अफ़गानिस्तान में घुसकर तालिबान पर हमला करने के लिए अमरीका ने पाकिस्तान में लष्करी अड्डा बनाया

लष्करी अड्डाकाबुल – अफ़गानिस्तान से सेना हटाने से पहले अफ़गानिस्तान के पड़ोसी देशों में अमरीका लष्करी अड्डों का प्रबंध करेगी, यह ऐलान अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने किया था। इसके बाद अफ़गानिस्तान से हटाई जा रही सेना पाकिस्तान में तैनात की जाएगी, ये दावे भी होने लगे थे। इसपर पाकिस्तान के विदेशमंत्री ने, अमरिकी सेना को पाकिस्तान की ज़मीन पर पैर भी रखने नहीं दिया जाएगा, ऐसी भूमिका अपनाने की बड़ी धीटता दिखाई थी। लेकिन, अब अफ़गानिस्तान की सीमा से जुड़े पाकिस्तान के इलाके में अमरीका ने अपना लष्करी अड्डा बनाया होने की बात स्पष्ट हुई है। इसके पाकिस्तान को बड़े गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे, ऐसी चेतावनी इस देश के पत्रकार दे रहे हैं।

अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान की ड्युरांड़ लाईन की सीमा पर स्थित पाकितिया-खुर्रम इलाके में अमरिकी अड्डे का निर्माण हो रहा है। इस स्थान पर रोज़ाना आठ से दस हेलिकॉप्टर्स उड़ान भरते हैं, ऐसी जानकारी स्थानीय प्रदान कर रहे हैं। साथ ही, यहाँ के शालोझन एवं टर्मिनल क्षेत्र में भी नई चौकियों का निर्माण किया गया है। ये चौकियाँ इसी अड्डे की सुरक्षा के लिए बनाई गई होंगी, ऐसा स्थानीय लोगों का कहना है। इस वजह से, अफ़गानिस्तान से अपनी सेना हटाने के बावजूद अमरीका इस देश का नियंत्रण नहीं छोड़ेगी, यह बात स्पष्ट तौर पर दिखाई देने लगी है। पाकिस्तान के इस अड्डे का इस्तेमाल अमरीका, अफ़गानिस्तान की सेना को सहायता प्रदान करने के लिए एवं तालिबान पर हमलें करने के लिए करेगी, ऐसें संकेत दिए जा रहे हैं।

अफ़गानिस्तान में नियुक्त अमरीका के अफसर इससे संबंधित जानकारी प्रदान करने के लिए अभी तैयार नहीं हैं। लेकिन, फिलहाल अफ़गान सेना और तालिबान के बीच जारी घमासान संघर्ष में, अमरीका की वायुसेना के तालिबान पर हमलें होने की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। इस वजह से सैकड़ों की संख्या में तालिबानी आतंकी मारे जा रहे हैं। अमरीका के इन हवाई हमलों के लिए पाकिस्तान ने अपनी हवाई सीमा का इस्तेमाल करने की अनुमति अमरीका को प्रदान करने की बात भी सामने आयी थी। इस वजह से अमरीका के तालिबान पर हो रहें हमलें पाकिस्तान की सहमति से ही होते हुए दिख रहे हैं।

बीते कुछ हफ्तों में प्राप्त हो रहीं खबरों में ये दावे किए जा रहे हैं कि तालिबान से पाकिस्तान को काफी बड़ा खतरा बन सकता है। माध्यमों में ऐसीं खबरें जारी करने के पीछे, पाकिस्तान की ही रणनीति होने की बात अब स्पष्ट हुई है। पाकिस्तान अपने लिए लष्करी अड्डे उपलब्ध कराएँ, इस उद्देश्‍य के लिए अमरीका ने भारी दबाव बनाया था। ‘फायनैन्शिअल एक्शन टास्क फोर्स’ यानी ‘एफएटीएफ’ की कार्रवाई करने की धमकी एवं आर्थिक सहायता रोककर पाकिस्तान को कंगाल करने की चेतावनी का भी इसमें समावेश था। इसी वजह से अमरीका की माँग स्वीकारने के लिए पाकिस्तान मज़बूर हुआ। लेकिन, अधिकृत स्तर पर अभी भी इन दोनों देशों ने इस मुद्दे पर समझौता नहीं किया है। इस वजह से फिलहाल जारी यह सहयोग अनौपचारिक स्तर का ही होने की बात दिख रही है।

इससे संबंधित जानकारी छुपाकर पाकिस्तान अपनी इज्ज़त बचाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन, अफ़गानिस्तान, ईरान और रशियन माध्यमों ने इससे संबंधित खबरें जारी की हैं। पाकिस्तान में बने अमरिकी अड्डे के सबूत हमारे पास हैं, ऐसा कहकर, अमरीका की सहायता से ही पाकिस्तान इन अड्डों का निर्माण कर रहा है, यह दावा रशियन माध्यमों ने किया है। इस वजह से अगले दिनों में चीन, रशिया और ईरान की नाराज़गी पाकिस्तान को परेशान करेगी, यह दिख रहा है। साथ ही, तालिबान पर हमलें कर रहीं अमरीका को अपने अड्डे उपलब्ध करा रहें पाकिस्तान पर तालिबान के भीषण हमलें शुरू होंगे, यह चिंता पाकिस्तान के पत्रकार जताने लगे हैं।

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