अमरिका २९० यह नंबर ध्यान में रखें – ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने अमरिका को धमकाया

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरतेहरान/वॉशिंग्टन: ‘जिन्होंने ईरान को ५२ इस नंबर का दाखिला देकर धमकाया है वह २९० यह नंबर भी ध्यान में रखें और वह भी ञ्च्आयआर६५५ समेत’, इन सीधे शब्दों में ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने अमरिका को करारा जवाब देने की धमकी दी है| साथ ही इसके आगे ईरान को ना धमकाना, यह इशारा भी राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने दिया है| रोहानी यह धमका रहे थे तभी ईरान ने जनरल कासेम सुलेमानी की हुई हत्या का इन्तिकाम लेने के लिए १३ विकल्पों पर विचार जारी होने का दावा सामने आया है|

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने सुलेमानी पर हुए ड्रोन हमले के बाद ईरान को चेतावनी देनेवाला ट्विट किया था| ‘कासेम सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए ईरान ने अमरिका पर हमले किए तो फिर इस मुद्दे पर अमरिका की नीति काफी स्पष्ट रहेगी| अमरिका ने ईरान में ५२ टार्गेट तय करके रखें है| इन जगहों पर अमरिका बडे हमलें करेगी’, यह इशारा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दिया था|

वर्ष १९७९ में ईरान स्थित अमरिकी दूतावास पर कब्जा करके चरमपंथियों ने अमरिका के ५२ राजनीतिक अफसरों को एवं नागरिकों को ४४४ दिनों तक बंधक बनाकर रखा था, इसकी याद दिलाकर ईरान में ५२ जगह हमले के लिए चुने गए है, यह दावा ट्रम्प ने किया है| इस ५२ का जिक्र करते समय अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने हम प्रगत हथियार ईरान के विरोध में इस्तेमाल करते समय हिचकिचाएंगे नही, यह भी कहा है|

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष की इस धमकी के बाद ईरान से आक्रामक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई थी| राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने सुलेमानी को आखरी बिदाई देने के अवसर पर अमरिका को लक्ष्य करने की भी कोशिश की| इस दौरान उन्होंने ट्रम्प को वर्ष १९८८ में अमरिका की युद्धपोत ने ईरान के विमान पर किए हमलें की याद दिलाई| वर्ष १९८८ के जुलाई महीने में तेहरान से दुबई जा रहे ‘ईरान एअर फ्लाईट ६५५’ विमान पर अमरिकी युद्धपोत ने मिसाइल हमला किया था|

ईरान का वर्णित विमान लडाकू विमान होने की आशंका में मिसाइल हमला किया था, यह बात भी आखीर में अमरिका ने उस समय स्पष्ट की थी| अमरिका के इस मिसाइल हमले में विमान में मौजुद सभी २९० लोग मारे गए थे| इस घटना के बाद अमरिका ने लाखों डॉलर्स का हरजाना भी अदा किया था| यह घटना अमरिका और ईरान के बीच बने तनाव में बढोतरी करनेवाली घटनाओं में से एक के तौर पर जानी जाती है|

रोहानी ने इस घटना की याद दिलाने के पीछे सीर्फ यही घटना नही, बल्कि उसके बाद कुछ महिने पश्‍चात हुए ‘लॉकर्बी बॉम्बिंग’ का भी संबंध है, यह दावा कुछ विश्‍लेषक कर हे है| दिसंबर १९८८ में यूरोप के फ्रैंकफर्ट से अमरिका के डेट्रोइट जा रहे ‘पैन ऐम १०३’ विमान में विस्फोट करवाया गया था| इस आतंकी हमले में २४३ लोग मारे गए थे| इस हमले की जिम्मेदारी लीबिया ने उठाई थी|

पर, विश्‍लेषक एवं विशेषज्ञों के अनुसार इस घटना के लिए ईरान ही जिम्मेदार था| लीबिया को ईरान ने ही हमलें के आदेश दिए थे, यह दावा भी कुछ गुप्तचर अफसरों ने किया था| रोहानी की धमकी को ‘ईरान’ के विमान पर हुए हमले के साथ ‘लॉकर्बी’ का भी संदर्भ है, यह ध्यान में रखना होगा, ऐसा दावा विश्‍लेषक कर रहे है|

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