अमरिका-ईरान संघर्ष के कारण ईंधन के दामों का ‘विस्फोट’ होगा – विशेषज्ञों का इशारा

Third World Warलंदन: अमरिका का ड्रोन गिराकर ईरान ने अंतरराष्ट्रीय ईंधन बाजार को बडा झटका दिया है| इस वजह से बने तनाव की वजह से ईंधन के दामों में बढोतरी शुरू हुई है और एक ही दिन में ईंधन के दामों में करीबन ६ प्रतिशत बढोतरी हुई है| यह सीर्फ शुरूआत है और अगले दिनों में ईंधन के दामों का विस्फोट होगा, यह चिंता विशेषज्ञ व्यक्त कर रहे है| ऐसा होता है तो ईंधन के आयात पर निर्भर सभी देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर काफी दबाव बन सकता है| अंतरराष्ट्रीय अर्थकारण पर भी इस बढोतरी का विपरित असर होगा, यह संकेत अभी से प्राप्त होने लगे है|

पर्शियन खाडी और खाडी क्षेत्र में ईरान उद्देश्य सामने रखकर विघातक हरकतें कर रहा है, यह आरोप अमरिका ने किया था| इस्रायल और सौदी अरब एवं यूएई यह देश भी ईरान पर यही आरोप कर रहे है| ईरान ने यह सभी आरोप ठुकराए है| लेकिन, मई महीने में पर्शियन खाडी से सफर कर रहे ईंधन टैंकर्स पर हुए हमलें में ईरान का ही हाथ होने का आरोप करके इससे जुडे सबुत भी पेश किए गए थे| कुछ दिन पहले ओमान की खाडी में ईंधन टैंकर्स पर हुए हमलों में भी ईरान का ही हाथ होने का आरोप अमरिका, सौदी और मित्रदेशों ने किया था|

ईरान और ईरान समर्थक आतंकी संगठन प्लैन के साथ ईंधन की यातायात कर रहे टैंकर्स पर हमलें कर रहे है, यह आरोप अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने किया था| अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन के दाम बढाने के लिए किया गया षडयंत्र इसके पीछे है, ऐसा पोम्पिओ ने कहा था| ईरान ने अपने पर लगाए गए सभी आरोप भी ठुकराए है और यह अमरिका की ईरान के विरोध में साजीश होने का दावा भी ईरान ने किया था| अमरिका-ईरान के बीच बने इस तनाव का असर ईंधन के बाजार पर होने के संकेत भी इस दौरान प्राप्त हुए थे|

लेकिन, ईरान ने अमरिकी ड्रोन मार गिराने का समाचार प्रसिद्ध होने पर ईंधन के दामों में छह प्रतिशत उछाल देखा गया है| ईंधन के दामों में उछाल की यह सीर्फ शुरूआत होने का दावा विश्‍लेषक कर रहे है| दोनों देशों में बना तनाव बरकरार रहा या इसमें जरासी भी बढोतरी होती है तो इसका ईंधन के दामों पर गंभीर असर होगा, यह इन विश्‍लेषकों का कहना है| अमरिका और ईरान में संघर्ष शुरू हुआ तो ईंधन के दामों में बढोतरी नही होगी, बल्कि इन दामों का विस्फोट होगा, ऐसी चेतावनी इन विश्‍लेषकों ने दी है|

फिलहाल क्रुड ऑइल का दाम प्रति बैरल ६५ डॉलर है| वर्ष २०१३ के दौरन यह दाम करीबन १५० डॉलर्स तक जा पहुंचे थे| दुनिया की सभी अर्थव्यवस्थाओं पर इससे बडा दबाव बना था| लेकिन, अमरिका और ईरान में संघर्ष शुरू हुआ तो अब क्रुड के दाम पहले का विक्रमी स्तर आसानी से लांघ सकते है, यह डर इन विश्‍लेषकों ने पहले भी व्यक्त किया था| पिछले वर्ष अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ किए परमाणु समझौते से पीछे हटने का निर्णय किया था| इस दौरान एक रशियन निरिक्षक ने इसके आगे गंभीर परिस्थिति बनेगी और क्रुड के दाम प्रति बैरल ३०० डॉलर्स तक उछलने का इशारा दिया था|

ईंधन के दामों में विस्फोट होगा, यह विश्‍लेषकों ने व्यक्त किया हुआ डर उस रशियन निरिक्षक ने किया दावा सच्चाई में उतर सकता है, यह संकेत दे रहा है| इसका असर दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं पर होगा और इससे जागतिक स्तर पर काफी बडी उथल पुथल शुरू होने के संकेत स्पष्ट तौर पर दिख रहे है|

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