अमरीका और रशिया को परमाणु युद्ध को टालना होगा – रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष मिखाईल गोर्बाचेव्ह

मास्को – रशिया और अमरीका के राष्ट्राध्यक्षों ने परमाणु अस्त्रों पर अधिक प्रतिबंध लगाने की कोशिश करके, परमाणु युद्ध को टालने पर जोर देना होगा, ऐसा आवाहन रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष मिखाईल गोर्बाचेव्ह ने किया है। अमरीका के नए राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने बीते महीने में रशिया के साथ किए ‘न्यू स्टार्ट ट्रिटी’ की समयावधि में बढ़ोतरी करने को मंज़ुरी प्रदान की थी। फिलहाल विश्‍वभर में करीबन १५ हज़ार परमाणु हथियार मौजूद हैं और इनमें से ९० प्रतिशत से भी अधिक परमाणु अस्त्र अमरीका और रशिया के बेड़ें में होने की बात कही जाती है।

परमाणु युद्ध‘पूरे विश्‍व को एक-दूसरें पर विश्‍वास करके आगे कदम बढ़ाने होंगे। सभियों ने एकजूट होकर परमाणु अस्त्रों की समस्या का हल निकालने की आवश्‍यकता है। परमाणु युद्ध को कभी भी जीतना संभव नहीं और इसे कभी भी लड़ना नहीं चाहिये, ऐसा प्रस्ताव रशिया ने अन्य परमाणु देशों के सामने रखा था। अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष रोनाल्ड रिगन के साथ, वर्ष १९८५ में हुई मुलाकात में हमनें यही मुद्दा रखा था। इस वजह से आगे परमाणु अस्त्रों की संख्या कम करने की प्रक्रिया शुरू हुई’, यह बयान रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष गोर्बाचेव्ह ने किया है।

परमाणु युद्धअब रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन और अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन को एक-दूसरें से भेंट करके परमाणु अस्त्रों के मुद्दे पर बातचीत करनी होगी, ऐसी सलाह गोर्बाचेव्ह ने प्रदान की है। ‘एक साथ मिलना और बातचीत करना ज़रूरी होता है, यह बात अनुभव से साबित हुई है। कुछ भी करके परमाणु युद्ध को रोकना अहम बात है। इस समस्या को टालना है, तो इसका हल अकेले निकालना मुमकिन नहीं, इसके लिए मिलने की आवश्‍यकता हैं’, ऐसा आवाहन रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ने किया। परमाणु अस्त्रों की संख्या कम करने की एवं सुरक्षा मज़बूत करने की इच्छा रखते हैं, तो कई बातें मुमकिन हो सकती हैं, ऐसा भी गोर्बाचेव्ह ने कहा।

दो वर्ष पहले रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ने परमाणु अस्त्रों के मुद्दे पर बढ़ती चिंता व्यक्त करके, विनाश होने की चेतावनी दी थी। ‘जबतक विश्‍व के अलग अलग देश सर्वसंहारक क्षमता के परमाणु अस्त्र रखते हें, तबतक विश्‍व का विनाश होने का बना खतरा कायम रहेगा’, यह चेतावनी गोर्बाचेव्ह ने एक साक्षात्कार के दौरान दी थी।

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