अमरिकी प्रतिबंधों ने ईरानी जनता की रीढ तोडी – वृत्तसंस्था का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरतेहरान – ईरान में महंगाई लगभग ३७ प्रतिशत तक भड़क चुकी है और खरीदारी के लिए पहले से ५ से १० गुनी ज्यादा रकम चुकानी पड़ रही है| ईरान की जनता को एक अमरिकी डॉलर के लिए लगभग १ लाख ३० हजार रियाल चुकाने पड़ रहे हैं| उस समय देश में बेरोजगारी १२ प्रतिशत तक गई है और लगभग ३० लाख से अधिक नागरिक बेरोजगार बने हैं| यह सब कुछ अमरिका के प्रतिबंधों की वजह से हुआ है और हमारी आर्थिक रीड टूटने का खेद ईरानी जनता व्यक्त कर रही हैं| इस पृष्ठभूमि पर अमरिका ने ईरान पर नए प्रतिबंधों की चेतावनी दी है और उससे ईरानी जनता की स्थिति अधिक जटिल होनेवाली है|

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले वर्ष अमरिका ने ईरान के साथ किए परमाणु करार से वापसी करते हुए, प्रतिबंध जारी करने की घोषणा की थी| अमरिका ने जारी किए इन प्रतिबंधों की वजह से ईरान की वित्त व्यवस्था गिरी थी एवं उसका प्रभाव राजधानी तेहरान के साथ ईरान के प्रमुख शहरों में दिखाई दिया है| ईरान में रोहानी सरकार के धारणाओं की वजह से ईरान की जनता को महंगाई, बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है, ऐसा आरोप हुआ था| सत्ताधारी प्रशासन के विरोध में तीव्र असंतोष व्यक्त करने के लिए ईरान के कर्मचारी, व्यापारी, विद्यार्थी, उद्यमी रास्ते पर उतरे थे| 

लष्करी स्तर पर भी ईरान ने अमरिका को ‘जैसे को तैसा’ प्रत्युत्तर देने की चेतावनी दी है| पिछले हफ्ते में अमरिका का ड्रोन गिरानेवाले ईरान ने आगे चलकर अमरिका पर हमला करने की पूर्ण तैयारी होने के दावे किए हैं| नए मिसाइल, पनडुब्बियॉं, मिसाइल भेदी यंत्रणा के प्रदर्शन से ईरान के प्रशासन ने अपनी रक्षा क्षमता दिखाई है| पर लष्करी स्तर पर अमरिका को टक्कर देनेवाला ईरान अमरिका के प्रतिबंधों का मुकाबला करने में असफल ठहरा है|

ईरान के नेता एवं अधिकारियों के साथ जनता भी अमरिका के प्रतिबंध मतलब आर्थिक युद्ध है, ऐसा दावा कर रहे हैं| पर अमरिका के इस युद्ध में ईरान दुर्बल होने का चित्र पिछले वर्ष से सामने आया है| ईरान की वित्त व्यवस्था की रीढ़ होनेवाले ईंधन निर्यात को भी अमरिका ने दिया झटका, ईरानी प्रशासन एवं जनता के लिए भीषण परिणामों की शुरुआत है| अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषक एवं वित्त संस्थाओं के दावे के अनुसार ईरान की ईंधन निर्यात लगभग बंद हुई है| रशिया, चीन, सीरिया एवं इराक को छोड़कर फिलहाल कोई भी देश ईरान से ईंधन की आयात नहीं कर रहा|

इन देशों से होनेवाले ईंधन आयात का ईरान के वित्त व्यवस्था को बहुत ज्यादा आधार न होकर उसके विपरीत वित्त व्यवस्था पर तनाव अधिक बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं| जागतिक बैंक एवं अंतरर्राष्ट्रीय मुद्राकोष जैसी प्रमुख संस्थाओं ने भी ईरान की वित्त व्यवस्था की दुर्दशा होने की बात एवं उसके परिणाम ईरानी जनता को भुगतने पड रहे है, यह स्पष्ट रूप से सूचित किया है| जागतिक बैंक ने ईरान को भयंकर आर्थिक मंदी का सामना करना होगा, ऐसी चेतावनी दी है| तथा मुद्राकोष ने लगातार दूसरे वर्ष ईरान की वित्त व्यवस्था पर संकट कायम रहने के संकेत दिए हैं|

ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने अमरिकी प्रतिबंधों की वजह से देश की स्थिति अधिक बिगड़ने का बयान दिया है और १९८० के दशक में हुए इराक युद्ध से भी भयानक स्थिति का सामना अब ईरान को करना होगा, ऐसी चिंता व्यक्त की है| यह चिंता व्यक्त करते हुए ईरानी जनता को दिलासा देने में एवं आवश्यक बदलाव करने में रोहानी सरकार असफल ठहरी है|

इस वजह से आनेवाले समय में अमरिका के प्रतिबंध ईरान पर और भी दबाव बढ़ाएंगे और उसका रूपांतर जनता के असंतोष में होगा. ऐसे चिन्ह दिखाई देने लगे हैं| सरकार के आवाहन के बाद ईरानी नागरिक अमरिकी प्रतिबंधों की वजह से रीढ टूटने की प्रतिक्रिया दे रहे हैं| जिसके परिणाम ईरान के प्रशासन को जल्द ही सहने होंगे, ऐसा दावा विश्‍लेषकों से किया जा रहा है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.