अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने दिया रशिया और चीन के खिलाफ आक्रामक भूमिका अपनाने का इशारा – रशिया ने जताई तीव्र नाराज़गी

वॉशिंग्टन/बीजिंग/मास्को – अमरीका ने अपनी खोई हुई विश्‍वसनीयता दुबारा प्राप्त करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नैतिक अधिकार स्थापित करेगी, ऐसा भरोसा राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने दिया है। गुरूवार के दिन राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने विदेश विभाग के मुख्यालय पहुँचकर अपनी विदेशी नीति का रूख स्पष्ट किया। इस दौरान उन्होंने रशिया और चीन के खिलाफ अपनाई भूमिका अधिक आक्रामक करने का इशारा दिया है। हम ट्रम्प की तरह रशिया के सामने नरमाई की नीति नहीं अपनाएँगे, यह इशारा भी बायडेन ने दिया। साथ ही चीन का ज़िक्र अमरीका का सबसे बड़ा प्रतिस्पर्धी करके अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने यह दावा भी किया कि, मानव अधिकारों समेत सभी मुद्दों पर चीन को सीधी चुनौती दी जाएगी।

अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ‘अमरीका फर्स्ट पॉलिसी’ अपनाकर चीन समेत ईरान, यूरोपिय देश और मित्रदेशों के खिलाफ आक्रामक भूमिका अपनाई थी। साथ ही ट्रम्प की रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ नज़दीकियाँ भी विवाद का विषय बनी थीं। जागतिक स्वास्थ्य संगठन के साथ ‘पैरिस क्लायमेट ट्रीटी’ एवं ‘ट्रान्स-पैसिफिक पार्टनरशिप’ समझौते से पीछे हटने का निर्णय और नाटो समेत संयुक्त राष्ट्रसंघ की आर्थिक सहायता रोकरने की नीति की वजह से अमरीका की महासत्ता के तौर पर बनी हुई प्रतिमा मिट्टी में मिली है, ऐसे दावे विरोधक एवं विश्‍लेषकों ने किए थे।

us-joe-biden-chinaइस पृष्ठभूमि पर चुनावी प्रचार के दौरान बायडेन ने अमरीका को उसका अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्थान दुबारा प्राप्त करने का वादा किया था। बायडेन ने गुरूवार के दिन की हुई विदेश विभाग के मुख्यालय की यात्रा विदेश नीति का रुख घोषित करने का वादा पूरा करने के लिए शुरू की हुई गतिविधियों का हिस्सा होने की बात कही जा रही है। अंतरराष्ट्रीय व्यासपीठ पर अनुपस्थित रहना आगे से अमरीका के लिए फायदेमंद साबित नहीं होगा, यह कहकर बायडेन ने यह भरोसा दिलाया है कि, अगले दिनों में अमरीका जागतिक स्तर पर अपने मोर्चों को सुधारकर पहले का मुकाम प्राप्त करेगा। इस दौरान अमरीका की विदेश नीति चीन और रशिया केंद्रीत रहेगी ऐसे संकेत भी उन्होंने दिए।

‘बीते समय में हुआ नहीं बल्कि, मौजूदा और भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए अमरीका फिरसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मेल करेगी। रशिया जैसा देश अपने जनतंत्र को नष्ट करने के लिए गतिविधियां कर रहा है। अमरीका को चुनौती दे रहे चीन की महत्वाकांक्षा अधिक प्रबल हो रही है और एकाधिकारशाही का प्रभाव भी बढ़ रहा है। अमरिकी नेतृत्व को इसके खिलाफ खड़ा रहना पडेगा’, यह इशारा राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने दिया। इस दौरान उन्होंने पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने रशिया से संबंधित अपनाई नरम भूमिका की आलोचना करके यह दावा भी किया कि, हम हमारे पहले के राष्ट्राध्यक्ष की तरह रशिया के सामने घुटने नहीं टेकेंगे। रशिया के जनतांत्रिक नेता ऐलेक्सी नैवेल्नी को तुरंत रिहा करे, ऐसी स्पष्ट माँग भी बायडेन ने की है।

‘चीन अमरीका का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वि है और उसने खड़ी की हुई चुनौतियों को सीधा प्रत्युत्तर दिया जाएगा। आर्थिक स्तर पर चीन कर रहा शोषण, चीन द्वारा अन्य देशों के खिलाफ हो रही जबरदस्ती और चीन के मानव अधिकार, बौद्धिक संपदा एवं जागतिक व्यवस्था पर हो रहे हमले रोकने के लिए आक्रामक कदम उठाए जाएँगे’, ऐसा इशारा अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने दिया। साथ ही अमरीका के हितसंबंधों की रक्षा के लिए आवश्‍यकता होने पर चीन की सहायता भी ली जाएगी, यह बयान भी बायडेन ने किया।

रशिया और चीन के मुद्दों को प्राथमिकता दे रहे राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने अपने बयान में ईरान का ज़िक्र भी नहीं किया और यह बात ध्यान आकर्षित करनेवाली साबित हुई है। जर्मनी से अमरीका की सेना हटाने का निर्णय रद करने का ऐलान भी बायडेन ने किया है। साथ ही स्थानांतरित एवं शरणार्थियों के लिए अमरीका के दरवाज़े दुबारा खुले हैं और हर वर्ष अमरीका पहुँच रहे शरणार्थियों की संख्या की सीमा १.२५ लाख तक बढ़ाने का ऐलान भी उन्होंने किया। ट्रम्प ने यह संख्या कम करके १५ हज़ार की थी।

राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के बयान पर रशिया ने तीव्र नाराज़गी व्यक्त की है। ‘बायडेन का बयान निराशाजनक है। उन्होंने आक्रामक भाषा में रशिया के खिलाफ तथ्य ना होनेवाले आरोप किए हैं। यह बात बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारे खिलाफ इस्तेमाल की गई निर्णायक इशारों की भाषा रशिया के लिए अस्वीकार्य है। ऐसे लेक्चर्स की ओर रशिया ध्यान नहीं देगी’, इन शब्दों में रशिया के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव ने अमरीका को इशारा दिया।

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