अमरीका का लष्कर चीन और रशिया के खिलाफ युद्ध के लिए सिद्ध नहीं है – ‘फॉरेन पॉलिसी’ इस वेबसाइट का दावा

वॉशिंग्टन – अमरीका का लष्कर चीन और रशिया के विरोध में युद्ध करने के लिए पूरी तरह सुसज्जित ना होने का दावा ‘फॉरेन पॉलिसी’ इस वेबसाइट ने किया है। अमरीका के लष्कर ने ही किए एक सर्वेक्षण के आधार पर यह दावा किया गया है। लष्कर के पूर्व अधिकारियों ने भी, लष्कर सुसज्जित ना होने के दावे की पुष्टि की है। लेकिन रक्षा विभाग ने इन दावों को ठुकराया होकर, वरिष्ठ अधिकारियों को युद्धसिद्धता तथा विजय का ठोस विश्वास होने का खुलासा किया।

china-us-military-russiaकुछ महीने पहले अमरीका के लष्कर ने अफगानिस्तान से वापसी की थी। अमरीका की इस वापसी के दौरान निर्माण हुए अफरातफरी के माहौल को लेकर वरिष्ठ लष्करी अधिकारियों की भारी आलोचना की गई थी। यह वापसी सामरिक गलती होने के तथा अमरीका अब महासत्ता नहीं रही होने के दावे इस वापसी के बाद किए गए थे। ये दावे सामने आ रहे हैं कि तभी अमरीका के रक्षा प्रावधान में लष्कर पर किए जानेवाले खर्चे में कटौती हो सकती है, ऐसी जानकारी भी सामने आ रही है। इस पृष्ठभूमि पर, ‘फॉरेन पॉलिसी’ इस वेबसाइट ने जारी की हुई खबर गौरतलब साबित होती है।

अमरिकी लष्कर ने पिछले साल लगभग साढेपाँच हज़ार जवानों समेत नागरिकों का सर्वेक्षण किया था। इस सर्वेक्षण में युद्धसिद्धता के बारे में सवाल पूछे गए थे। उस पर प्रतिसाद देते समय लगभग ३४ प्रतिशत जवानों ने ही युद्धसिद्धता के बारे में भरोसा व्यक्त किया था। वरिष्ठ अधिकारियों में से भी केवल २० से ४० प्रतिशत अधिकारियों ने ही तुरंत तैनाती और जीतने का भरोसा ज़ाहिर किया था। अमरीका का लष्कर सिद्ध ना होने की संभावना की पूर्व अधिकारियों ने भी पुष्टि की है।

निवृत्त लेफ्टनंट जनरल थॉमस स्पोहर ने, अगर आज युद्ध हुआ, तो लष्कर की स्थिति वाकई मुश्किल होगी, इन शब्दों में नाराज़गी ज़ाहिर की। लष्कर के कुछ ब्रिगेड्स सुसज्जित हैं, लेकिन यह संख्या पर्याप्त नहीं है, इस पर निवृत्त लेफ्टनंट जनरल थॉमस स्पोहर ने गौर फरमाया। लेकिन रक्षा विभाग ने लष्कर सिद्ध ना होने के दावे ठुकरा दिए। लष्कर के वरिष्ठ अधिकारी, सिद्धता तथा जीतने पर अडिग हैं, ऐसा खुलासा रक्षा विभाग के प्रवक्ता लेफ्टनंट कर्नल टेरेन्स केली ने किया।

‘हेरिटेज फाऊंडेशन’ इस अभ्यासगुट ने जारी की जानकारी में, लष्कर की केवल ५८ प्रतिशत इतनी ‘ब्रिगेड कॉम्बॅट टीम्स’ युद्ध के लिए पूरी तरह सुसज्जित होने के बाद बताई गई है। लष्कर ने निर्धारित किए लक्ष्य की तुलना में यह प्रतिशत कम होने पर इस अभ्यास गुट ने गौर फरमाया। केवल लष्कर ही नहीं, बल्कि अमरीका का हवाई बल और नौसेना की कुछ समस्याएँ भी सामने आ रही है, ऐसा ‘फॉरेन पॉलिसी’ इस वेबसाइट ने प्रकाशित किए लेख में स्पष्ट किया गया है।

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