ताइवान के मुद्दे पर चीन ने बनाया दवाब ठुकरा रहे लिथुआनिया को अमरीका का पूरा समर्थन – अमरिकी विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन

वॉशिंग्टन – चीन के धमकाने पर ध्यान दिए बगैर ताइवान का राजनीतिक दफ्तार शुरू करनेवाले लिथुआनिया को अमरीका का पूरा समर्थन होने का ऐलान अमरीका के विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने किया। साथ ही लिथुआनिया पर चीन दबाव डाल रहा है, यह आरोप भी विदेशमंत्री ब्लिंकन ने लगाया। इसी दौरान लिथुआनिया ने भी चीन पर अपनी निर्भरता कम करने की तैयारी जुटाई है। गौरतलब है कि, बीते कुछ दिनों से ब्रिटेन, पोलैण्ड और यूरोपिय महासंघ ताइवान के मुद्दे पर चीन को झटके दे रहे हैं और इससे चीन काफी बेचैन है।

us-support-lithuaniaलिथुआनिया के विदेशमंत्री गैब्रिलिअस लैण्डस्‌बर्गीस ने दो दिन पहले ही अमरीका के विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन से भेंट की थी। इस मुलाकात के दौरान राजधानी विलनिस में ताइवान का राजनीतिक दफ्तर शुरू करनेवाले लिथुआनिया की भूमिका का विदेशमंत्री ब्लिंकन ने स्वागत किया। ‘लिथुआनिया और अमरीका दोनों नाटो के मज़बूत सहयोगी देश हैं। सामूहिक रक्षा एवं सुरक्षा के मुद्दे पर दोनों देशों की भूमिका समान है। इसी के साथ चीन के आर्थिक हमले के खिलाफ लिथुआनिया के पीछे अमरीका ड़टकर खड़ी रहेगी’, यह बयान विदेशमंत्री ब्लिंकन ने किया।

यूरोप के स्लोवाकिया देश ने वर्ष २००३ में ताइवान के राजनीतिक दफ्तर को अनुमति प्रदान की थी। १८ वर्ष के लंबे समय के बाद लिथुआनिया ने ताइवान के साथ सहयोग स्थापित करने के लिए राजनीतिक दफ्तर शुरू करने का ऐलान किया। लेकिन, अन्य यूरोपिय देशों की तुलना में लिथुआनिया का ऐलान चीन को उकसानेवाला साबित हुआ। यूरोप में ताइवान के राजनीतिक दफ्तर ‘ताइपे’ नाम से है। लेकिन, लिथुआनिया में ‘द ताइवानीज्‌ रिप्रेज़ेंटटिव ऑफिस’ नाम से शुरू हो रहा यह दफ्तर इस नाम का पहला दफ्तर साबित हुआ है।

लिथुआनिया ने जुलाई में इस दफ्तर से संबंधित ऐलान किया था। इसके बाद चीन ने लिथुआनिया को आर्थिक और व्यापारी परिणामों का दाखिला देकर धमकाया था। अगस्त में चीन ने लिथुआनिया के लिए खाद्य सामान के निर्यात की नई अनुमति देना रोक दिया था। इसके अलावा चीन ने लिथुआनिया जानेवाली माल वाहक ट्रेन को भी रोक दिया है। अपना गुस्सा जताने के लिए चीन ने लिथुआनिया के राजदूत को देश से बाहर खदेड़कर अपने राजदूत को भी लिथुआनिया से वापस बुलाया था। चीन के इस निर्णय पर लिथुआनिया ने आलोचना की थी।

इसी बीच, अपनी भूमिका पर बरकरार लिथुआनिया ने राजधानी विलनिस में ताइवान का राजनीतिक दफ्तर शुरू करके चीन को तमाचा जड़ा। इससे चीन की बड़ी बौखलाहट हुई है। ऐसे में लिथुआनिया को घेरने के लिए चीन ने अधिक सख्त कदम उठाए हैं और इस पर स्लोवानिया ने भी आपत्ति जताई है। यूरोपिय महासंघ चीन विरोधी भूमिका अपनाए, यह आवाहन भी स्लोवेनिया ने किया है। चीन अपने आर्थिक और व्यापारी ताकत के बल पर यूरोपिय देशों में दरार ड़ालने की कोशिश कर रहा है, यह आरोप भी स्लोवेनिया ने लगाया है। यूरोपिय देशों पर चीन की इस कार्रवाई के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए ५ अक्तुबर के दिन महासंघ ने विशेष बैठक आयोजित करने का निर्णय किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.