‘वुहान लैब लीक’ मामले में चीन पर कार्रवाई करने के लिए अमरिकी जनप्रतिनिधि की गतिविधियाँ शुरू

चीन पर कार्रवाईवॉशिंग्टन – अमरीका के सिनेटर मार्को रुबिओ ने चीन पर प्रतिबंध लगाने के लिए आवश्‍यक विधेयक से संबंधित गतिविधियाँ शुरू की हैं। कोरोना के उद्गम की जाँच शुरू करने के लिए चीन ने अपेक्षित सहयोग नहीं किया तो अमरिकी संसद में यह विधेयक पेश किया जाएगा, यह जानकारी मार्को रुबिओ ने साझा की। अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने एक दिन पहले ही यह इशारा दिया था कि, कोरोना की जाँच में चीन ने सहयोग नहीं किया तो यह देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग हो जाएगा। ‘जी ७’ की बैठक में भी सदस्य देशों ने चीन को इसी तरह का संदेश दिया था। इस वजह से चीन पर अधिकाधिक दबाव बढ़ता जा रहा है।

वुहान लैब लीक’ यानी चीन के वुहान स्थित लैब में ही कोरोना का विषाणु विश्‍वभर में संक्रमित होने के दावों की पुष्टी करनेवाली जानकारी माध्यमों द्वारा प्रसिद्ध की जा रही है। इतना ही नहीं बल्कि, कोरोना का विषाणु यानी चीन का जैविक हथियार था और चीन काफी पहले से इस पर काम कर रहा था, यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय स्तर के नामांकित अखबार एवं वैज्ञानिकों ने सार्वजनिक की है। इस वजह से कोरोना का विषाणु प्राकृतिक होने के दावे अब पिछड़ रहे हैं और पूरा विश्‍व चीन को अब आशंका से देखने लगा है। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपना दल भेजकर चीन में कोरोना के उद्गम से संबंधित की हुई जाँच में चीन ने सहयोग नहीं किया था, यह बात भी विश्‍व के सामने आयी है।

इसका असर दिखाई देने लगा है और अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने अपने गुप्तचर विभाग को कोरोना के उद्गम की जाँच करके रपट पेश करने के आदेश दिए हैं। इसी बीच अमरीका के विपक्षी नेता इस मसले पर चीन को घेरने की माँग कर रहे हैं। रिपब्लिकन पार्टी के सिनेटर मार्को रुबिओ ने भी चीन पर आशंका जताई है। ‘यदि चीन को कोरोना की आवश्‍यक जाँच करनी थी तो यह जाँच इस देश ने बीते १८ महीनों में ही शुरू की होती’, इस मुद्दे पर रुबिओ ने ध्यान आकर्षित किया है।

चीन ऐसा नहीं कर रहा है क्योंकि, इसका कारण बिल्कुल स्पष्ट है। क्योंकि, कोरोना के उद्गम की जाँच के बाद इससे संबंधित जो भी जानकारी सामने आएगी उससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन के खिलाफ गुस्से की लहर उठेगी, यह चिंता इस देश को सता रही है, ऐसा सिनेटर मार्को रुबिओ ने कहा है। इसी कारण चीन ने कोरोना की जाँच में सहयोग करने से इन्कार किया तो इस देश पर सख्त प्रतिबंध लगाने की तैयारी हमने जुटाई है और इसके लिए विधेयक तैयार करने के संकेत रुबिओ ने दिए। इस विधेयक का ब्यौरा रुबिओ ने सार्वजनिक नहीं किया है। लेकिन, इसमें चीन के वैज्ञानिकों को लक्ष्य किया जाएगा और अमरीका से चीन को प्राप्त हो रही आर्थिक सहायता एवं चीन के सहयोग से जारी अमरीका का शोधकार्य बंद किया जाएगा, ऐसी कड़ी संभावना जताई जा रही है।

इसी के साथ चीन पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाने का प्रावधान इस विधेयक में होने चाहिएं, यह दावा माध्यमों ने किया है। चीन हमारी सहायता करेगा, इस उम्मीद पर रहे बिना चीन को सहयोग के लिए मज़बूर करनेवाले कदम अमरीका उठाए, यह माँग रुबिओ ने रखी। पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने यह माँग की थी कि, विश्‍वभर में कोरोना की महामारी फैलाकर लाखों लोगों की जान लेनेवाले चीन ने अमरीका और विश्‍व को १० ट्रिलियन डॉलर्स हर्ज़ाना देना चाहिए। इसके लिए अमरीका लगातार कोशिश जारी रखे, यह अपेक्षा भी ट्रम्प ने व्यक्त की थी।

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