भारत और अमरिका करेंगे ‘बेका’ समझौते पर हस्ताक्षर

नई दिल्ली/वॉशिंगटन: भारत और अमरिका के बीच जल्द ही बेसिक एक्सचेंज ऍण्ड कोऑपरेशन एग्रिमेंट(बीईसीएबेकासमझौता होगा| दोनों देशों के बीच शुरू रक्षासंबंधी सहयोग इस वजह से और भी मजबूत होता| भारत के रक्षा सचिव संजय मित्रा और अमरिका के रक्षा संबंधी निती विभाग के उपमंत्री जॉन रुड ने इस मुद्दे पर अगस्त महीने में बातचीत की थी| इसके बाद इस समझौते का मार्ग और भी प्रशस्त होने की बात कही जा रही है|

इससे पहले भारत और अमरिका के बीच लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरंडम ऑफ एग्रिमेंट(एलईएमओएलिमोआ) और कम्युनिकेशन्स कॉम्पैटिबिलीटी ऍण्ड सिक्युरिटी एग्रिमेंट(सीओएमसीएएसएकॉमकासा) यह समझौते हुए है| इस वजह से भारत और अमरिका जरूरत होने पर एक दुसरे के लष्करी अड्डों का इस्तेमाल कर सकते है| इसके साथ ही भारत को अमरिका से अतिप्रगत तकनीक भी प्राप्त हो सकती है| इस रक्षा विषयक सहयोग के अगले स्तर के तौर पर बेसिक एक्सचेंज ऍण्ड कोऑपरेशन एग्रिमेंट(बीईसीएबेकाकी ओर देखा जा रहा है| लिमोआ और कॉमकासा होने के बाद प्रभावी अमल करने के लिए दोनों देशों में बेकासमझौता होना जरूरी समझा जा रहा है| अमरिका ने इससे जुडा प्रस्ताव भारत को काफी पहले ही पेश किया था|

पर, अमरिका से प्राप्त हुए इस प्रस्ताव में अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से कुछ आपत्तिजनक मुद्दे होने की बात भारत ने स्पष्ट की थी| इन मुद्दों को लेकर बनी चिंता भारत ने अमरिका के सामने रखी है| इसके बाद अमरिका ने जरूरत बदलाव करने की तैयारी दिखाई है और अब इस समझौते की प्रक्रिया आगे बढने की बात दिख रही है| पिछले वर्ष सितंबर महीने में भारत और अमरिका के बीच टू प्लस टूबातचीत हुई थी| दोनों देशों के विदेशमंत्री एवं रक्षामंत्री के बीच हुई टू प्लस टू बातचीत में बेकाका मुद्दा भी शामिल था| अगली बातचीत में इस समझौते पर हस्ताक्षर होंगे, ऐसा भारत और अमरिका से कहा जा रहा था|

इसी के अनुसार इस वर्ष टू प्लस टू बातचीत का जल्द ही आयोजन होगा| अभी इस बातचीत के लिए दिन तय नही हुआ है, फिर भी दोनों देशों ने इस बातचीत की पूर्व तैयारी शुरू की है| इस वजह से बेकासमझौता भी होगा, यह दावा माध्यमों में हो रहा है| अगस्त महीने में भारत का शिष्टमंडल अमरिका पहुंचा था| इस दौरान भारत के रक्षा सचिव संजय मित्रा और अमरिका के रक्षा संबंधी निती विभाग के उपमंत्री जॉन रूड से इस मुद्दे पर गहरी बातचीत होने की बात कही जा रही है| इसी कारण दोनों देश बेकासमझौते पर हस्ताक्षर करेंगे, यह विश्‍वास व्यक्त किया जा रहा है|

बेका की वजह से भारत को अमरिका से काफी संवेदनशील और अतिप्रघत तकनीक प्राप्त हो सकेगी| साथ ही अमरिका से अहम सुरक्षा से जुडी गोपनीय जानकारी भी भारत को इस समझौते के बाद प्राप्त होगी| इसके अलावा क्रूझ एवं बैलेस्टिक मिसाइल और ड्रोन्स की तकनीक एवं उसके पुर्जों की सप्लाई भी अमरिका से भारत को हो सकेगी| भारत के साथ हथियार एवं रक्षा संबंधी सामान के संयुक्त निर्माण केंद्र इस समझौते से आसानी से बन सकेंगे| इसी पृष्ठभूमि पर अमरिका यह समझौता करने के लिए कडी कोशिश कर रही है|

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