यूरोपीय देशों के साथ ईरान के संबंध बिगाड़ने के लिए अमरिका ‘मानसिक युद्ध’ खेल रहा है – ईरान के विदेश मंत्रालय का आरोप

तेहरान: ‘पिछले कुछ दिनों से ईरान और यूरोपीय देशों के बीच संबंध बिगाड़ने के लिए इस क्षेत्र के बाहर के देश और बदले की भावना से भडके समूह मानसिक युद्ध छेड़ रहे हैं। झूठी खबरें फैलाकर ईरान और यूरोपीय देशों के बीच संबंधों में दरार पैदा करने की कोशिष शुरू है’, ऐसा आरोप ईरान ने किया है। मुख्य रूपसे ईरान और जर्मनी के बीच संबंध में दरार निर्माण करने के लिए कुरापतें शुरू हैं, ऐसा ईरान का आरोप है।

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ‘बहराम कासेमी’ ने अमरिका का सीधा उल्लेख टालकर आलोचना की है। पिछले हफ्ते में व्हिएन्ना में अमरिका को छोड़कर संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद के अन्य स्थायी सदस्य देशों की ईरान के साथ विशेष बैठक हुई। इस बैठक के दौरान ईरान और जर्मनी के बीच संबंध बिगाड़ने के लिए गतिविधियाँ शुरू थी, ऐसा आरोप कासेमी ने किया है। जर्मनी में ईरान की संपत्ति को जर्मनी की मर्केल सरकार ने जब्त करने की खबरें सामने आई थी। लेकिन यह खबर झूठी है और ईरान और जर्मनी के बीच की आर्थिक सहायता में कोई फर्क नहीं पड़ा है, ऐसा कासेमी ने कहा है।

ऐसी झूठी खबरें फैलाकर ईरान के खिलाफ मानसिक युद्ध शुरू है, ऐसा आरोप कासेमी ने किया है। लेकिन ईरान और यूरोपीय देशों ने इस मानसिक युद्ध का और अपप्रचार का सावधानी से सामना करना चाहिए, ऐसा कासेमी ने आवाहन किया है। लेकिन ईरान ने जर्मनी, फ़्रांस और बेल्जियम इन देशों के राजदूतों को भेजे समन्स के बारे में बात करना टाला है।

पिछले हफ्ते में फ़्रांस में ईरान विरोधकों के कार्यक्रम पर हमले का षडयंत्र रचने वाले जर्मनी में स्थित ईरान के राजनीतिक अधिकारी को कब्जे में लिया गया था। इसके अलावा फ़्रांस और बेल्जियम से भी ईरानी नागरिकों को आतंकवादी षडयंत्र में शामिल होने के मामले में कब्जे में लिया गया था। जर्मनी, फ़्रांस और बेल्जियम में हुई कार्रवाई की आलोचना करके ईरान ने इन तीनों देशों के राजदूतों को समन्स भेजा था। इस घटना को कुछ घंटे भी नहीं हुए हैं और नेदरलैंड ने भी ईरान के दूतावास के दो अधिकारियों को खदेड़ा था। इस खदेड़ का कारण देने से नेदरलैंड ने इन्कार किया था। इसकी आलोचना करके ईरान ने नेदरलैंड के राजदूत को समन्स भेया था।

उसी दौरान ईरान के साथ इंधन विषयक सहकार्य करने वाली फ़्रांस की कंपनी भी ईरान के साथ के अनुबंध से पीछे हट गई है। नेदरलैंड की विमान कंपनी ने भी ईरान के साथ विमान सेवा को खंडित करने की घोषणा की है। इन सभी घटनाक्रमों की वजह से ईरान और यूरोपीय देशों के बीच तनाव निर्माण हुआ है। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के इन दावों को ईरान ने ख़ारिज किया है। साथ ही यह मानसिक युद्ध का हिस्सा है, ऐसा कहकर ईरान ने इसके लिए अमरिका को जिम्मेदार ठहराया है।

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