चीन और रशिया का खतरा बढने का दावा करके; अमरिका की अफ्रीका में तैनात फौज में कटौती

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वॉशिंगटन – चीन एवं रशिया से अमरिका की सुरक्षा को बना खतरा बढ गया है, ऐसी चेतावनी अमरीकन कांग्रेस एवं लष्कर अभ्यास गट से दी जा रही है| इस ख़तरे की पृष्ठभूमि पर अमरिका ने अफ्रीका खंड में तैनात अपने सैनिक वापस बुलाने की तैयारी शुरू की है| रक्षा मुख्यालय पेंटागौन के अधिकारी ने यह जानकारी देकर चीन रशिया के बारे में अमरिका ने भूमिका स्पष्ट की है|

पेंटागौन के प्रवक्ता कमांडर कैंडी ट्रेश ने अंतरराष्ट्रीय वृत्त संस्था को जानकारी देते हुए रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस अफ्रीका में तैनात फौज में कटौती करने के बारे में गंभीरता से विचार कर रहे हैं, ऐसा कहा है| फ़िलहाल अफ्रीका में तैनात होनेवाले अमरिका के कुल सैनिकों में से १० प्रतिशत जवानों को वापस बुलाया जाएगा| अफ्रीका से यह सेना वापसी प्रक्रिया जल्द शुरु होगी ऐसा कमांडर ट्रेश ने कहा है| फिलहाल अफ्रीका खंड में अमरिका के लगभग ७२०० सैनिक तैनात होकर उनमे ७०० सैनिकों को आनेवाले २ वर्षों में समय समय पर वापस बुलाया जाने वाला है|

इस सेना वापसी का कारण पेंटागौन की प्रवक्ता ने उजागर नहीं किया है| पर चीन एवं रशिया के बढ़ते खतरों के पृष्ठभूमि पर अमरिका द्वारा यह सेना वापसी होने की जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है| साउथ चाइना सी में चीन की बढ़ती आक्रामकता पर अपनी कड़ी नजर होने की बात पेंटागौनने इससे पहले ही घोषित की थी| तथा सिरिया के बाद यूक्रेन में भी रशियन लष्कर की गतिविधियां बढ़ने का आरोप अमरिका कर रहा है|

चीन एवं रशिया के इस लष्करी आक्रामकता की वजह से संबंधित क्षेत्र में अमरिका के हित संबंधों की सुरक्षा खतरे में होने की आलोचना अमरिका से की जा रही है| इस पृष्ठभूमि पर अमरिका के रक्षामंत्री ने अफ्रीका में अपने सेना तैनाती में कटौती करके चीन एवं रशिया पर ध्यान केंद्रित करके उन्हें प्राथमिकता देने का दावा किया जाता है| अफ्रीका में सेना कटौती भी रक्षा मंत्री की धारणा का भाग होने की बात कही जा रही है|

यह सेना वापसी करते हुए आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के लिए तैनात होनेवाले अमरीकी सैनिकों की मुहिम में कोई बदलाव न होने की बात कमांडर ट्रेश ने कहीं है| अफ्रीका में लिबिया, सोमालिया, जिबौती, दक्षिण अफ्रीका, नायजेरिया, नायजर, डीआर कॉन्गो, केनिया, कैमरून, माली इन देशों में अमरिका के सैनिक तैनात है| इनमे से केनिया, कैमरुन, माली इन देशों में सेना तैनाती में बड़ी कटौती होगी| तथा लिबिया, सोमालिया और जिबौती इन देशों में आतंकवाद विरोधी कार्रवाईयों के अंतर्गत होने वाले सेना तैनाती ने कोई भी बदलाव ना होने की बात कमांडर ट्रेशने स्पष्ट की है|

लिबिया में फिलहाल शुरू गतिविधियों में रशिया ने हस्तक्षेप करना शुरु किया है| कुछ दिनों पहले लिबिया में राजनैतिक गटो की इटली में आयोजित बैठक में रशियन रक्षा मंत्री की उपस्थिति थी| तथा जिबौती में चीन ने बड़ा लष्करी अड्डा प्रस्थापित किया है| जिसकी वजह से इस देश में सेना तैनाती में कोई भी बदलाव न करने की बात ट्रेश ने कही है| अमरिका के रक्षा मंत्रालय से जल्द ही इस बारे में घोषणा हो सकती है|

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