मानवाधिकारों के मुद्दे पर चीन को लक्ष्य करने के लिए अमरीका की गतिविधियाँ

वॉशिंग्टन/बीजिंग – अमरीका के विदेश विभाग ने मानवाधिकारों के मुद्दे पर चीन को लक्ष्य करने की शुरुआत की है। गुरुवार को विदेश विभाग ने, चीन के वरिष्ठ अधिकारी के साथ ही उसकी पत्नी पर, मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के मामले में निर्बंध लगा रहे होने की घोषणा की। इस हफ़्ते में अमरीका ने चिनी अधिकारियों पर निर्बंध लगाने की यह दूसरीं घटना है। ‘आन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस’ के उपलक्ष्य में की गई इस कार्र्वाई के साथ ही, चीन की सत्ताधारी हुक़ूमत द्वारा किये जानेवाले मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में स्वतंत्र रिपोर्ट भी प्रकाशित की है।

गुरुवार को विदेश विभाग ने, मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के मामले में लगाये गए निर्बंधों की सूचि प्रकाशित की। इसमें फुजिआन प्रांतस्थित शिआमेन शहर के सुरक्षा विभाग के प्रमुख हुआन युआनशिआँग का समावेश है। युआनशिआँग के नेतृत्व में, चीन का धार्मिक समुदाय ‘फालुन गॉंग’ के सदस्यों पर बेतहाशा ज़ुल्म ढ़ाया गया, ऐसा दोषारोपण किया गया है। युआनशिआँग के साथ उनकी पत्नी पर भी निर्बंध लगाये होने की जानकारी विदेश विभाग ने दी है।

गुरुवार को ‘आन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस’ के बहाने अमरीका के विदेशमंत्री माईक पॉम्पिओ ने चीन को खरी खोटी सुनाई। ‘इस सदी में मानवाधिकारों पर लगा समसे बड़ा धब्बा यानी चीन के पश्‍चिम भाग के झिंजिआंग प्रांत में घटित होनेवालीं घटनाएँ हैं। इस प्रांत में मानवाधिकार कुछले गये हैं। इस बात का कभी भी स्वीकार नहीं होगा और अमरीका ने उस मामले में स्पष्ट भूमिका अपनाई है’, ऐसा पॉम्पिओ ने कहा। इस समय विदेश विभाग ने एक ट्विट करके, झिंजिआंग प्रांत के उइगरवंशियों पर होनेवाले अत्याचारों की कुछ घटनाओं की जानकारी भी जारी की।

उसीके साथ अमरीका ने चीन के मानवाधिकारों के मुद्दे पर स्वतंत्र रिपोर्ट भी जारी की है। ‘चायनाज् डिसरिगार्ड फॉर ह्युमन राईट्स’ ऐसा इस रिपोर्ट का नाम है। उसमें झिंजिआंग, तिब्बत तथा हाँगकाँग में चीन की कम्युनिस्ट हुक़ूमत द्वारा किये जानेवाले अत्याचारों की सविस्तार जानकारी दी गयी है। उसी समय, चीन द्वारा धार्मिक स्वतंत्रता का गला दबाया जाना और ‘फोर्सड् लेबर’ इनपर भी ग़ौर फ़रमाया गया है। चीन में एकाधिकारशाही की विचारधारा पर अमल किया जा रहा होकर, कम्युनिस्ट पार्टी निरंकुश सत्ता के लिए जनता की आज़ादी और मानवाधिकारो को पैरों तले कुचल रही होने का आरोप रिपोर्ट में किया गया है।

चीनस्थित अमरिकी दूतावास ने भी, विदेशमंत्री पॉम्पिओ द्वारा मानवाधिकारों के मुद्दे पर जारी किया गया निवेदन प्रकाशित किया होकर, सोशल मीडिया में चीन की जनता को, अपने अधिकारों के लिए हिम्मत जुटाकर खडे रहें, ऐसा आवाहन करनेवाली पोस्ट जारी की। अमरिकी दूतावास की इस कृति पर चीन से तीव्र प्रतिक्रिया उठी है। मानवाधिकारों के मामले में अमरीका की भूमिका ढोंगी होकर, उसका इस्तेमाल केवल अन्य देशों के अंतर्गत मामलों में दख़लअन्दाज़ी करने के लिए किया जाता है, ऐसा आरोप विदेश विभाग की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने किया। इस समय चुनयिंग ने, अमरीका में कोरोना के मृतकों की संख्या, कृष्णवर्णियों के अधिकार तथा इराक एवं अफ़गानिस्तान के युद्ध इन मुद्दों पर भी अमरीका को लक्ष्य किया।

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