ईरान के ईंधन परियोजनाओं पर अमरिका हमलें करें – सिनेटर लिंडसे ग्रैहम की मांग

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन: खाड़ी क्षेत्र में ईरान से लगातार हो रही उकसाने वाली हरकतें रोकनी हो तो उसे सबक सिखाना होगा और इसके लिए ईरान के ईंधन परियोजनाओं पर अमरिका ने हमलें करने चाहिए, ऐसी मांग सिनेटर लिंडसे ग्रैहम ने की हैं| शनिवार को येमन के हौथी बागियों ने सौदी अरब में किए ड्रोन हमलों के बाद अमरिका ने इन हमलों के लिए ईरान जिम्मेदार होने का आरोप किया था| इस पृष्ठभूमि पर सिनेटर ग्रैहम ने की यह मांग महत्वपूर्ण साबित होती हैं|

‘ईरान के राष्ट्राध्यक्ष रोहानी और विदेश मंत्री झरिफ राजनैतिक बातचीत के माध्यम से मार्ग निकालने के प्रयत्न शुरू होने का दिखावा कर रहे हैं| उसी समय ईरान ने सौदी अरब में लगभग १०० हमलें किए हैं| संघर्ष रोकने का आवाहन किया जाते हुए भी ईरान ने अंतरराष्ट्रीय ईंधन की आपुर्ति खंडित करने वाले हमलें किए हैं| सौदी में हुए हमलें येमन से होने के कोई भी सबूत नहीं मिले हैं’, ऐसे शब्दों में अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने सौदी के हमलों के लिए ईरान ही जिम्मेदार होने का गंभीर आरोप किया हैं|

येमन के हौथी बागियों को ईरान से लगातार सहयोग मिलने के आरोप सौदी अरब तथा उनके मित्र देश और अमरिका ने किए थे| सौदी के शासन ने इसके सबूत भी माध्यमों के सामने प्रस्तुत किए थे| ईरान का सत्ताधारी शासन येमन के हौथी बागियों के जरिए सौदी अरब और मित्र देशों के विरोध में छुपा युद्ध करने का आरोप भी माध्यम कर रहे हैं| इस पृष्ठभूमि पर, अमरिका के विदेश मंत्री ने किया आरोप महत्वपूर्ण साबित होता हैं| विदेशमंत्री पोम्पिओ के साथ-साथ सिनेटर लिंडसे ग्रैहम ने सीधी कार्रवाई की मांग करते हुए सनसनी निर्माण की हैं|

‘ईरान से दी जाने वाली उत्तेजना रोकनी हो तो उस पर कार्रवाई के परिणाम अधिक गंभीर होने चाहिए| इसलिए ईरान के ईंधन परियोजनाओं पर हमलें करना यही विकल्प हो सकता हैं| इससे ईरान के शासन की रीड तोड देना आसानी से संभव हो सकता हैं| अमरिका ने भी ईरान के ईंधन परियोजनाओं पर कार्रवाई के विकल्प पर गंभीरता से विचार करना चाहिए’, ऐसे शब्दों में लिंडसे ग्रैहम ने ईरान पर कार्रवाई की मांग की हैं|

अमरिका ने ईरान के ईंधन निर्यात पर कठोर प्रतिबंध लगाए हैं| इस कारण नाराज हुए ईरान ने खाड़ी से ईंधन की यातायात नहीं होने देने की धमकी दी थीं| उसके बाद पर्शियन खाड़ी के सौदी, यूएई और अन्य विदेशी ऑईल टैंकर्स पर घातक हमलें होते हुए है और सौदी में हुए नए हमलें ईरान ने दी धमकी का ही भाग होगा, ऐसा माना जाता हैं|

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