पाकिस्तान का ‘नॉन नाटो अलाय’ दर्जा हटाने के लिए अमरीका की तैयारी – अमरिकी संसद में पेश हुआ विधेयक

वॉशिंग्टन – पाकिस्तान को अमरीका ने दिया हुआ ‘नाटो की सदस्यता ना होनेवाला सहयोगी देश’ का दर्जा हटाने की माँग करनेवाला विधेयक अमरिकी संसद में पेश किया गया है। रिपब्लिकन पार्टी के कांग्रेसमन एैण्डी बिग्गज्‌ ने यह विधेयक प्रस्तावित किया है और पाकिस्तान के लिए यह काफी बड़ा झटका साबित हो सकता है। यह विधेयक पारित करके इसे कानून में तब्दील किया गया तो पाकिस्तान को अमरीका से प्राप्त हो रही हर तरह की लष्करी सहायता रोकी जाएगी। साथ ही बिग्गज्‌ ने पेश किए इस विधेयक में अफ़गानिस्तान के हक्कानी गुट के आतंकियों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान को मज़बूर करने के प्रस्ताव का भी समावेश है।

अमरीका की अफ़गानिस्तान में जारी आतंकवाद विरोधी लड़ाई के लिए पाकिस्तान से सहायता प्राप्त हो इसके लिए वर्ष २००४ में बुश प्रशासन ने पाकिस्तान को ‘नॉन नाटो अलाय’ अर्थात नाटो की सदस्यता ना होनेवाले सहयोगी देश के तौर पर विशेष दर्जा प्रदान किया था। अब तक अमरीका ने १७ देशों को यह विशेष दर्जा प्रदान किया है और इसी वजह से इन देशों को हथियार, रक्षा सामान के साथ अन्य सहायता प्रदान करने में आसानी होती है। पाकिस्तान ने इसका पूरा लाभ उठाकर अमरीका से हर तरह की सहायता प्राप्त की थी। लेकिन, अफ़गानिस्तान में जारी आतंकवाद विरोधी जंग में पाकिस्तान ने अमरीका का विश्‍वासघात ही किया था। अफ़गान आतंकियों को पाकिस्तान पूरी सहायता और सुरक्षा प्रदान कर रहा है, ऐसे आरोप अमरिकी सेना अधिकारी लगातार करते रहे हैं।

अफ़गानिस्तान में अमरीका को प्राप्त हुई नाकामी के लिए अन्य कोई नही, बल्कि पाकिस्तान ने किया हुआ विश्‍वासघात ही ज़िम्मेदार है, ऐसा आरोप अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किया था। लेकिन, अब अफ़गानिस्तान में तैनात सेना हटाने की तैयारी अमरीका ने की है और ऐसे में इस मुहिम के लिए अमरीका ने पाकिस्तान के साथ किया हुआ सहयोग खत्म करने की तैयारी शुरू की है, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं। इसका प्रतिबिंब बिग्गज्‌ ने पेश किए विधेयक में दिखाई दे रहा है। अभी यह विधेयक पारित नहीं हुआ है, फिर भी इससे पाकिस्तान पर बडा दबाव बन सकता है।

पाकिस्तान को दिया गया ‘नॉन नाटो अलाय’ का दर्जा हटाने के साथ अन्य कुछ मुद्दों पर पाकिस्तान स्पष्ट भूमिका अपनाए, ऐसी सिफारिश भी इस विधेयक में की गई है। अफ़गानिस्तान में आतंकी हमले कर रहे तालिबान से जुड़े ‘हक्कानी नेटवर्क’ पर पाकिस्तान का प्रभाव है। इस गुट के माध्यम से अफ़गानिस्तान में होनेवाले आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान की भूमि का इस्तेमाल किया जाता है। अगले दिनों में ‘हक्कानी नेटवर्क’ को अफ़गानिस्तान के खिलाफ पाकिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल करने नहीं देंगे, यह वादा पाकिस्तान करे। साथ ही हक्कानी नेटवर्क के नेता और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने का वादा करने के लिए पाकिस्तान को अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष मज़बूर करें, यह माँग भी इस विधेयक में की गई है।

हक्कानी नेटवर्क यानी तालिबान का गुट नहीं बल्कि वह पाकिस्तान का कुख्यात गुप्तचर संगठन ‘आयएसआय’ से जुड़ा आतंकी गुट होने के आरोप पहले भी किए गए थे। इस गुट का इस्तेमाल करके ‘आयएसआय’ अफ़गानिस्तान में भारत के हितसंबंधों पर हमले करने में जुटी होने की बात कई बार स्पष्ट हुई थी। इसी वजह से अमरीका का दबाव होने के बावजूद पाकिस्तान ‘हक्कानी नेटवर्क’ के आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने से दूर रहा था। इसके लिए अमरीका के प्रतिबंधों का मुकाबला करने की तैयारी भी पाकिस्तान ने जुटाई थी। लेकिन अब कांग्रेसमन ऐण्डी बिग्गज्‌ ने अमरिकी संसद में पेश किए इस विधेयक की वजह से पाकिस्तान की घेराबंदी होगी।

अगले दिनों में ट्रम्प अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष नहीं रहेंगे और उनके स्थान पर राष्ट्राध्यक्ष होनेवाले ज्यो बायडेन पाकिस्तान को लेकर उदार भूमिका अपनाएंगे, इस समझ में पाकिस्तान रह रहा था। अमरीका के कुछ पाकिस्तानी वंशिय नागरिकों ने ज्यो बायडेन की जीत पर जल्लोष भी किया था और पाकिस्तानी माध्यमों ने भी यही स्वर दोहराया था। लेकिन, ज्यो बायडेन पाकिस्तान के लिए अधिक घातक साबित होंगे, ऐसा अब पाकिस्तानी विश्‍लेषक कहने लगे हैं। केवल इतना ही नहीं बल्कि, ट्रम्प अच्छे थे, ऐसा कहने के लिए बायडेन पाकिस्तान को मज़बूर करेंगे, ऐसा इशारा विश्‍लेषक दे रहे है।

इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी संसद में पेश किए गए इस विधेयक की अहमियत बढ़ रही है। अमरीका और पाकिस्तान के संबंधों पर इस विधेयक का बड़ा असर होगा, यह संकेत भी इससे प्राप्त हो रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.