अमरीका ग्रीस के रक्षा अड्डों पर तैनाती बढ़ाएगी – ग्रीस के रक्षामंत्री का दावा

अथेन्स/वॉशिंग्टन – अमरीका ने ग्रीस में स्थित रक्षा अड्डों पर तैनाती बढ़ाने के संकेत दिए हैं। इसी हफ्ते में ग्रीस के विदेशमंत्री अमरीका की यात्रा पर जा रहे हैं। इस दौरान दोनों देशों के समझौते की समय सीमा बढ़ाने से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएँगे, ऐसा कहा जा रहा है। बीते महीने में ग्रीस ने फ्रान्स के साथ रक्षा सहयोग व्यापक करने के लिए समझौता किया था। इसके बाद अमरीका के साथ किए गए समझौते की समय सीमा बढ़ाना तुर्की के खिलाफ तैयारी का हिस्सा बताया जा रहा है।

ग्रीस के रक्षामंत्रीग्रीस में अमरीका के चार रक्षा अड्डे मौजूद हैं। इनमें से क्रेटे द्विप पर नौसेना का अड्डा और लारिसा पर हवाई अड्डा है। इसके साथ अलेक्ज़ेंड्रोपोली बंदरगाह एवं स्टेफानोविकिओ के अड्डे का समावेश है। ऐसे में ग्रीस सरकार ने अमरीका के सामने ग्रीस में और एक रक्षा अड्डा स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था। परंतु अब, मौजूदा अड्डों की क्षमता बढ़ाने के लिए अतिरिक्त निवेश करने का निर्णय किया गया है। इसके अनुसार इन अड्डों पर मौजूद अमरिकी सुरक्षा यंत्रणा एवं सैनिकों की संख्या बढ़ाने के संकेत दिए गए हैं। ग्रीस के रक्षामंत्री निकॉस पेनागिओतोपोलस ने इससे संबंधित जानकारी प्रदान की।

ग्रीस के रक्षामंत्रीग्रीस के विदेशमंत्री निकॉस डेन्दिआस १४ अक्तुबर के दिन अमरीका पहुँच रहे हैं। इस दौरान अमरीका के विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन के साथ उनकी चर्चा होगी और इसी चर्चा में रक्षा सहयोग के समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा, ऐसा कहा जा रहा है। ग्रीस और अमरीका के बीच इससे पहले ‘म्युच्युअल डिफेन्स को-ऑपरेशन एग्रीमेंट’ किया गया है और नया समझौता इसकी समय सीमा बढ़ाने की प्रक्रिया का हिस्सा होने की बात सूत्रों ने बयान की है। इसमें कुछ नए प्रावधानों का समावेश होने के संकेत भी दिए गए हैं। अमरीका के साथ यह सहयोग, तुर्की की हरकतों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोर्चा गठन करने के लिए ग्रीस ने बढ़ाए कदमों का हिस्सा माना जा रहा है।

ग्रीस के रक्षामंत्रीबीते कुछ वर्षों में किए गए अलगअलग सर्वेक्षणों से भूमध्य समुद्री क्षेत्र में बड़ी मात्रा में ईंधन के भंड़ार मौजूद होने की बात सामने आयी है। इनमें से अधिकाधिक भंड़ार पर कब्ज़ा करने के लिए तुर्की ने बीते वर्ष से आक्रामक गतिविधियाँ शुरू की हैं। भूमध्य समुद्री क्षेत्र में ग्रीस और सायप्रस की सीमा में मौजूद ईंधन भंड़ारों पर तुर्की ने अपना हक जताना शुरू किया है। बीते वर्ष के अगस्त में और इसके बाद तुर्की ने ‘रिसर्च शिप’ एवं युद्धपोत रवाना करके भूमध्य समुद्र में एक के बाद एक मुहिम चलाना शुरू किया था। तुर्की की इन गतिविधियों पर आपत्ति जताकर ग्रीस ने भूमध्य समुद्र में अपनी रक्षा तैनाती बढ़ाई थी।

इसके बाद ग्रीस ने फ्रान्स, संयुक्त अरब अमीरात, इस्रायल, इजिप्ट जैसे देशों के साथ सामरिक सहयोग मज़बूत करने पर जोर दिया था। यूरोपिय महासंघ एवं नाटो के माध्यम से तुर्की पर राजनीतिक दबाव ड़ालने की भी कोशिश की गई थी। ग्रीस की यह आक्रामकता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव के कारण तुर्की पीछे हटने के लिए मज़बूर हुआ था। अमरीका में सत्ता परिवर्तन होने के बाद बायडेन प्रशासन ने भी अपना समर्थन ग्रीस को रहेगा, यह संकेत देने से तुर्की मुश्‍किल में पड़ गया है, यह माना जा रहा है।

इसी पृष्ठभूमि पर तुर्की और ग्रीस के बीच तनाव फिर से बढ़ने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। ग्रीस का अन्य देशों के साथ सहयोग तुर्की को परेशान कर रहा है और राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन उकसाने की नई कोशिश करेंगे, यह दावा ग्रीक विश्‍लेषक कर रहे हैं। कुछ दिन पहले तुर्की ने सायप्रस के करीबी समुद्री क्षेत्र में नया जहाज़ रवाना करने की घटना की ओर भी ध्यान आकर्षित किया गया है। तुर्की द्वारा अगले दिनों में ग्रीस की समुद्री सीमा में मछुआरों के जहाज़ या ‘फ्लोटिंग रिग’ भेजने की संभावना जताई जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.