अंतरिक्ष युद्ध के लिए अमरिकी रक्षा विभाग कर रहा है ‘एआय’ का इस्तेमाल

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

वॉशिंग्टन – अंतरिक्ष क्षेत्र भविष्य में नई युद्धभुमि साबित होगा, यही संकेत देनेवाली बडी तैयारी अमरिका ने शुरू की है| कुछ महीने पहले ही अमरिका ने अंतरिक्ष में लष्करी अड्डा स्थापित करने की तैयारी शुरू की थी| इसके बाद अब अमरिकी रक्षा विभाग ने अतंरिक्ष युद्ध के लिए प्रगत ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ (एआय) तकनीक का इस्तेमाल शुरू करने की दिशा में गतिविधियां शुरू की है| अमरिका के वर्तमान एवं भूतपूर्व लष्करी अफसरों ने दी जानकारी से अमरिका की इस नई तैयारी की जानकारी सामने आयी है|

‘चीन और रशिया ने अंतरिक्ष युद्ध की तैयारी शुरू की है और ऐसे में अमरिका ने भी अंतरिक्ष में मौजुद अपने हितसंबंध सुरक्षित रखने के लिए कदम बढाना जरूरी है’, यह कह कर अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले वर्ष ही ‘स्पेस फोर्स’ गठित करने का ऐलान किया था| इसके बाद कुछ महीनों में ही ट्रम्प ने अमरिकी रक्षा दल में स्वतंत्र ‘स्पेस कमांड’ स्थापित होने का ऐलान भी किया|

इस कमांड को ‘युनिफाईड कॉम्बैट कमांड’ का दर्जा भी प्रदान किया गया है और इसका मतलब अंतरिक्ष में संघर्ष करने के लिए यह कमांड तैयार है, यही होने का दावा विशेषज्ञों ने किया?था| पिछले कुछ महीनों में यह ‘स्पेस कमांड’ तेजी के साथ युद्ध के लिए तैयार हो रही है, यह संकेत प्राप्त हुए है| ‘स्पेस कमांड’ का गठन करने के बाद अमरिकी रक्षा विभाग ने कुछ महीनों में ही ‘न्यूट्रल पार्टिकल बिम’ का परीक्षण करने का ऐलान किया था| इस बिम का इस्तेमाल अंतरिक्ष में खतरा बने सैटेलाईट नष्ट करने के लिए करना मुमकिन है, यह दावा किया जा रहा है|

अंतरिक्ष में लष्करी अड्डा एवं प्रगत मिसाइल तैनात करने के साथ ही शत्रु को तुरंत जवाब देने की जरूरत है और इसके लिए ‘स्पेस वॉर’ की निर्णय प्रक्रिया में ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ (एआय) तकनीक का प्रयोग करने की तैयारी शुरू हुई है| अमरिका में माहिती एवं तकनीकी क्षेत्र की नामांकित सलाहकार कंपनी ‘बुझ एलन हैमिल्टन’ ने एक स्वतंत्र यंत्रणा विकसित की है| इस यंत्रणा का प्रयोग अमरिकी रक्षा विभाग कर सकता है, यह संकेत भी दिए गए है|

‘बुझ एलन हैमिल्टन’ के वरिष्ठ अधिकारी एवं अमरिका के भूतपूर्व लष्करी अफसर लेफ्टनंट जनरल ख्रिस्तोफर बॉगडन ने इस नई यंत्रणा की जानकारी प्रदान की| इसमें अंतरिक्ष में होनेवाले संघर्ष से जुडी जानकारी का विश्‍लेषक और निर्णय प्रक्रिया बडी तेजी के साथ पूरी करने के लिए ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ (एआय) का इस्तेमाल हो सकता है, ऐसा कहा गया है| रशिया या चीन ने किसी ‘एंटि सैटेलाइट वेपन’ का प्रयोग किया तो उसकी जगह, प्रकार, गति, लक्ष्य और संभावित नुकसान की जानकारी ‘एआय’ तकनीक की सहायता से बडी शीघ्रता से उपलब्ध हो सकती है, यह दावा लेफ्टनंट जनरल ख्रिस्तोफर बॉगन ने किया|

अमरिकी रक्षा विभाग अंतरिक्ष के युद्ध में उपग्रहों का नुकसान ना हो एवं कम हो, इस लिए ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ का इस्तेमाल करके ‘स्मार्ट सैटेलाईटस्’ विकसित करने की कोशिश भी कर रही है|

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