निर्णायक इशारा देने के लिए अमरीका के रक्षामंत्री एवं विदेशमंत्री पाकिस्तान को भेंट देंगे

वॉशिंगटन / इस्लामाबाद: आज भी आतंकियों की सहायता कर रहे पाकिस्तान को ट्रम्प प्रशासन एक आखरी मौका देने का विचार कर रहा है, ऐसा अमरीका के रक्षामंत्री जेम्स मॅटिस ने कहा था। इस बारे मे पाकिस्तान को निर्णायक इशारा देने के लिए रक्षामंत्री मॅटिस इस महीने के आखिर मे पाकिस्तान को भेंट देने वाले है। तथा अमरीका के विदेशमंत्री रेक्स टिलरसन भी इस महीने पाकिस्तान को भेंट देंगे। इन दोनों के दौरों को बहुत बड़ा राजनीतिक महत्व प्राप्त हुआ है। अमरीका से कठोर इशारे दिए जा रहे थे तब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ‘अपने देश को अमरीका के सहायता की जरूरत नहीं’ ऐसी अहम भूमिका ली थी।

निर्णायक इशारापाकिस्तान की कुख्यात गुप्तचर संस्था ‘आयएसआय’ आतंकवादियों से सम्बंधित होने का आरोप अमरीका के रक्षामंत्री मॅटिस ने किया था। आतंकवादियों को सहायता करनेवाले पाकिस्तान को राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प का प्रशासन सबक सिखाने की तैयारी मे है। आने वाले समय मे पाकिस्तान ने अपनी नीति अगर नहीं बदली, तो इस देश पर कड़ी कारवाई हो सकती है। पर आज भी अफगानिस्तान तथा अन्य देश सहयोग करने के लिए पाकिस्तान को एक आखरी मौका देने का विचार कर रहे है, ऐसा रक्षा मंत्री मॅटिस ने अमरिकी संसद के ‘आर्म्ड सर्विस कमिटी’ के सामने कहा था।

उसके अनुसार रक्षामंत्री मॅटिस इस महीने के आखिर मे पाकिस्तान को भेंट देने वाले है। तथा अमरीका के विदेशमंत्री रेक्स टिलरसन भी पाकिस्तान का दौरा करेंगे और इन दोनों के दौरे दुनिया भर के विशेषज्ञों का ध्यान केंद्रित कर रहे है। कुछ दिनों पहले रक्षामंत्री जेम्स मॅटिस ने चीन पाकिस्तान की सहायता से निर्माण कर रहे ‘सीपीईसी परियोजना’ विवादास्पद भू-भाग से जाने की बात घोषित करके इस पर आक्षेप जताया था। उसके बाद पाकिस्तान मे खलबली फैली और अमरीका अब भारत की भाषा बोल रहा है ऐसा कहकर पाकिस्तान के माध्यम, विश्लेषक अमरीका पर कड़ी टीका करने लगे है। मॅटिस का यह विधान अमरीका की पाकिस्तान पर नाराजगी व्यक्त करने वाला है, ऐसा कुछ पाकिस्तानी विश्लेषकों का कहना है।

इस पृष्ठभूमि पर, अमरीका के रक्षामंत्री और विदेशमंत्री का पाकिस्तान दौरा विवादास्पद होने की आशंका है। इन दौरे पर अमरीका पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर निर्णायक इशारा देगा, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है। तथा पाकिस्तान अमरीका के दबाव की आशंका ध्यान मे रखकर, उसे जवाब देने की तैयारी भी पाकिस्तान से करने के संकेत मिल रहे है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने अपने देश को अमरीका से सहायता की आवश्यकता न होने की बात, एक मुलाकात मे कही है।

आज तक पाकिस्तान आतंकियों के साथ युद्ध कर रहा था। पर आने वाले समय मे पाकिस्तान को अमरीका की मदद नहीं मिली तो भी पाकिस्तान यह युद्ध नहीं रोकेगा। संरक्षण साहित्य के लिए पाकिस्तान बड़ी तादाद मे अमरीका पर निर्भर था। पर अब चीन और रशिया इन देशों से पाकिस्तान को शस्त्रास्त्र एवं संरक्षण साहित्य मिल रहा है। रशियन बनावट के हेलीकॉप्टर पहली बार पाकिस्तान के बेड़े मे आने का दाखिला प्रधानमंत्री अब्बासी ने दिया है। ऐसा होते हुए भी पाकिस्तानी लष्कर संरक्षण साहित्य के लिए और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को अर्थ सहायता के लिए अमरीका पर निर्भर है। अगर अमरीका ने सहायता नहीं की तो पाकिस्तान संकट मे पड़ जाएगा, ऐसा इशारा कुछ समंजस विश्लेषक अपनी सरकार को दे रहे है। पाकिस्तान की व्यवस्था अपकर्ष की तरफ जाते समय अमरीका से बैर करना यह गलती पाकिस्तान के लिए खतरनाक साबित हो सकती है, ऐसा विश्लेषकों का कहना है।

इस पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने दिखाई अहम भूमिका, इस देश के लिए आत्मघाती हो सकती है।

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