अमरिकी न्यायालय ने जारी किए ईरान का ईंधन टैंकर जब्त करने के आदेश

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन: ब्रिटेन के नियंत्रण में होनेवाले जिब्राल्टर के सर्वोच्च न्यायालय ने ईरान के ईंधन वाहक जहाज की रिहाई करने के आदेश दिए थे| जिसकी वजह से यह विवाद सुलझने की स्थिति में होते समय अमरिका के न्यायालय ने ईरान का यह ईंधन टैंकर कब्जे में लेने के आदेश अपने देश की यंत्रणा को दिए हैं| इस ईंधन टैंकर ने अमरीका ने जारी किए प्रतिबंध एवं संयुक्त राष्ट्रसंघ के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप किया है, यह आरोप रखकर अमरिका के न्यायालय ने यह आदेश दिए हैं| इस वजह से फिलहाल ब्रिटेन के कब्जे में होनेवाला यह जहाज अब अमरीका के कब्जे में जानेवाला है|

ईरानी कंपनी के मालिकत्व होनेवाला ‘ग्रेस-१ सुपर टैंकर’ ईंधन टैंकर ब्रिटेन के नियंत्रण में होनेवाले जिब्राल्टर के प्रशासन ने जब्त किया था| यह टैंकर अवैधरूप से सीरिया को ईंधन प्रदान करने का आरोप रखते हुए ४ जुलाई के रोज यह कार्रवाई की गई थी| उस पर ईरान ने संतप्त प्रतिक्रिया देते हुए यह कार्रवाई गैरकानूनी होने का आरोप किया था| उसके बाद १९ जुलाई के रोज ईरान ने होर्मुझ की खाड़ी क्षेत्र में ब्रिटेन का ईंधन टैंकर कब्जे में किया था| जब तक ‘ग्रेस-१ सुपर टैंकर’ की रिहाई नहीं होती तब तक ईरान ब्रिटेन के ईंधन वाहक जहाज नहीं छोड़ेगा, ऐसा ईरान ने धमकाया था|

उसके बाद पर्शियन खाड़ी क्षेत्र में तनाव फैला था| ब्रिटेन ने अपने युद्धपोत इस सागरी क्षेत्र में रवाना की है| अमरिका ने भी अपने युद्धपोत वहां भेजकर, मित्र देशों को भी अपने नौसेना की तैनाती पर्शियन खाड़ी में करने के लिए निवेदन दिया था| तथा ईरान ने पश्चिमी देशों के नौसेना की तैनाती से हम पर कुछ भी परिणाम नहीं होगा, ऐसा कहते हुए उसके विरोध में धमकियां दी थी| ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में जिब्राल्टर के सर्वोच्च न्यायालय ने ईरान का ग्रेस-१ सुपर टैंकर रिहा करने के आदेश दिए हैं| इसपर जल्द ही अमल होगा, ऐसी जानकारी जिब्राल्टर के प्रशासन ने दी है|

पर शुक्रवार को अमरिका के न्यायालय ने ‘ग्रेस-१ सुपर टैंकर’ के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय घोषित किया है| यह टैंकर जब्त करने के आदेश अमरिकी न्यायालय ने दिए हैं और संबंधित यंत्रणा को तत्काल कार्रवाई करने के आदेश न्यायालय ने दिए हैं| यह जहाज अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रहा है तथा अमरिका ने आतंकी करार दिए हुए, ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्डस् से इस टैंकर का मालिकाना संबंध है, ऐसा न्यायालय ने कहा है|

साथ ही ‘पैराडाइज ग्लोबल ट्रेडिंग एलएलसी’ इस ईरानी कंपनी के खाते के लगभग १० लाख डॉलर्स जकड़ने के आदेश न्यायालय ने अमरिकी बैंक को दिए हैं| ग्रेस-१ सुपर टैंकर में लगभग २० लाख बैरल्स से अधिक ईंधन होने की जानकारी दी जा रही है| अमरिकी न्यायालय ने दिए आदेश के अनुसार अमरिकी यंत्रणा ने यह टैंकर गिरफ्त में किया तो उसकी बहुत बड़ी प्रतिक्रिया उमड़ सकती है| ईरान की मांग के अनुसार यह जहाज रिहा करने का दावा करते हुए ब्रिटेन अब ईरान से अपने ईंधन टैंकर के रिहाई की मांग कर सकता है| तथा अमरिका ने ग्रेस-१ सुपर टैंकर पर किए कार्रवाई से अपना संबंध ना होने की भूमिका ब्रिटेन से ली जा सकती है|

ब्रिटेन के इस दावे के बाद ईरान ने ब्रिटेन के ईंधन टैंकर नहीं छोड़े, तो ईरान के विरोध में अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की मांग अधिक जोर पकड़ सकती है| तथा ईरान पर कड़े प्रतिबंधों के साथ लष्करी कार्रवाई के सिवाय कोई दूसरा विकल्प न होने की बात ब्रिटेन एवं अमरिका समझा सकते हैं| इस वजह से अमरिका के न्यायालय ने दिए आदेश की गुंज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुनाई दे रही है|

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