अमरीका के ‘स्पेस फोर्स’ द्वारा लष्करी उपग्रह प्रक्षेपित

‘स्पेस फोर्स’वॉशिंग्टन – अमरिकी ‘स्पेस फोर्स’ का भाग होने वाले ‘स्पेस सफारी युनिट’ ने ‘ओडेसी’ नामक लष्करी उपग्रह अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया है। ‘ओडेसी’ यह ‘सर्व्हिलन्स सॅटेलाईट’ श्रेणी का उपग्रह होकर, अंतरिक्ष के खतरनाक घटकों को पहचान कर उनपर नज़र रखने का काम करेगा, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी। अमरीका द्वारा गठन किए गए ‘स्पेस फोर्स’ के युनिट द्वारा स्वतंत्र उपग्रह अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने की यह पहली ही घटना है।

रविवार को ‘युएस स्पेस फोर्स’ के व्हँडनबर्ग बेस से ‘ओडेसी’ उपग्रह का प्रक्षेपण किया गया। ‘नॉथ्रोप ग्रुमन’ कंपनी के ‘एल-१०११ कॅरिअर एअरक्राफ्ट’ और ‘पेगॅसस रॉकेट’ की सहायता से उपग्रह अंतरिक्ष में छोड़े जाने की जानकारी स्पेस फोर्स के अधिकारियों ने दी। कम से कम समय में कोई उपग्रह विकसित करके उसे अंतरिक्ष में छोड़ना, यह ‘ओडेसी’ उपग्रह की मुहिम का उद्देश्य था, ऐसा ‘स्पेस फोर्स’ द्वारा जारी किए गए निवेदन में बताया गया है।

‘युएस स्पेस फोर्स’ द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, ‘ओडेसी’ उपग्रह एक साल के अंदर विकसित करके प्रक्षेपित किया गया है। आम तौर पर किसी उपग्रह का निर्माण, परीक्षण और प्रक्षेपण इसके लिए कई सालों की कालावधी लगती है। लेकिन ‘युएस स्पेस फोर्स’ ने एक साल के अंदर उपग्रह विकसित करके प्रक्षेपित करना गौरतलब साबित हुआ है। ‘स्पेस फोर्स’ के तहत गठन किए गए ‘स्पेस सफारी’ इस नये युनिट पर यही ज़िम्मेदारी है, ऐसा ‘युएस स्पेस फोर्स’ द्वारा बताया गया।
‘स्पेस फोर्स’
इसी बीच, चीन और रशिया की अंतरिक्ष में बढ़ती गतिविधियों को रोकने के लिए नाटो ने पहल की है। नाटो के ‘आर्टिकल ५’ में इसके बाद अंतरिक्ष क्षेत्र का भी समावेश होगा, ऐसी घोषणा नाटो के महासचिव जेन्स स्टॉल्टनबर्ग ने की। ‘आर्टिकल ५’ के अनुसार नाटो के सदस्य देश पर हुआ किसी भी प्रकार का हमला यह नाटो पर हुआ हमला मानकर, नाटो के अन्य सदस्य देश उसे प्रत्युत्तर देंगे, ऐसा प्रावधान है।

फिलहाल इस प्रावधान में, पारंपरिक किस्म का हमला तथा साइबर हमले का समावेश है। लेकिन सोमवार को हुई नाटो की बैठक से पहले, उसमें अंतरिक्ष का भी समावेश किया होने का ऐलान किया गया। ‘उपग्रह अथवा अंतरिक्ष की अन्य यंत्रणाओं पर हुआ हमला, साथ ही अंतरिक्ष से किया गया हमला, ये दोनों बातें आर्टिकल ५ का इस्तेमाल करने पर मजबूर कर सकतीं हैं’, ऐसा जेन्स स्टॉल्टनबर्ग ने कहा। इससे पहले सन २०१९ में नाटो ने, अंतरिक्ष क्षेत्र यह पाँचवा ‘युद्धक्षेत्र’(डोमेन) होने का ऐलान किया था।

पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में फिलहाल तकरीबन दो हज़ार उपग्रह भ्रमण कर रहे होकर, उनमें से एक हज़ार से अधिक उपग्रह नाटो सदस्य देशों के हैं। 

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