अमरिकी लड़ाकू विमान ने भरी, ईरान के यात्री विमान के करीब से उड़ान

तेहरान – सीरिया की हवाई सीमा में अमरिकी लड़ाकू विमान ने ईरान के यात्री विमान के करीब से ख़तरनाक तरीके से उड़ान भरी। अमरिकी लड़ाकू विमान की इस कार्रवाई से अपने नागरिकों की जान के लिए ख़तरा बना था, यह आरोप ईरान ने किया है। साथ ही अमरीका की इस हरकत को उचित प्रत्युत्तर मिलेगा, यह चेतावनी भी ईरान के विदेश मंत्रालय ने दी है। लेकिन, अपने विमान ने आंतर्राष्ट्रीय नियमों के दायरे में रहकर ईरान के विमान से नज़दीक निगरानी की होने का ऐलान अमरीका ने किया है।

लड़ाकू विमान

ईरान की राजधानी तेहरान से, लेबनान के बैरूत के लिए उड़ान भरनेवाले यात्री विमान के संदर्भ में यह घटना हुई। ‘महान एअरलाईन्स’ का यात्री विमान सीरिया की हवाई सीमा में दाखिल होने के बाद, अगले कुछ ही मिनिटों में दो लड़ाकू विमानों ने इस विमान के साथ उड़ान भरना शुरू किया। इनमें से एक विमान ने काफ़ी नज़दीक उड़ान भरने का आरोप ईरान ने किया। इस वज़ह से अपने पायलट को विमान ‘नोज डाइव्ह’ यानी विमान का रूख ज़मीन की दिशा में बदलना पड़ा। इस वज़ह से यात्रियों में घबराहट का माहौल पैदा हुआ और इस दौरान कुछ यात्री घायल होने का आरोप ईरान के सरकारी समाचार चैनल ने किया। इस घटना के बाद कुछ समय के लिए इस क्षेत्र में तनाव निर्माण हुआ था।

लड़ाकू विमान

शुरू में ईरान के माध्यमों ने, विमान में मौजूद यात्रियों के हवाले से इस ख़तरनाक उड़ान के लिए इस्रायल ज़िम्मेदार होने की बात कही थी। इस्रायली विमानों ने सीरिया की हवाई सीमा में घुसपैठ करके यह कार्रवाई करने का आरोप ईरान के माध्यमों ने किया था। तभी इस्रायली यंत्रणाओं ने विदेशी माध्यमों ने किए इन आरोपों पर उत्तर देना टाल दिया। लेकिन, आगे के कुछ ही घंटों में ईरान की सरकार ने उस यात्री-विमान के पायलट के हवाले से इस घटना के लिए अमरीका के ‘एफ-१५’ लड़ाकू विमान ज़िम्मेदार होने का आरोप किया। अमरीका ने भी हवाई गश्‍त कर रहें अपने विमानों ने, ईरान के यात्री-विमान से सुरक्षित अंतर रखकर उड़ान भरने की बात कही है। साथ ही, सीरिया में स्थित अपने विमानों की हवाई गश्‍त पूरी तरह से कानूनन होने की बात अमरीका ने कही है।

इसी बीच, ईरान की ‘महान एअरलाईन्स’ का विमान अमरीका और इस्रायल ने पहले ही ‘ब्लैक लिस्ट’ किया है। आतंकवाद का समर्थन करनेवाली गतिविधियों में शामिल होने का आरोप रखकर, अमरीका ने इस विमान कंपनी पर प्रतिबंध लगाए हैं। इसी बीच, दो महीने पहले इस विमान कंपनी के साथ सहयोग कर रही चीन की कंपनी के विरोध में भी अमरीका ने कार्रवाई की थी।

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