अमरिका-चीन व्यापारयुद्ध लडाई में परिवर्तित होगा – अमरिकी ज्येष्ठ कुटनीतिज्ञ हेन्री किसिंजर की चेतावनी

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बीजिंग – ‘अमरिका और चीन के बीच शुरू व्यापारयुद्ध अनियंत्रित तरिके से जारी रहा तो इसका असर यूरोप में हुए महायुद्ध से भी अधिक भयंकर होंगे| पहला विश्‍वयुद्ध काफी छोटी समझी जा रही समस्या से ही शुरू हुआ था| अब के दौर में हथियार अधिक ताकतवर बने है, इसका एहसास रखना होगा’, यह इशारा अमरिका के भूतपूव विदेशमंत्री एवं ज्येष्ठ कुटनीतिज्ञ हेन्री किसिंजर ने दिया है|

चीन की राजधानी बीजिंग में आयोजित ‘ब्लूमबर्ग न्यू इकॉनॉमी फोरम’ की चर्चासत्र में बोलते समय किसिंजर ने अमरिका के साथ पूरी दुनिया अभी भी शीतयुद्ध के प्रभाव से बाहर नही निकल सकी है, इसका एहसास कराया| अमरिका और चीन के बीच शुरू व्यापार युद्ध से बनी तनाव की स्थिति कुछ समय तक कायम रहने पर इसके पीछे होेनेवाले सियासी कारण खोजने की कोशिश होगी और दोनों देश इसपर हावी होने के लिए तैयार होंगे, यह उम्मीद भी अमरिकी कुटनीतिज्ञ ने व्यक्त की| मेरे नजरिए से सोचे तो ऐसी कोशिशों के लिए कोई भी समय देर हुई है, यह कहकर टाल नही सकते’, यह सलाह भी किसिंजर ने इस दौरान दी|

‘चीन यह बडी आर्थिक सत्ता का देश है और अमरिका भी आर्थिक सत्ता है| इस वजह से दुनिया में कभी ना कभी हम एकदुसरें के पैर पर पैर टिकाने की कोशिश करेंगे ही’, इन शब्दों में अमरिका और चीन में कुछ मात्रा में आर्थिक संघर्ष होता रहेगा, यह संकेत अमरिका के भूतपूर्व विदेशमंत्री ने दिए| अमरिका और सोवियत रशियन संघराज्य में शीतयुद्ध शुरू होते समय दोनों देशों ने एटमी क्षमता नियंत्रण में रखने के लिए प्रधानता दी थी, इस बात की भी याद किसिंजर ने दिलाई|

पर, अमरिका और चीन के बीच ऐसे तरिके से हल निकलाना मुश्किल बना है, यह मुद्दा अमरिकी ज्येष्ठ कुटनीतिज्ञ ने सामने रखा है| ‘अमरिका और चीन के बीच इससे पहले सीधा संघर्ष नही था और इनकी तीव्रता भी ज्यादा नही थी| इस वजह से लष्करी सत्ता के तौर पर चीन के साथ हल निकालने के लिए कोई भी दायरा तय करना मुमकिन नही है| अमरिका और चीन यह दोनों देश दुनिया के हर एक मुद्दे पर एक दुसरे के विरोध में संघर्ष करने के लिए खडे होते है तो यह स्थिति पूरी मानवीय जाती के लिए काफी खतरनाक साबित होगी’, यह चिंता भी किसिंजर ने व्यक्त की|

व्यापारयुद्ध के मुद्दे पर अमरिका और चीन के बीच हो रही बातचीत यह दो देशों के अन्य संघर्षों के लिए विकल्प साबित हो सकता है, यह संकेत भी उन्होंने दिए| इस दौरान उन्होंने हॉंगकॉंग के असंतोष के मुद्दे पर दो देशों में बने तनाव का जिक्र भी उन्होंने किया| हॉंगकॉंग यह काफी संवेदनशील मुद्दा होने की बात स्पष्ट करके इसपर बातचीत के जरिए हल निकाल सकते है, यह बात किसिंजर ने रेखांकित की है| 

कुछ दिन पहले अमरिका में हुए एक कार्यक्रम के दौरान भी ज्येष्ठ कुटनीतिज्ञ हेन्री किसिंजर ने अमरिका और चीन के बीच संभावित संघर्ष होने के मुद्दे पर कडी चेतावनी दी थी| ‘इससे पहले कभी भी दुनिया के अलग अलग हिस्सों के दो प्रमुख देश इस तरह ऐसे स्थान पर पहुंच नही सके थे| पर अब शीर्ष स्थान के लिए शुरू हुआ यह संघर्ष ऐसे ही जारी रहा तो कोई भी देश इस संघर्ष में जीत हासिल नही कर सकेगा और आखिर में अमरिका औड़ चीन इन दोनों देशों को भयंकर परिणाम भुगतने पडेंगे’, यह इशारा किसिंजर ने ‘नैशनल कमिटी ऑन यूएस चायना रिलेशन्स’ के कार्यक्रम के दौरान दिया|

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