अमरीका चीन के उत्पादों पर लगाए गए कर और प्रतिबंध हटाए – बातचीत के दौरान चीन ने की आक्रामक माँग

वॉशिंग्टन/बीजिंग – अमरीका का बायडेन प्रशासन चीन के उत्पादों पर लगाए गए कर और प्रतिबंध हटाए, ऐसी आक्रामक माँग चीन की हुकूमत ने की है। अमरीका में सत्ता परिवर्तन होने के बाद अमरीका की नीति और निर्णयों के खिलाफ चीन अधिक पुख्ता भूमिका अपनाता हुआ सामने आ रहा है। बीते कुछ महीनों में अमरीका और चीन की द्विपक्षीय बैठकों के दौरान इसकी झलक दिखाई दी है। व्यापार से जुड़े मुद्दों पर बैठकों में भी यही बात दोहराती हुई दिखाई दे रही है।

us-china-demands-2बीते चार वर्षों में अमरीका के ट्रम्प प्रशासन ने चीन के खिलाफ आक्रामक निर्णय लेने का सिलसिला शुरू किया था। व्यापारी लूट, प्रौद्योगिकी क्षेत्र में वर्चस्व, शिक्षा संस्थाओं के निवेश जैसे कई मुद्दों पर ट्रम्प प्रशासन ने एक के बाद एक आदेश जारी करके चीन को घेरना शुरू किया था। इस कार्रवाई से बेचैन हुए चीन ने अमरीका की तीव्र आलोचना करते हुए प्रत्युत्तर देने के इशारे भी दिए थे। अमरीका में सत्ता परिवर्तन के बाद नए राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने चीन के खिलाफ सौम्य नीति अपनाने के संकेत दिए थे। इसके अनुसार बायडेन प्रशासन अलग अलग मुद्दों पर चीन से बातचीत कर रहा है।

शनिवार के दिन अमरीका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताय और चीन के उप-प्रधानमंत्री लिऊ की ‘वर्चुअल’ बैठक हुई। इस दौरान अमरीका ने चीन के साथ किए गए ‘फेज वन ट्रेड डील’ पर अमल करने के अलावा ‘नॉन मार्केट प्रैक्टिसस’ का मुद्दा उठाया। इस पर जवाब देते हुए चीन ने हम समझौते का पालन कर रहे हैं और अमरीका के निर्णयों के कारण ही इसमें बाधाएँ निर्माण होने का आरोप लगाया। चीन के उत्पादों पर लगाए गए कर एवं प्रतिबंध अमरीका हटाए, ऐसी आक्रामक माँग भी चीन ने इस दौरान रखी।

us-china-demands-1चीन की यह माँग बीते कुछ महीनों से अमरीका के खिलाफ अपनाई गई आक्रामक नीति का हिस्सा होने की बात दिखाई देती है। जुलाई में चीन ने अमरीका के छह पूर्व वरिष्ठ अफसरों पर प्रतिबंध लगाए थे। इसके बाद अमरीका के शिष्टमंडल के साथ हुई बैठक के दौरान अमरीका संबंध सुधारने की इच्छा रखती हो तो अमरीका हमारी माँगें पूरी करे, यह इशारा भी चीन ने देने की बात सामने आयी थी। दो देशों के संबंधों में काफी गंभीर समस्याएँ अब भी कायम हैं और इसके लिए केवल अमरीका ही ज़िम्मेदार है, यह आरोप भी चीन ने इस दौरान लगाया था।

बीते महीने में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग से फोन पर बातचीत की थी। इसी बीच चीनी माध्यमों ने यह दावा किया था कि, इस चर्चा के दौरान जिनपिंग ने यह इशारा दिया कि, यदि दोनों देशों ने एकसाथ काम किया तो इसका लाभ उभय देशों को एवं विश्‍व को भी हो सकता है और यदि इसके बजाय संघर्ष हुआ तो इसके परिणाम भी विश्‍व को भुगतने पड़ेंगे। इस कॉल के कुछ दिन बाद ‘हुवेई’ की वैंगज़ाऊ मेंग की रिहाई चीन की हुकूमत ने अमरीका के खिलाफ अपनाई नीति की जीत होने के दावे भी किए गए थे।

ताइवान, हाँगकाँग और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की कार्रवाई, चीन इनमें से किसी भी मोर्चे से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। बल्कि, बायडेन अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बनने के बाद चीन की आक्रामकता में काफी बढ़ोतरी होने की बात विश्‍वभर के विश्‍लेषक दर्ज़ कर रहे हैं। ज्यो बायडेन अमरीका के इतिहास में सबसे कमज़ोर राष्ट्राध्यक्ष हैं, इस बात का अहसास चीन को है। इसलिए बायडेन हमारे खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करेंगे, यह भरोसा चीन को है, और इसी कारण चीन की बेलगाम हरकतें शुरू होने के आरोप अमरीका में लगाए जा रहे हैं।

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