हॉंगकॉंग के प्रदर्शनों में अमरिका का हाथ – चीन ने लगाया गंभीर आरोप

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरहॉंगकॉंग: चीन के विरोध में प्रदर्शन कर रहे ४४ प्रदर्शनकारियों को मंगलवार के दिन हॉंगकॉंग में गिरफ्तार किया गया| उन्हें कैद में रखनेवाले पुलिस ठाने के बाहर हजारों प्रदर्शनकारियों ने बडी नारेबाजी करके चीन का निषेध किया| ‘चीन हमें डराने की कोशिश कर रहा है, लेकिन, हमारे प्रदर्शन इसके आगे भी जारी रहेंगे’, यह इशारा इन प्रदर्शनकारियों ने दिया है| इसके साथ ही ५ अगस्त से इससे भी बडे प्रदर्शन करने का इशारा देकर प्रदर्शनकारियों ने यह भी घोषित किया है की, हम चीन के दमन के आगे झुकेंगे नही| इसी बीच चीन ने हॉंगकॉंग के प्रदर्शनों के पीछे अमरिका का हाथ होने का आरोप किया है|

पिछले महीने से हॉंगकॉंग में चीन के विरोध में शुरू हुए प्रदर्शन अभी शांत हुए नही है| बल्कि यह प्रदर्शन अधिक से अधिक तीव्र हो रहे है| मंगलवार के दिन प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करके हॉंगकॉंग के प्रशासन ने करीबन ४४ लोगों को गिरफ्त में लिया था| इन सभीयों पर पुलिस पर हमला करना, घातक हथियार रखना और अव्यवस्था फैलाने का आरोप रखा गया है| अपने सहयोगीयों पर हुई गिरफ्तारी की कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थाने के बाहर डेरा जमाया था|

इन हजारों प्रदर्शनकारियों को नियंत्रण में रखने में पुलिस के लिए कठिनाई से भरा हुआ था| इसके व्हिडिओज् दुनिया भर में समाचार चैनल पर प्रसिद्ध हुए है और सोशल मीडिया पर भी इसे अच्छी खासी प्रसिद्धी मिल रही है| हम पर रायफल ताननेवाली पुलिस के सामने भी डटकर खडे रहनेवाले प्रदर्शनकारी इसमें दिखाई दे रहे है| चीन कितनी भी कोशिश करें, तो भी हम डरेंगे नही, इसके आगे भी हमारे प्रदर्शन जारी रहेंगे, यह इशारा इन प्रदर्शनकारियों में शामिल युवकों ने दिया है|

५ अगस्त के दिन इससे भी अधिक व्यापक और तीव्र प्रदर्शन करने का निवेदन इस दौरान किया गया| यह चीन के लिए सीरदर्द साबित हो रहा है और काफी समय के बाद हॉंगकॉंग में चीन के सामने बडी चुनौती होने की बात दिख रही है| वर्ष १९९७ में ब्रिटेन ने हॉंगकॉंग का जिम्मा चीन के हाथ दिया था| इस दौरान हॉंगकॉंग पर सत्ता प्राप्त करने के बावजूद हॉंगकॉंग की स्वायत्तता को हाथ नही लगाएंगे, यह भरोसा चीन ने दिलाया था| इसीलिए चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत का एकाधिकार हॉंगकॉंग में प्रवेश कर नही सका था|

हॉंगकॉंग और चीन में एक देश दो व्यवस्था के आधार पर कारोबर शुरू था| लेकिन, नजदिकी दिनों में चीन ने ‘एक देश, एक व्यवस्था’ जारी करने की तैयारी शुरू की| हॉंगकॉंग में सत्ता में आयी चीन समर्थक प्रशासन ने इसके लिए चीन के पक्ष में निर्णय किए थे| हॉंगकॉंग के अपराधियों को चीन के हाथ सौपने का निर्णय इसी का हिस्सा समझा जा रहा था| इसके बाद हॉंगकॉंग में तीव्र प्रदर्शनों का विस्फोट हुआ| हॉंगकॉंग का प्रशासन चीन के हाथ की कठपुतली होने का कडा आरोप यह प्रदर्शनकारी कर रहे है| इसके साथ ही अपने विरोध में हो रही कार्रवाई के पीछे भी चीन होने का आरोप यह प्रदर्शनकारी कर रहे है|

हॉंगकॉंग की स्थिति चीन सही तरीके से संभाले, यह सूचना अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने की थी| इसपर चीन ने कडी आलोचना की है और चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने इसके लिए अमरिका को ही जिम्मेदार कहा है| हॉंगकॉंग में शुरू प्रदर्शनों के पीछे अमरिका होने की बात चुनयिंग ने कही| इन प्रदर्शनों के शुरू से चीन इस स्थिति के लिए पश्‍चिमी देश जिम्मेदार होने का आरोप करता रहा है| लेकिन, अब चीन ने जाहीर तौर पर अमरिका पर आरोप रखना शुरू किया है और अगले समय में इस मुद्दे पर चीन और अमरिका के बीच नया विवाद होने की संभावना है|

हॉंगकॉंग के प्रदर्शन खतम करने के लिए बल का प्रयोग हो सकता है, यह इशारा चीन ने इससे पहले भी दिया था| इस पर अमरिका ने कडी प्रतिक्रिया दर्ज करके इसके परीणाम गंभीर होंगे, यह चेतावनी दी थी|

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