भारत ने किए आर्थिक सुधारों का अमरीका के उद्योग क्षेत्र द्वारा स्वागत – केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन

नई दिल्ली – जनवरी से सितंबर महीने तक, ‘भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार’ यह चीन का स्थान अमरीका ने जीता है। इस साल के पहले नौं महीनों में भारत और अमरीका के बीच का व्यापार लगभग ५० प्रतिशत से बढ़कर २८ अरब डॉलर्स पर गया है। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन अमरीका के दौरे पर हैं, ऐसे में प्रकाशित हुई यह जानकारी गौरतलब साबित होती है। भारत ने आर्थिक मोरचे पर किए सुधारों का, अमरीका और अमरीका के उद्योग क्षेत्र ने स्वागत किया, यह बताकर वित्त मंत्री सीतारामन ने संतोष ज़ाहिर किया है।

US-Industry-Sitharamanकेंद्रीय वित्त मंत्री सीतारामन अमरीका के दौरे पर होकर, अमेरिकन उद्योगक्षेत्र के मान्यवर ओ के साथ हो रही उनकी चर्चा महत्वपूर्ण साबित हो रही है। अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन के साथ वित्त मंत्री सीतारामन की चर्चा संपन्न हुई थी। साथ ही, जागतिक बैंक और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी वित्त मंत्री सीतारामन की चर्चा संपन्न हुई। जी२० देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक के लिए अमरीका के दौरे पर गईं वित्त मंत्री सीतारामन की लगभग २५ द्विपक्षीय चर्चाएँ संपन्न होने की जानकारी दी गई है।

इन चर्चाओं में भारत ने आर्थिक मोर्चे पर किए सुधारों का स्वागत हो रहा है कमा ऐसा सीतारामन ने कहा। अमेरिका के बायडेन प्रशासन ने तथा अमेरिकन उद्योगक्षेत्र की बड़ी कंपनियों ने भी कमा भारत ने कराई इन सुधारों की दखल लेकर उनका स्वागत किया कमा, ऐसा सीतारामन ने स्पष्ट किया। खासकर रेट्रोस्पेक्टीव्ह टॅक्स हटाने का भारत नहीं किया फैसला यह बहुत बड़ा सकारात्मक कदम होने का दावा अमेरिकन कंपनियों ने किया है। इसकी जानकारी देकर केंद्रीय वित्त मंत्री ने ऐसे संकेत दिए कि आने वाले समय में भारत में बहुत बड़ा निवेश आएगा।

अपने अमरीका दौरे का हेतु भारत में बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करना यही था और उसे उत्तम प्रतिसाद मिल रहा है, ऐसा दावा केंद्रीय वित्त मंत्री ने किया। इसी बीच, भारत ने आर्थिक मोरचे पर किए इन सुधारों के परिणाम दिखाई देने लगे होकर, भारत और अमरीका की व्यापारिक साझेदारी अधिक से अधिक मज़बूत बनती चली जा रही है यह बात स्पष्ट हो रही है। इस साल के पहले नौं महीनों में चीन को पीछे छोड़कर, अमरीका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश बनी है।

लद्दाख की एलएसी पर चीन ने की घुसपैंठ के कारण निर्माण हुए तनाव की पृष्ठभूमि पर, भारत-चीन व्यापार पर विपरित असर हुआ था। भारत सीमाविवाद का परिणाम व्यापार पर ना होने दें, ऐसा आवाहन चीन द्वारा लगातार किया जा रहा है। लेकिन सीमा पर सौहार्द और शांति स्थापित किए बगैर चीन को व्यापार में छूट नहीं मिलेगी, ऐसा भारत जता रहा है। इसी कारण भारत का चीन के साथ व्यापार कम होता चला जा रहा है और उसी अनुपात में भारत का अमरीका और अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ रहा है, यह गौरतलब बात सामने आई है।

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