चीन की ‘बेल्ट ऍण्ड रोड इनिशिएटिव्ह’ को शह देने के लिए अमरिका का नया दांव – ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र में किया जाएगा बडा निवेष

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबैंकॉक: चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट ऍण्ड रोड इनिशिएटिव्ह(बीआरआय) परियोजना को शह देने के लिए अमरिका ने नया प्लैन घोषित किया है| बैंकॉक में हुए इंडोपैसिफिक बिझनेस फोरममें अमरिका के व्यापारमंत्री विल्बर रॉस ने इसकी जानकारी दी| इसके अनुसार अमरिका अगले कुछ वर्षों में इंडोपैसिफिकक्षेत्र में अहम परियोजनाओं के लिए बडी तादाद में आर्थिक सहायता प्रदान करेगी| पिछले वर्ष अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने यूएस इंटरनैशनल डेव्हलपमेंट फायनान्स कॉर्पोरेशनके निर्माण का ऐलान किया था| नया प्लैन इसी का हिस्सा होने की बात कही जा रही है|

चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने छह वर्ष पहले बीआरआयपरियजोना की शुरूआत करके इसके लिए एक लाख करोड डॉलर्स निवेष करने का वादा किया था| इसके बाद पिछले पाच वर्षों में चीन ने कई देशों में बीआरआयके तहेत कही परियोजनाओं पर काम शुरू किया है, फिर भी इसे अभी उम्मीद के अनुसार कामयाबी नही मिली है| बल्कि यह परियोजना चीन के विस्तारवादी निती का हिस्सा होने के आरोप होने लगे है| इसी के साथ इस परियोजना की अपारदर्शिता एवं चीन से अविकसित देशों पर लगाए जा रहे कर्ज के भार के वजह से इसके विरोध में धिरेधीरे आवाज तीव्र हो रहा है|

इस पृष्ठभूमि पर चीन ने कुछ मुद्दे पर पीछे हटने के संकेत दिए है और सहुलियत देने का ऐलान भी किया है| ‘बीआरआयपरियोजना को दुबारा गति देने के लिए चीन की बडी कोशिश शुरू है और इसी बीच अमरिका समेत अन्य देश इसके विरोध में एक हुए है| दो महीनों पहले जापान ने चीन के प्रभाव को चुनौती देने के लिए यूरोपिय महासंघ के साथ ईयू एशिया कनेक्टिव्हिटी प्लैनके समझौते पर हस्ताक्षर किए थे| इस समझौते में लगभग ६५ अरब डॉलर्स से भी अधिक निवेष करने का उद्देश्य रखा गया है|

इससे पहले ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, भारत ने भी इंडोपैसिफिक क्षेत्र के लिए अलग अलग प्रकार के उपक्रम घोषित किए थे| यह सभी उपक्रम चीन के बीआरआयको चुनौती देने के लिए बनाई निती का हिस्सा है और इसके लिए अमरिका ने पहल की है, यह बात स्पष्ट हुई है| इसी निती के एक हिस्से के तौर पर अमरिका ने अब इंडोपैसिफिक का योगदान और बढाने की तैयारी की है| व्यापारमंत्री विल्बर रॉस ने अमरिका की इन परियोजना का नाम या अन्य जानकारी अभी सार्वजनिक नही की है, फिर भी इसमें बडी तादाद में आर्थिक सहायता करने का समावेश होने की बात स्पष्ट की|

इसके लिए उन्होंने अमरिका और इंडोपैसिफिक क्षेत्र के देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार का उदाहरण दिया है| वर्ष २०१८ में यह व्यापार लगभग दो ट्रिलियन डॉलर्स तक जा पहुंचा है और इसके आगे जब बैठक होगी तब इसमें यकिनन इजाफा होगा, यह दावा रॉस ने किया| पिछले वर्ष अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने भी आग्नेय एशिया की यात्रा के दौरान अतिरिक्त आर्थिक सहायता प्रदान करने का ऐलान किया था| इसमें यह नया इजाफा हुआ है और अमरिका की नई परियोजना चीन के सामने और भी चुनौतियां बढानेवाली साबित होगी, यह समझा जा रहा है|

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