चीनी सेना से संबंधित कंपनियों पर कार्रवाई करना अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने टाल दिया

वॉशिंग्टन/बीजिंग – चीन की सेना से संबंधित कंपनियों पर होनेवाली कार्रवाई राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने फिलहाल टाल दी है। पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इस मुद्दे पर अपनाई नीति जल्दबाज़ी में तय की गई है और इसे अधिक मज़बूत करने की आवश्‍यकता की वजह आगे बढाई गई है। बायडेन प्रशासन ने इससे पहले भी ट्रम्प ने चीन के खिलाफ किए कुछ निर्णय रद करने की बात स्पष्ट की थी। इसी बीच, अमरिकी संसद के सभापति और डेमोक्रैट पार्टी की वरिष्ठ नेता नैन्सी पेलोसी ने चीन में ‘विंटर ऑलिम्पिक’ का आयोजन करने पर रोक लगाने की माँग की है।

अमरीका के ट्रम्प प्रशासन ने बीते चार वर्षों में चीन के खिलाफ आक्रामक निर्णयों का सिलसिला शुरू किया था। व्यापारी लूट, जासूसी, तकनीक के क्षेत्र का वर्चस्व, शिक्षासंस्थाओं में हो रही घुसपैठ एवं निवेश जैसे कई मुद्दों पर ट्रम्प प्रशासन ने एक के बाद एक आदेश जारी करके चीन को घेरना शुरू किया था। इस कार्रवाई से बेचैन हुए चीन ने अमरीका की तीव्र आलोचना करने के साथ ही प्रत्युत्तर देने के इशारे भी दिए थे। अमरीका में सत्ता परिवर्तन के बाद नए राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने चीन के विरोध में नरम नीति अपनाने के संकेत दिए थे। इसके अनुसार बायडेन ने चीन के विरोध में किए कई निर्णयों का पुनर्विचार करने की प्रक्रिया शुरू की थी।

Biden-chinese-company-394x217मंगलवार के दिन बायडेन प्रशासन का निर्णय भी इसी का हिस्सा दिखता है। ट्रम्प प्रशासन ने अमरीका के शेअर बाज़ार में कार्यरत चीनी सेना से संबंधित कंपनियों पर पाबंदी लगाने का निर्णय किया था। इसके अनुसार निर्धारित समय के बाद अमरिकी कंपनियां इन चीनी कंपनियों में किसी भी तरह का निवेश या उनके साथ किसी भी प्रकार का कारोबार नहीं कर सकतीं, यह स्पष्ट किया गया था। लेकिन, बायडेन ने अपने हाथों में नियंत्रण लेने के बाद इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की आवश्‍यकता होने का बयान करके चीनी कंपनियों को प्रदान हो रही सहुलियतों की कालावधि बढ़ाई थी। मंगलवार के आदेश के अनुसार यह कालावधि फिर से बढ़ाई गई है और अब ११ जून तक इन कंपनियों के कारोबार के लिए खूली रखी गई है।

राष्ट्राध्यक्ष बायडेन चीन के पक्ष में निर्णय कर रहे हैं और इसी दौरान अमरिकी संसद की सभापति नैन्सी पेलोसी ने चीन के विरोध में आक्रामक भूमिका अपनाई है। चीनी हुकूमत उइगरवंशी और अन्य अल्पसंख्यांक समुदाय पर कर रहे अत्याचारों के निषेध में अगले वर्ष आयोजित हो रहे ‘विंटर ऑलिम्पिक’ का बहिष्कार करने की माँग पेलोसी ने की है। अपनी इस माँग में उन्होंने यह अनुरोध किया है कि, ‘डिप्लोमैटिक बायकॉट’ का ज़िक्र किया है। किसी भी देश के प्रमुख चीन में आयोजित हो रहे ‘विंटर ऑलिम्पिक’ में शामिल ना हों।

Biden-chinese-company-01-768x512तिब्बती जनता और झिंजियांग में उइगरवंशियों पर चीनी हुकूमत द्वारा अत्याचार के कई मामले बीते कुछ वर्षों से सामने आ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र संगठन ने भी इसका संज्ञान लेकर चीन की आलोचना की है। इसी बीच अमरीका, यूरोप और अन्य प्रमुख देश भी इस मुद्दे पर आक्रामक हुए है और ‘विंटर ऑलिम्पिक’ पर बहिष्कार करने की माँग तीव्र हुई है। अमरीका के कई सांसदों के साथ ब्रिटेन, कनाड़ा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से भी इस माँग को बड़ा समर्थन प्राप्त हो रहा है। विश्‍व की कई प्रमुख स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी बहिष्कार की माँग उठाई है और इस स्पर्धा में शामिल होनेवाले खिलाडियों का भी बहिष्कार करने का आवाहन किया है।

अमरिकी सभापति पेलोसी ने इससे पहले भी चीन में मानव अधिकारों के मुद्दे पर तीव्र भूमिका अपनाई होने की बात सामने आयी थी। कुछ हफ्ते पहले उन्होंने चीन की हुकूमत विशेषता से भरी तिब्बत की संस्कृति नष्ट करने के लिए मुहिम चला रही है, ऐसा आरोप भी लगाया था। साथ ही तिब्बत के मुद्दे पर चीन को लक्ष्य करना अमरीका कभी भी नहीं छोड़ेगी, यह इशारा भी पेलोसी ने दिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.