इस्रायल पर हमलों के लिए ज़िम्मेदार होनेवाले ईरान के साथ अमरीका चर्चा ना करें – अमरिकी सिनेटर्स की जोरदार माँग

वॉशिंग्टन – गाज़ा पट्टी के हमास और इस्लामिक जिहाद इन आतंकवादी संगठनों को ईरान का खुला समर्थन है। ईरान की सहायता और उकसावे के कारण ही इन आतंकवादी संगठनों ने इस्रायल पर सैकड़ों रॉकेट हमले किए। ऐसी परिस्थिति में, राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन इस्रायल के सुरक्षा अधिकारों का डटकर समर्थन करें और इस्रायल पर हुए हमलों के लिए ज़िम्मेदार होनेवाले ईरान के साथ चल रही चर्चा से तुरंत किनारा करें’, ऐसी माँग अमरीका के अग्रसर सीनेटर ने की। इस माँग को अमरिकी माध्यमों से भी प्रतिसाद मिल रहा है। इस्रायल के विनाश के लिए कोशिश करनेवाले ईरान को छूट देने के लिए बायडेन प्रशासन क्यों पहल कर रहा है? ऐसा सवाल अमरिकी माध्यम पूछ रहे हैं।

Israel-attacksपिछले कुछ दिनों से गाज़ा पट्टी से इस्रायल पर सैकड़ों रॉकेट और क्षेपणास्त्रों के हमले हुए हैं। अमरीका ने सन १९९७ में आतंकवादी संगठन घोषित किया हमास ये हमलें कर रहा है। ईरान से हमास को आर्थिक तथा लष्करी सहायता मिल रही होने का आरोप अमरीका के पूर्व प्रशासनों ने किया था। ऐसी परिस्थिति में, बायडेन प्रशासन वियना में ईरान के साथ जारी चर्चा को तुरंत रोकें, ऐसी माँग अमरीका की रिपब्लिकन पार्टी के ४४ सिनेटर्स ने पत्र के द्वारा की है। इनमें टेड क्रूझ, मार्को रुबियो, टॉड यंग, टॉम कॉटन, रिक स्कॉट, डॅन सुलिवन, मिट रूम्नी, जॉन केनेडी ऐसे वरिष्ठ सिनेटर्स का समावेश है।

इस पत्र के जरिए रिपब्लिकन सिनेटर्स ने ईरान की जोरदार आलोचना की। ‘ईरान से पैसा मिले हुए गाज़ा के आतंकवादी इस्रायल पर रॉकेट बरसा रहे हैं। इस्रायली जनता, शहर, इतना ही नहीं बल्कि इस्रायल की राजधानी जेरूसलम को भी इन आतंकवादियों ने लक्ष्य किया है। हमास ने इस्रायल पर किए इन हमलों के लिए अमरीका ईरान को जिम्मेदार ठहरायें और किसी भी हालत में ईरान को प्रतिबंधों से छूट ना दें’, ऐसा आवाहन इन सिनेटर्स ने किया। सन २०१४ के बाद पहली ही बार जेरूसलम के पास रॉकेट गिरे हैं, इसकी याद इन सिनेटर्स ने करा दी। उसी के साथ, हमास के इन रॉकेट हमलों के कुछ ही दिन पहले ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी ने सोशल मीडिया के द्वारा किए उकसावे पर भी इन सिनेटर्स ने ग़ौर फ़रमाया।

Israel-attacks-Iran ‘इस्रायल की सुरक्षा के संदर्भ में होनेवाली अपनी प्रतिबद्धता दिखा देने के लिए और अमरीका के हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए, बायडेन प्रशासन ईरान के साथ चल रही चर्चा को तुरंत रोकें। साथ ही, किसी भी प्रकार से ईरान को प्रतिबंधों से छूट नहीं मिलेगी, यह ईरान से डटकर कहें’, ऐसी फटकार इन सिनेटर्स ने लगाई। उसी के साथ ईरान यह इस्रायल का शत्रुदेश होकर, परमाणु समझौते के संदर्भ में चल रही चर्चा और दीं जानेवालीं सहूलियतें इस शत्रुदेश को समृद्ध करनेवालीं साबित होंगी, ऐसा रिपब्लिकन सिनेटर्स ने जताया।

४४ सिनेटर्स का यह पत्र बायडेन प्रशासन पर दबाव बढ़ानेवाला होने का दावा किया जाता है। अमेरिका की अग्रसर न्यूज़ चैनल ने बायडेन प्रशासन की आलोचना की है। अमरीका ने इससे पहले ईरान को आतंकवाद का सबसे बड़ा प्रायोजक देश क़रार दिया है। इसी ईरान ने इस्रायल के विनाश की घोषणाएँ दी हैं। फिर इसी ईरान को कड़े प्रतिबंधों से मुक्त करने के लिए बायडेन प्रशासन क्यों कोशिश कर रहा है? ऐसा सवाल अमरीका के न्यूज़ चैनल ने किया है।

अगर अमरीका ने ईरान को प्रतिबंधों से मुक्त किया और फिलिस्तीनियों को आर्थिक सहायता प्रदान की, तो वह सहायता गाज़ा स्थित हमास इस आतंकवादी संगठन के पास ही जाएगी और वे पुनः इस्रायल पर हमले करेंगे, इस पर अमरिकी न्यूज़ चैनल गौर फरमा रहे हैं। 

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