अमरिका-इस्रायल नया रक्षा समझौता होगा – अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने रखा प्रस्ताव

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन/जेरूसलम: अमरिका और इस्रायल के संबंध और भी मजबूत करने के लिए रक्षा समझौता करने के लिए बातचीत हो रही है| इस्रायल के चुनाव खतम होने के बाद इस बातचीत को गति मिलेगी, यह संकेत अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दिए है| इस्रायल में हो रहे चुनाव की पृष्ठभूमि पर ट्रम्प ने किया यह वक्तव्य काफी अहमियत रखता है| प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने वेस्ट बैक की जॉर्डन वैली पर अधिकार स्थापित करने का ऐलान करते समय अमरिका सहयोग करेगी, यह दावा भी किया था|

डोनाल्ड ट्रम्प अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष होने के बाद उन्होंने इस्रायल संबंधी काफी अहम निर्णय किए थे| ईरान के विवादित परमाणु कार्यक्रम से अपने अस्तित्व को खतरा होने की बात इस्रायल लगातार कह रहा था| राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने पहले के प्रशासन ने ईरान के साथ किया परमाणु समझौता तोडकर इस्रायल के पक्ष में भूमिका अपनाई थी| इसके बाद अमरिका ने अपना दूतावास इस्रायल के तेल अवीव से जेरूसलम में शुरू करने का निर्णय किया|

इसके बाद अब अमरिका के ट्रम्प प्रशासन ने इस्रायल के साथ रक्षा सहयोग और भी मजबूत करने की कोशिश शुरू की है| पिछले वर्ष से अमरिका ने इस्रायल को प्रगत रक्षा यंत्रणा देने की एवं बडी संख्या में हथियार देने के संकेत दिए थे| अमरिका ने इस्रायल के लिए की जा रही इस रक्षा सहायता का प्रावधान बढाने के विषय में भी बातचीत हो रही है| इसमें अब सिधे द्विपक्षीय रक्षा समझौते का प्रस्ताव रखकर ट्रम्प ने दोनों देशों के संबंध नए स्तर पर पहुंचाने की तैयारी शुरू की है|

इस्रायल के चुनाव अब सिर्फ २४ घंटों में होंगे, ऐसे में ट्रम्प ने यह ऐलान करके नेत्यान्याहू को बल प्रदान किया है| इस्रायली प्रधानमंत्री ने भी इस पर तुरंत ही संज्ञान लिया है और इस्रायल को इससे पहले ट्रम्प जैसा अच्छा दोस्त कभी मिला नही था और अमरिका के साथ ऐतिहासिक समझौता करने की मैं बडी उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा हूं, इन शब्दों में नेत्यान्याहू ने अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के प्रति आभार व्यक्त किया|

कछ महीनों पहले अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने इस्रायल की यात्रा की थी| उस समय इस्रायल को अमरिका से भी अधिक अच्छा मित्रदेश प्राप्त नही होगा और यह सिर्फ खोखलें शब्द नही है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच रोज के व्यवहारों से साबित हुई बात है, इन शब्दों में पोम्पिओ ने दोनों देशों के गठबंधन का जिक्र किया था|

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