अमरिका की तरफ से पैलेस्टाइन की अर्थसहायता में २० करोड़ डॉलर्स की कटौती

अमरिका ‘ब्लैकमेल’ कर रहा है, ऐसा पैलेस्टाइन का आरोप

वॉशिंग्टन/रामल्ला – अमरिका ने पैलेस्टाइन को की जाने वाली अर्थ सहायता में लगभग २० करोड़ डॉलर्स की कटौती की है। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दिए निर्देशों के आधार पर यह कटौती की जाने की जानकारी अमरिका के विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने दी है। अमरिका ने की हुई कटौती ‘ब्लैकमेल’ है और इस्राइल के शांति विरोधी एजेंडे का समर्थन करने की योजना का हिस्सा है, ऐसा आरोप पैलेस्टाइन ने किया है।

ट्रम्प ने पिछले वर्ष जेरुसलेम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देकर जेरुसलेम में अमरिका का दूतावास शुरू किया था। अमरिका के इस निर्णय के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तीव्र प्रतिक्रिया उमटी थी। लेकिन इस विरोध के बाद भी ट्रम्प अपने फैसले पर कायम हैं और उन्होंने अमरिका के फैसले का विरोध करने वालों को परिणाम भुगतने पड़ेंगे ऐसी धमकी दी है। अमरिका के फैसले के खिलाफ पैलेस्टाइन में जोरदार प्रदर्शन शुरू हैं और पैलेस्टाइन सरकार ने अमरिका ने दिए ‘इस्राइल-पैलेस्टाइन’ शांति चर्चा के प्रस्ताव को भी ठुकराया है।

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इस पृष्ठभूमि पर ट्रम्प ने पैलेस्टाइन के खिलाफ आक्रामक भूमिका अपनाई है। जनवरी महीने में अमरिका ने पैलेस्टिनी शरणार्थियों की सहायता करने वाले संयुक्त राष्ट्रसंघ के उपक्रमों की अर्थ सहायता लगभग ५० प्रतिशत से कम की थी। ‘यूनाइटेड नेशन्स रिलीफ एंड वर्क्स एजेंसी फॉर पैलेस्टिनीयन रेफ्युजिस’ को दिए जाने वाले १२.५ करोड़ डॉलर्स की अर्थ सहायता में से ६.५ करोड़ डॉलर्स स्थगित किए जाने की अमरिका ने घोषणा की थी।

उसके बाद, संयुक्त राष्ट्रसंघ में स्थित अमरिका की राजदूत निक्की हैले और ट्रम्प के वरिष्ठ सलाहकार और जमाई ‘जैरेड कशनर’ ने इस संगठन की कड़ी आलोचना की थी। अमरिका इस संगठन को सर्वाधिक आर्थिक सहायता देता है, फिर भी अमरिका की माँग की तरफ सदर संगठन ध्यान नहीं दे रहा है, ऐसी अमरिका ने शिकायत की थी। उसके बाद अब अमरिका ने सीधे पैलेस्टाइन को दी जाने वाली आर्थिक सहायता में कटौती करके पैलेस्टिनी सरकार को कड़ी चेतावनी दी है।

अमरिका के विदेश विभाग ने दी जानकारी के अनुसार, पैलेस्टाइन को दी जाने वाली आर्थिक सहायता के बारे में पुनर्विचार किया जा रहा है और उसमें से २० करोड़ डॉलर्स से अधिक आर्थिक सहायता को रोका गया है। यह आर्थिक सहायता अन्य इलाकों की सर्वाधिक प्राधान्य वाली परियोजनाओं को दी जाने वाली है, ऐसा भी विदेश विभाग के अधिकारी ने कहा है। हमास के नियंत्रण वाले गाझा में अंतर्राष्ट्रीय सहायता देने में रुकावटें आ रहीं हैं और हमास की कार्रवाइयों की वजह से गाझा की जनता का जीवन खतरे में आया है, ऐसा दावा भी अमरिका ने किया है।

अमरिका के इस निर्णय पर पैलेस्टाइन सरकार की तरफ से भी तीव्र प्रतिक्रिया आई है। अमरिका में स्थित पैलेस्टाइन के प्रतिनिधि मंडल के प्रमुख हुसम झोम्लोट ने, अमरिकी प्रशासन ने पैलेस्टाइन के बारे में नीतियों की धज्जियाँ उड़ाई हैं और ट्रम्प प्रशासन इस्राइल के शांति विरोधी एजेंडे के समर्थन करता हा, यह दिखा दिया है। मानवतावादी और विकास के लिए आपूर्त की जाने वाली आर्थिक सहायता का हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने के दांवपेच सफल होने वाले नहीं है, ऐसी झोम्लोट ने आलोचना की है।

पैलेस्टाइन लिबरेशन आर्गेनाईजेशन’ के वरिष्ठ सदस्य हनन अश्रवी ने अमरिका ‘ब्लैकमेल’ का राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है, ऐसा आरोप किया है। लेकिन पैलेस्टिनी नागरिकों के हक बेचने के लिए नहीं रखे हैं और ऐसे दबाव के आगे पैलेस्टिनी जनता और नेतृत्व हार मानने वाले नहीं है, ऐसी चेतावनी भी दी है।

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