चीन की आक्रामकता को प्रत्युत्तर देने के लिए जापान की युद्धपोत पर अमरिकी ‘एफ-३५’ की तैनाती

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

टोकियो – ईस्ट चाइना सी में चीन से शुरू एकतरफा कार्रवाईया एवं साउथ चाइना सी तथा पैसिफिक भाग में बढ़ती लष्करी गतिविधियां जापान के चिंता में अधिक बढ़ोतरी कर रही है| चीन के इन गतिविधियों को प्रत्युत्तर देने के लिए जापान ने आक्रामक धारणा का स्वीकार किया है और सीधे विमान वाहक युद्धपोत पर लड़ाकू विमानों की तैनाती करने के संकेत दिए हैं| उसके लिए फिलहाल जापान के नौसेना में होने वाले हेलीकॉप्टर कैरियर प्रकार के युद्धनौका में बदलाव करके उसका विमान वाहक युद्धपोत में रूपांतर करने के प्रस्ताव को जापान के सरकार ने मंजूरी दी है|

दूसरे विश्‍वयुद्ध के बाद अमरिका एवं मित्र देशों ने जापान पर कई प्रतिबंध जारी किए थे| इन प्रतिबंधों के अनुसार जापान के रक्षा धारणा बचावात्मक होगी और जापान अपने रक्षा दल पर देश के सकल उत्पादनों में से १ प्रतिशत ही खर्च कर सकता है| पिछले ८ दशक से जापान ने बचावात्मक धारणा का स्वीकार किया है| फिर भी प्रधानमंत्री शिंजो एबे इनके कार्यकाल में जापान ने इस धारणा में बदलाव किया है| उसके अनुसार जापान रक्षा खर्च लगातार बढ़ा रहा है और फिलहाल रक्षा दल पर सबसे अधिक खर्च करने वाले दुनिया के पहले १० देशों में अब जापान का समावेश है|

इस के अंतर्गत जापान ने अमरिका से लगभग १०० एफ-३५ यह अति प्रगत स्टेल्थ लड़ाकू विमानों की खरीदारी के लिए गतिविधियां शुरू की है| अमरिका के हवाई दल में तैनात सबसे प्रगत एफ-३५ लड़ाकू विमानों की आवृत्ति खरीदारी की जाने वाली है, ऐसा जापान के रक्षा अधिकारी ने हाल ही में स्पष्ट किया था| जापान ने इससे पहले भी अमरिका के ४२ एफ-३५ए इन विमानों की मांग की थी| उसके बाद अब एफ-३५बी खरिदी करने के लिए भी चर्चा शुरू की है और अमरिका ने भी इस चर्चा में सकारात्मक संदेश दिए हैं|

अमरिका की यह अत्याधुनिक एवं प्रगत लड़ाकू विमान जापान के नौसेना में इझुमो श्रेणी के हेलीकॉप्टर वाहक युद्धपोत पर तैनात करने की बात कही जा रही है| पर अब इन विमानों के लिए फिलहाल होने वाले इझुमो श्रेणी के हेलीकॉप्टर वाहक युद्धपोत में बड़े बदलाव करने के संकेत जापान ने दिए हैं| जापानी नौसेना में वर्तमान में कार्यरत होनेवाले युद्धनौका में से डीडीएच-१८३ इस युद्धपोत में बदलाव करके उसका विमान वाहक युद्धपोत में रूपांतर करने की तैयारी जापान सरकार ने शुरू की है|

जापान के राज्यघटना के अनुसार इस देश को ‘अटैक एयरक्राफ्ट कैरियर’ रखने की अनुमति नहीं है| उसके लिए मूल हेलीकॉप्टर वाहक युद्धपोत का रूपांतर करने की योजना बनाई गई है| उसके लिए अमरिका के सहायता लेने के बारे में भी चर्चा होने के संकेत सूत्रों ने दिए हैं| जापान की इझुमो श्रेणी के हेलीकॉप्टर वाहक युद्धपोत २४८ मीटर लंबी है| फिलहाल उसपर १४ हेलीकॉप्टर तैनात किए जा सकते हैं| एफ-३५ए यह स्टेल्थ लड़ाकू विमान वर्टिकल टेकऑफ अर्थात जगह पर उड़ान करने वाले तंत्र से युक्त होकर एफ-३५बी ‘शॉर्ट टेक ऑफ’ अर्थात छोटे रन वे से उडान करने के लिए विकसित किए गए हैं|

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