‘साउथ चायना सी’ में की गई तैनाती को लेकर चीन ने दी हुई धमकी पर अमरीका का प्रत्युत्तर

वॉशिंग्टन/बीजिंग – ‘साउथ चायना सी’ क्षेत्र में अमरीका की बढ़ती सेना तैनाती से चीन को बड़ी मिर्ची लगी है। अमरीका के दो विमान वाहक युद्धपोत साउथ चायना सी में युद्धाभ्यास कर रहे हैं कि तभी चीन के सरकारी मुखपत्र ने, चीन के मिसाइल उन्हें लक्ष्य करने के लिए तैयार हैं, इन शब्दों में धमकाया है। चीन की इस धमकी पर अमरिकी नौसेना ने प्रत्युत्तर दिया है और आपकी धमकी के बाद भी हमारे युद्धपोत मौजुदा ज़गह पर ही युद्धाभ्यास कर रहे हैं, इन शब्दों में फटकार लगाई है। चीन का स्वर अधिक तीव्र हो रहा है कि तभी ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया इन अमरीका के प्रमुख मित्रदेशों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी तैनाती बढ़ाने के संकेत दिए हैं।.

अमरीका का प्रत्युत्तर

पिछले हफ़्ते में ही चीन की नौसेना ने साउथ चायना सी के ‘पैरासेल आयलैंड’ के इलाके में युद्धाभ्यास शुरू किया था। उसी समय अमरीका ने अपने दो विशाल विमान वाहक युद्धपोतों के साथ अन्य युद्धपोत इसी इलाके में रवाना किए थे। इस दौरान चीन ने यह युद्धाभ्यास रविवार तक जारी रहेगा, यह बयान किया था। वहीं, अमरीका ने अपना युद्धाभ्यास शनिवार से शुरू करने का ऐलान किया था। अमरीका और चीन ने एक ही समय पर एक ही क्षेत्र में युद्धाभ्यास करने की, पिछले कुछ वर्षों में यह पहली ही घटना साबित हुई थी। फिलहाल इन देशों में बने तनाव की स्थिति की वजह से किसी एक छोटी दुर्घटना से भी चिंगारी भड़क सकती है, ऐसी चेतावनी विश्‍लेषकों ने दी थी।

इस पृष्ठभूमि पर, चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने दी हुई धमकी ग़ौरतलब साबित हुई है। ‘साउथ चायना सी’ यह चीन की पिपल्स लिबरेशन आर्मी के लिए आसान पहुँच होनेवाला क्षेत्र है। अमरीका के किसी भी विमान वाहक युद्धपोत की इस क्षेत्र में रहनेवाली मौजूदगी, पिपल्स लिबरेशन आर्मी के लिए संतोषजनक घटना बनती है। चीन की सेना ‘डीएफ-२१डी’ और ‘डीएफ़-२६’ जैसें, विमान वाहक युद्धपोतों को आसानी से ध्वस्त करनेवाले प्रगत मिसाइल रखती है, यह इशारा भी ग्लोबल टाईम्स ने अपने लेख में दिया।

ग्लोबल टाईम्स की इस धमकी पर अमरिकी नौसेना ने तुरंत प्रत्युत्तर दिया है। हमारे दो विमान वाहक युद्धपोत साउथ चायना सी में ही मौजूद हैं। यूएसएस निमित्झ और यूएसएस रोनाल्ड रेगन धमकियों से डरनेवाले नहीं हैं, ऐसे चुनिंदा शब्दों में अमरिकी नौसेना ने चीन को फटकार लगाई है। पिछले दो महीनों से अमरिकी विमान वाहक युद्धपोत, साउथ चायना सी समेत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में मौजूद हैं और जापान एवं ऑस्ट्रेलिया के साथ इन युद्धपोतों ने युद्धाभ्यास भी किया है। अपनी यह तैनाती और युद्धाभ्यास, समुद्री यातायात की आज़ादी एवं इस क्षेत्र के सहयोगी देशों को आश्‍वस्त करना, इस उद्देश्य से ही होने की बात अमरीका ने समय समय पर स्पष्ट की है।

इसी बीच, साउथ चायना सी के मुद्दे पर अमरीका और चीन के बीच तनाव में बढ़ोतरी हो रही है कि तभी ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया इन अमरीका के मित्रदेशों ने भी चीन के प्रभाववाले क्षेत्र में तैनाती बढ़ाने के संकेत दिए हैं। कुछ दिन पहले ब्रिटेन के रक्षा विभाग की अहम बैठक हुई। इस बैठक में ब्रिटेन के तीनों रक्षाबलों के प्रमुख उपस्थित थे। बैठक के दौरान, एशिया क्षेत्र में ब्रिटीश रक्षाबलों की तैनाती बढ़ाने के संकेत भी दिए गए हैं। इस निर्णय पर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दर्ज़ की है और क्या ब्रिटेन दोबारा ‘ओपियम वॉर’ शुरू करना चाहता है, ऐसी फटकार चिनी माध्यमों ने लगाई है। १९ वीं सदी में नशीले पदार्थों के व्यापार के मुद्दे पर ब्रिटेन और उस समय के चिनी साम्राज्य के बीच, लंबे समय तक हुआ संघर्ष ‘ओपियम वॉर’ के तौर पर जाना जाता है।

कोरोना वायरस की महामारी के लिए चीन ज़िम्मेदार होने का आरोप करके अमरीका ने, इसके लिए चीन को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी। लेकिन, अमरीका के विचारों का हम पर असर नहीं हुआ है, यही दिखाने के लिए चीन अब एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी नौसेना की ताकत का प्रदर्शन कर रहा है। वियतनाम, फिलिपाईन्स, तैवान के विरोध में चिनी नौसेना ने आक्रामक हरकतें करना शुरू किया है। इस पृष्ठभूमि पर, अमरीका के साथ मित्रदेशों ने चीन को जवाब देने की जोरदार तैयारी शुरू करने की बात नई गतिविधियों से दिखाई दे रही है।

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