तुर्की के अल कायदा समर्थकों पर अमरीका के प्रतिबंध

turkey-al-qaeeda-us-1वॉशिंग्टन/अंकारा – तुर्की की गुप्तचर यंत्रणा से संबंधित और अल कायदा की सहायता करने में जुटे पांच लोगों पर अमरीका ने प्रतिबंध लगाए हैं। अमरिकी विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने इन प्रतिबंधों का ऐलान किया। इस निर्णय के तहत प्रतिबंधित अल कायदा के समर्थकों में तुर्की के तीन और इजिप्ट के दो नागरिकों का समावेश है। इनमें से तुर्की के एक नागरिक का सीरिया में स्थित अल कायदा और उसके सहायक आतंकी गुट एवं तुर्की की गुप्तचर यंत्रणा के साथ ताल्लुकात होने की बात देखी गई है।

turkey-al-qaeeda-us-3अमरिकी विदेशमंत्री ब्लिंकन ने बीते हफ्ते इन प्रतिबंधों का ऐलान किया। ‘अल कायदा और अन्य आतंकी गुटों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अमरीका वचनबद्ध है। इसमें उन्हें प्राप्त हो रही आर्थिक सहायता का भी समावेश है। अमरीका ने तुर्की से कार्यरत  अल कायदा के पांच समर्थकों पर प्रतिबंध लगाए हैं। अमरीका, अमरीका के हित और अमरिकी नागरिकों को नुकसान पहुँचानेवालों को आगे भी लक्ष्य किया जाएगा’, इन शब्दों में विदेशमंत्री ब्लिंकन ने इस कार्रवाई की जानकारी प्रदान की।

अमरीका के वित्त विभाग से संबंधित ‘ऑफिसर ऑफ फॉरेन ऐसेटस्‌ कंट्रोल’ ने इन प्रतिबंधित लोगों के नाम सार्वजनिक किए हैं। इनमें तुर्की के गुरलेन सोनेर, गुज़ेल सेब्रेल, मुसलिहान नुरेतिन का समावेश है। इसके अलावा इजिप्ट के अल ग्ज़लानी और सलिम मजदी नामक वकिलों पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं। अल गज़लानी ‘फायनान्शिअल कुरिअर’ के तौर पर काम करने में जुटा होने की बात भी स्पष्ट हुई है।

turkey-al-qaeeda-us-2तुर्की के गुरलेन सोनेर के ताल्लुकात तुर्की की गुप्तचर यंत्रणा और सीरिया में स्थित अल कायदा और उसके समर्थक गुटों से होने की बात कही जा रही है। तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन से संबंधित स्वयंसेवी संस्था में भी सोनेर ने काम किया है, यह दावा किया जा रहा है। बीते दशक में तुर्की ने सीरिया में अल कायदा और अन्य आतंकी गुटों को हथियारों की आपूर्ति करने की बात सामने आयी थी। इस मामले में सोनेर ने बतौर मध्यस्थ काम किया था, यह भी कहा जा रहा है।

वर्ष २०१६ में रशिया ने संयुक्त राष्ट्रसंघ को अल कायदा समर्थकों की सूचि प्रदान की थी। इस सूचि में भी सोनेर का नाम मौजूद था। इसके बाद वर्ष २०१९ में उसे नायजेर की यंत्रणाओं ने हिरासत में लिया था। अफ्रीका की आतंकी संगठनों को हथियारों की आपूर्ति करने के अपराधिक मामले के तहत यह कार्रवाई की गई थी। अब अमरीका ने भी उस पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई की है और इस मामले में तुर्की की यंत्रणा की भूमिका पर आशंका जताई जा रही है।

तालिबान ने अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद अल कायदा फिर से संगठित होने की बात सामने आ रही है। इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी यंत्रणाओं ने की हुई यह कार्रवाई ध्यान आकर्षित करती है।

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