर्व वरिष्ठ सलाहकार ने किया है| सन २००९ से २०१४ तक की कालावधि में पेंटॅगॉन के वरिष्ठ सलाहकार रहे ‘ख्रिस्तोफर डी. कोलेंडा’ ने, पाकिस्तान को अमरीका से दी जानेवाली मदद और विशेष दर्जा रद करने की माँग की है| अमरीका के हितसंबंधों को धक्का पहुँचाकर विश्वासघात करनेवाले इस देश को सबक सिखाये बिना उसकी अक़्ल ठिकाने नहीं आयेगी, ऐसी सलाह कोलेंडा ने राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के प्रशासन को दी है|

पाकिस्तान पर कडी कार्रवाईपिछले कई हफ्तों से अमरीका के राजनयिक एवं विशेषज्ञ, पाकिस्तान के संदर्भ में कड़ा रूख़ अपनाने का आवाहन ट्रम्प प्रशासन को कर रहे है| इस पृष्ठभूमि पर ख्रिस्तोपर कोलेंडा का लेख एक वेबसाईट पर प्रकाशित हुआ| इस लेख में उन्होंने, अफगानिस्तान संदर्भ में पाकिस्तानी नीती दोमुँहा है, ऐसी कड़ी आलोचना की| ‘अफगानिस्तान में अमरीका की सहायता करने से इन्कार करनेवाले पाकिस्तान को सबक सिखाने का समय आया है| कम से कम इसके आगे तो अमरीका पाकिस्तान के दाँवपेंचों का शिक़ार को न होते हुए अचूक नीति बनायें, ऐसा आवाहन कोलेंडो ने किया|

शीतयुद्ध के समय में अमरीका ने पाकिस्तान को, ‘नाटो बाहर का सबसे बड़ा महत्त्वपूर्ण सदस्यदेश’ यह दर्जा दिया था| यह दर्जा अमरीका खारिज़ करें, ऐसी माँग कोलेंडो ने की| इसके साथ ही, अमरीका पाकिस्तान को दिया जानेवाला सभी प्रकार का सेना का सहयोग रोक लें| इससे पाकिस्तान को सबक मिलेगा, ऐसा दावा कोलेंडा ने किया| सन १९९० में अमरीका ने पाकिस्तान पर कडे प्रतिबंध लगाये थे| फिर भी पाकिस्तान ने कश्मीर में आतंकी कारनामें जारी रखे थे, इसकी याद पेंटॅगॉन के पूर्व सलाहकार ने  दिलायी | इसी कारण पाकिस्तान पर सख्त प्रतिबंध लगाने की ज़रूरत है, ऐसे कोलेंडा ने इस लेख में कहा है|

अफगानिस्तान की भूमि पर एक ही समय भारत, पाकिस्तान, ईरान और बाकी देशों के हितसंबंध बरक़रार रखना अमरीका के लिए संभव नही है| अत: इस हितसंबंधों की प्रतिस्पर्धा में अफगानिस्तान को अलग रखना अमरीका के लिए उचित होगा, ऐसी सलाह कोलेंडा ने दी| इसी दौरान, अफगानिस्तान में शांति प्रस्थापित करने की कोशिश की, तो उसका फ़ायदा पाकिस्तान को मिलनेवाला है, इसका एहसास अमरीका ने इस देश को कराके देना चाहिए, ऐसा कोलेंडा का कहना है| इससे पहले, अमरीका के कुछ मान्यताप्राप्त अभ्यासगुटों ने पाकिस्तान के संदर्भ में कड़ा रूख़ अपनाने की सलाह ट्रम्प प्रशासन को दी थी|

राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प आगे चलकर पाकिस्तान के संदर्भ में कडी भूमिका अपनायेंगे, ऐसे संकेत इन अभ्यासगुटों के संयुक्त रिपोर्ट द्वारा मिले हैं, ऐसा दावा किया जाता था| अफगानिस्तान स्थित अमरिकी सेना के कमांडर ने भी पाकिस्तान की आतंकवादी नीति पर गंभीर इल्ज़ाम लगाये हैं| वहीं, ‘सीआयए’ के पूर्व अधिकारी केविन हलबर्ट ने भी, ‘पाकिस्तान यह दुनिया के लिए सबसे खतरनाक देश है’ ऐसी चेतावनी अपने प्रशासन को दी थी| ये चेतावनियाँ इसी बात की निर्देशक हैं कि ट्रम्प प्रशासन जल्द ही पाकिस्तान के संदर्भ में आक्रामक फैसले जाहीर करेंगे, ऐसे दावे पाकिस्तान से किये जा रहे है| इसके लिए पाकिस्तान चीन, रशिया और ईरान के साथ संबंध व्यापक बनायें और अमरीका के प्रतिबंधों का सामना करने की तैयारी रखें, ऐसी सूचना पाकिस्तान के सामरिक विश्‍लेषक दे रहे हैं|

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