अमरिका तुर्की में ‘ग्रैव्हीटी न्यूक्लियर बम’ तैनात करेगा

मॉस्को: पिछले महीने में बी६१-१२ ग्रैव्हीटी न्यूक्लियर बम का परीक्षण करके खलबली फैलानेवाले अमरिका ने यह बम तुर्की में तैनात करने की तैयारी की है। रशिया के एक अग्रणी वृत्तसंस्था ने इस संबंधी जानकारी प्रसिद्ध की है। इस पर रशिया के लष्करी विश्लेषकों ने आलोचना की है और अमरिका पर गैरजिम्मेदाराना बर्ताव करने का आरोप किया है तथा अमरिका के लष्करी अधिकारियों ने इस पर प्रतिक्रिया देने की बात टाली है।

अमरिका ने परीक्षण किए ग्रैव्हीटी न्यूक्लियर बम परमाणु बम से अधिक विध्वंसक और परमाणु बम के विस्फोट से अधिक भयंकर परिणाम करनेवाला होने का दावा अमरिका के वायु सेना और ऊर्जा विभाग ने किया है। पिछले महीने में अमरिकी वायुसेना के बी-२ स्पिरिट स्थेल्थ बॉम्बर्स द्वारा ग्रैव्हीटी न्यूक्लियर बम प्रक्षेपित किया गया था। पिछले ५ दशकों से अमरिका और यूरोप में नाटो सदस्य देशों में लष्करी स्थल पर तैनात बी६१-१२ का आधुनिकीकरण करके उसे नए रुप से तैनात करने के संकेत अमरिका ने दिए थे।

ग्रैव्हीटी न्यूक्लियर बम, तैनात, बी६१-१२, परीक्षण, तुर्की, अमरिका, रशियाइसके लिए जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, बेल्जियम इन यूरोपीय देशों में लष्करी अड्डो का उल्लेख करके अमरिका के अधिकारियों ने खलबली फैलाई थी और रशिया के वृत्तसंस्थाने प्रसिद्ध किए जानकारी के अनुसार यूरोपीय देशों में अमरिका तुर्की में भी ग्रैव्हीटी न्यूक्लियर बम तैनात करेगा, ऐसा स्पष्ट किया है। इस ग्रैव्हीटी न्यूक्लियर बम के तैनाती के बारे में चर्चा करने के लिए अमरिका के प्रतिनिधिमंडल जल्द ही तुर्की में दाखिल हो सकते हैं, ऐसा दावा भी रशियन वृत्तसंस्था ने किया है।

इसके लिए अमरिका और तुर्की में एफ-३५ लाइटनिंग २ इस प्रगत लड़ाकू विमानों के सहयोग का उल्लेख रशियन वृत्तसंस्था ने किया है। ९ जून के रोज अमरिका के वायुसेना ने बी-२ बॉम्बर विमान से इस बम का परीक्षण करने की बात हुई है। फिर भी भविष्य में एफ-३५ इस अति प्रगत विमान पर ग्रैव्हीटी न्यूक्लियर बम तैनात करने के लिए अमरिका ने तैयारी शुरू की है।

अमरिका ने यूरोप के नाटो सदस्य देशों में यह की प्रगत विमान तैनात करने के बारे में गतिविधियां शुरू की है। तथा तुर्की को भी एफ-३५ विमान देने के लिए अमरिका ने करार किया है। इससे व्यतिरिक्त तुर्की में इन्सर्लिक इस हवाई अड्डे पर अमरिका यह विमान तैनात करेगा, ऐसी खबरें प्रसिद्ध हो रही है।

सीरिया के संघर्ष के मुद्दे पर अमरिका और तुर्की में राजनीतिक मतभेद निर्माण हुए हैं। फिर भी एफ-३५ के खरीदारी के व्यवहार के बारे में अमरिका और तुर्की में सहयोग शुरू होने का दावा दोनों देशों से किया जा रहा है। ऐसी परिस्थिति में अमरिका ने तुर्की में एफ-३५ विमान के साथ भी बी६१-१२ ग्रैव्हीटी न्यूक्लियर बम तैनात किया, तो इसकी वजह से रशिया के सुरक्षा को खतरा निर्माण हो सकता है, ऐसी चिंता रशिया की वृत्तसंस्था एवं लष्करी विश्लेषक कर रहे हैं।

दौरान बी६१-१२ बम के परीक्षण के बारे में अल्प जानकारी प्रसिद्ध करनेवाले अमरिका ने इस बम की तैनाती के बारे में कोई भी जानकारी देने से इंकार किया है।

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