बॅलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के खिलाफ अमरिका के ईरान पर नए प्रतिबन्ध

वॉशिंगटन: अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों को ठोकर मारकर बॅलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम का निष्पादन करने का आरोप लगाकर अमरिका ने ईरान के खिलाफ नए प्रतिबन्ध घोषित किए हैं। अमरिका के प्रतिनिधिगृह ने इन प्रतिबंधों को मंजूरी दी है। इस वजह से ईरान के मिसाइल परिक्षण को मदद करने वाला व्यक्ति, कंपनियां, संगठन अथवा देश पर कारवाई की जाएगी। ईरान समर्थक हिजबुल्लाह को भी इस प्रतिबन्ध में लक्ष्य बनाया गया है। इस पर ईरान से तीव्र प्रतिक्रिया आने की संभावना है।

अमरिकन प्रतिनिधिगृह की ‘फोरेन अफेयर्स कमिटी’ ने ईरान पर प्रतिबन्ध लगाने का नया प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। प्रतिनिधिगृह के अध्यक्ष एड रोयस और वरिष्ठ नेता एलियट एंजल ने ईरान पर नए प्रतिबन्ध लगाने की मांग की थी। इस पर प्रतिनिधिगृह में हुए मतदान में ४२३ लोगों ने ईरान पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए समर्थन दिया और सिर्फ दो सदस्यों ने इस प्रस्ताव को विरोध दर्शाया।

बॅलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमइन नए प्रतिबंधों की वजह से ईरान के मिसाइल कार्यक्रम पर दबाव बढेगा, ऐसा रोयस ने भरोसा जताया है। इसके पहले भी अमरिका के प्रतिनिधिगृह में ईरान का मिसाइल कार्यक्रम रोकने के लिए प्रस्ताव रखा गया था। लेकिन तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने ईरान के साथ के परमाणु अनुबंध को महत्व देकर प्रतिनिधिगृह के इस प्रस्ताव को ख़ारिज किया था। लेकिन इस प्रतिबन्ध की वजह से ईरान को सीधा सन्देश गया होगा।, ऐसा प्रतिनिधिगृह के वरिष्ठ सदस्य केव्हिन मैकार्थी ने कहा है।

‘अमरिका दुर्बल नहीं है, यह सन्देश नए प्रतिबन्ध के जरिए गया है। इन प्रतिबंधों ने ईरान का मिसाइल कार्यक्रम को लक्ष्य बनाया है। उसीके साथ ही अमरिका की जनता के खून से हाथ रंगने वाले और ईरान से अपनी जेब भरने वाले हिजबुल्लाह को भी इन प्रतिबंधों ने झटका दिया है। यह अमरिका का नए ईरान विषयक भूमिका का महत्वपूर्ण हिस्सा है’, ऐसा दावा मैकार्थी ने किया है।

इन नए प्रतिबंधों की वजह से ईरान के बॅलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम दुविधा में पड सकता है। ईरान के बॅलिस्टिक मिसाइल का निर्माण, परिक्षण के लिए सहायता करने वाली व्यक्ति, संगठन, कम्पनियाँ और देशों के खिलाफ करना इन प्रतिबंधों की वजह से संभव होने वाला है, इस बात को प्रतिनिधिगृह ने स्पष्ट किया है। ईरान समर्थकों के अमरिका के एकाउंट्स बंद करके उनके अमरिका प्रवेश पर पाबन्दी लगाई जाएगी, ऐसी जानकारी प्रतिनिधिगृह के वरिष्ठ सदस्य ने दी है।

इन नए प्रतिबंधों के माध्यम से अमरिका ने ईरान के साथ सहकार्य प्रस्थापित करने वाले यूरोपीय देशों को इशारा दिया है, ऐसा दिखाई दे रहा है। ईरान के साथ परमाणु अनुबंध करने के बाद, पिछले दो सालों में यूरोपीय देशों ने ईरान के साथ व्यापारी सहाकरी बढाया था। इसका फायदा ईरान की लष्कर और परमाणु कार्यक्रम को भी हो रहा है। यूरोपीय मित्र देश ईरान के साथ के इस सहकार्य को बंद करे दें, ऐसा आवाहन अमरिका ने किया है। अमरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने अपने खाड़ी के दौरे में भी यह घोषणा की थी। लेकिन यूरोपीय देश अमरिका की ईरान विषयक भूमिका से सहमत नहीं हैं।

ईरान के बारे में भूमिका को लेकर अमरिका के यूरोपीय देशों के साथ गंभीर मतभेद निर्माण होंगे, ऐसा इशारा एक ख्यातनाम अभ्यास गुट ने दिया है। ईरान पर अमरिका ने प्रतिबन्ध लगाए तो, आर्थिक समस्या से जूझ रहे यूरोपीय देशों की अर्थव्यवस्था पर भी इसका परिणाम होगा, ऐसी चिंता इन देशों को लग रही है। इसीलिए अमरिका ईरान के बारे में चरम निर्णय न लेकर बातचीत करके समस्या को सुलझाए, ऐसी मांग यूरोपीय देशों से सतत की जा रही है। अमरिका ने इस मांग को नजरअंदाज किया है, ऐसा लग रहा है।

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