चीन और रशिया को प्रत्युत्तर देने के लिए अमरिका अंतरिक्ष में मिसाइल तैनात करेगा

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वॉशिंग्टन – चीन और रशिया के हाइपरसोनिक मिसाइलों से अमरिका को खतरा है। इसकी वजह से अमरिका की सुरक्षा के लिए और चीन, रशिया उतने ही जबरदस्त प्रत्युत्तर देने के लिए अमरिका अंतरिक्ष में मिसाइल तैनात करने की घोषणा पेंटागौन के वरिष्ठ अधिकारियों ने की है। इसके लिए अंतरिक्ष में लगभग १००० मिसाइल तैनात करने पर पेंटागौन विचार कर रहा है, ऐसी जानकारी सामने आ रही है। पिछले महीने में राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प अमरिका के रक्षा दल में स्पेस कमांड यह छठवा विभाग शुरू करके आनेवाले समय में अंतरिक्ष की गतिविधियां एवं उसकी सुरक्षा महत्वपूर्ण होगी, ऐसा रेखांकित किया था।

अमरिका के मिसाइल सुरक्षा विभाग के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सैम्युअल ग्रीव्स ने विशेष लष्करी अधिकारियों की बैठक में बोलते हुए अमरिका एवं मित्र देशों के सामने बड़े चुनौतियां निर्माण होने की बात कही थी। पिछले कई महीनों में चीन तथा रशिया के हाइपरसोनिक मिसाइल के परीक्षण ने जोर पकड़ा है। इन दोनों देशों के हाइपरसोनिक मिसाइलों से अमरिका एवं मित्र देशों की सुरक्षा को खतरा है। इसकी वजह से चीन एवं रक्षा के बढ़ते सामर्थ्य की तरफ अमरिका नजरअंदाज नहीं कर सकता, ऐसी चेतावनी अमरिका के मिसाइल सुरक्षा विभाग के प्रमुख जनरल सैम्युअल ग्रीव्सने दी है।

लेफ्टिनेंट जनरल ग्रीव्स ने दिए चेतावनी पर अमरिका के रक्षा विभाग से संबंधित एक अधिकारी ने इस बारे में पेंटागौन की आनेवाली योजना प्रस्तुत की है। पेंटागौन के संशोधन और अभियांत्रिकी विभाग के उप मंत्री माइकल ग्रिफिन ने चीन एवं रशिया के हाइपरसोनिक मिसाइलों को प्रतिउत्तर देने के लिए अमरिका सीधा अंतरिक्ष में मिसाइल तैनात करेंगे ऐसा सूचित किया था। मिसाइल सुरक्षा का विचार करते हुए अंतरिक्ष क्षेत्र को हम अलग नहीं कर सकते, ऐसा ग्रिफिन ने स्पष्ट किया था। यह कहते हुए अमरीका के चीन और रशिया के हाइपरसोनिक मिसाइल हवा में ही भेदने की यंत्रणा होने का दावा ग्रिफिन ने किया था।

दुनिया के किसी भी कोने से प्रक्षेपित होनेवाले हाइपरसोनिक मिसाइलों को ढूंढ कर वह नष्ट करने की व्यापक और दीर्घकालीन बहुउद्देशीय हवाई सुरक्षा यंत्रणा अमरिका के पास नहीं है, ऐसा ग्रिफिन ने कहा है। इसकी वजह से चीन एवं रशिया के हाइपरसोनिक मिसाइलों का हमला भेदने के लिए १००० मिसाइल तथा अति प्रगत सेंसर ने सज्ज होने वाले सेटेलाइट प्रक्षेपित करने की तैयारी शुरू करने का दावा ग्रिफिन ने किया है। इसके लिए सिर्फ २० अरब डॉलर खर्च होने की जानकारी दी है। इससे पहले भी अंतरिक्ष शस्त्र तैयार करने के लिए सैकड़ों करोड़ खर्च होने की बात कही जा रही थी। पर यह खर्च बहुत कम होकर अमरिका जल्द ही इस योजना को कार्यान्वित करेगा ऐसा ग्रिफिन ने आगे कहा।

फिलहाल अमरिका के पास पेट्रीयौट और थाड जैसे अति प्रगत मिसाइल भेदी यंत्रणा है। अलग-अलग देशों में लष्करी स्थल एवं समुद्र में तैनात होनेवाले अमरिका के मिसाइल बेदी यंत्रणा अंतरखंडीय बैलिस्टिक मिसाइलों के विरोध में तैनात किए जा रहे हैं। पर इन यंत्रणाओं में प्रति घंटा ७००० मील से यात्रा करने वाले हाइपरसोनिक मिसाइलों को भेदने की क्षमता ना होने का बयान उनके स्ट्रैटेजिक कमांड के कमांडर जॉन हेटन ने तथा अमरिका की कई विश्लेषक दे रहे हैं।

चीन एवं रशिया की तरह अमरिका ने भी हाइपरसोनिक मिसाइलों के निर्माण के लिए प्रयत्न शुरू किया है। आनेवाले समय में यह मिसाइल तैनात किए जाएंगे, पर यह हाइपरसोनिक मिसाइल हो शत्रु के जगहों पर प्रक्षेपित करने से पहले अमरिका के हाइपरसोनिक सेंसर्स होना आवश्यक है। इसकी वजह से प्रतिपक्ष के मोबाइल मिसाइल और लांचर की जानकारी प्राप्त करके हमले करना आसान होगा। ऐसे सेंसर अंतरिक्ष में सैटेलाइट द्वारा छोड़े जोड़े गए, तो शत्रु की मिसाइलों पर हमला करना अधिक आसान हो सकता है, ऐसा दावा ग्रिफिन ने किया है।

इससे पहले भी पेंटागौन के अधिकारियों ने चीन एवं रशिया के बढ़ते हाइपरसोनिक मिसाइलों के बेड़े पर चिंता व्यक्त की थी। अमरिका ने अपने प्रतिस्पर्धी देशों की स्पर्धा में चार कदम आगे होना चाहिए। इसके लिए रक्षा खर्च में बढ़ोतरी करने की मांग अमरिका के अधिकारियों ने की थी। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने पेंटागौन के अधिकारियों की मांग मंजूर की है तथा अमरिकन कांग्रेस इस बारे में प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।

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