इराक पर किए आक्रमण की तरह आक्रमण करके अमरिका ईरान में सत्ता परिवर्तन करेगा – खाड़ी के विश्लेषकों का दावा

मॉस्को: ‘अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ईरान के साथ किए परमाणु अनुबंध से पीछे हटना मतलब नियोजनबद्ध योजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इराक की तरह ईरान पर भी हमला करने की अमरिका की मनीषा है और ईरान की राजवट को हटाने का षडयंत्र अमरिका ने रचा है’, ऐसा दावा खाड़ी के विश्लेषक सामी रमादानी ने किया है। एक रशियन न्यूज़ चैनल को दिए साक्षात्कार में रमादानी ने यह जानकारी दी है।

इराक, आक्रमण, ईरान, सत्ता परिवर्तन, खाड़ी के विश्लेषकों, दावा, मॉस्को, अमरिका‘राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने परमाणु अनुबंध से पीछे हटते समय किए हुए विधानों की तरफ ध्यान से देखना होगा। सन २००३ में इराक पर हमला करते समय तत्कालीन अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष जॉर्ज बुश ने इसी तरह का भाषण किया था। अब राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प भी उसी तरह की भाषा इस्तेमाल करके ईरान के परमाणु कार्यक्रम का बिजूका खड़ा कर रहे हैं। यह एक व्यापक षडयंत्र का हिस्सा है। ईरान की राजवट को गिराने की अमरिका ने जोरदार तैयारी शुरू की है। परमाणु अनुबंध से पीछे हटने की ट्रम्प ने की हुई घोषणा भी इसी षडयंत्र का एक हिस्सा है’, ऐसा रमादानी ने कहा है।

पहले ईरान के बारे में बोलते समय ट्रम्प ने उनका ईरान की जनता को नहीं, बल्कि ईरान की कट्टरपंथी राजवट को विरोध है ऐसा कहा था। ईरान की यह राजवट अपनी ही जनता पर अन्याय कर रही है, ऐसी आलोचना भी ट्रम्प ने की थी। लेकिन ईरान में हस्तक्षेप करके सत्ता परिवर्तन करने की अमरिका कोशिश नहीं करा रहा, ऐसा इसके पहले ही अमरिका ने स्पष्ट किया था। लेकिन रमादानी और खाड़ी के कुछ विश्लेषक अमरिका पर इस तरह के आरोप करते आ रहे हैं। इराक, सीरिया, येमेन, लेबेनॉन इन देशों में ईरान की खूनी राजवट हस्तक्षेप करके इन देशों में अस्थिरता मचाने का आरोप अमरिका, इस्राइल, सऊदी अरेबिया साथ ही अन्य खाड़ी देश कर रहे हैं।

ब्रिटन के नेता फराज का ट्रम्प को समर्थन

लंडन: ईरान के साथ किए गए परमाणु अनुबंध से पीछे हटने का अमरिका ने लिया हुआ निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है, ऐसी आलोचना ब्रिटन, फ़्रांस और जर्मनी ने की है। रशिया ने इस पर तीव्र नाराजगी जताई है। उधर चीन यह अनुबंध बचाने के लिए कोशिश करने का आवाहन कर रहा है। लेकिन ब्रिटन के प्रमुख नेता निगेल फराज ने यह कठोर निर्णय लेने वाले अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प को समर्थन दिया है।

इराक, आक्रमण, ईरान, सत्ता परिवर्तन, खाड़ी के विश्लेषकों, दावा, मॉस्को, अमरिकाईरान का परमाणु अनुबंध मतलब विश्व का अपने स्वार्थ के लिए एकत्रीकरण करने की कोशिश करने वाले ‘ग्लोबलिस्ट’ अर्थात वैश्वीकरणवादियों का षडयंत्र था, ऐसा फराज ने आरोप लगाया है। इसलिए यह अनुबंध तोड़ने का कठोर निर्णय लेने वाले ट्रम्प को फराज ने अपना समर्थन घोषित किया है। इतना ही नहीं ट्रम्प की इस अनुबंध को लेकर आलोचना करने वाले यूरोपीय महासंघ का कहना बिलकुल मान्य नहीं है, ऐसा फराज ने स्पष्ट किया है।

फराज ब्रेक्झिट के कट्टर समर्थक हैं और यूरोपीय महासंघ से ब्रिटन बाहर निकले, इसके लिए उन्होंने व्यापक मुहीम शुरू की थी। इस मुहीम को अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने समर्थन दिया था। साथ ही शरणार्थियों के खिलाफ ब्रिटन ने अपनाई भूमिका को भी ट्रम्प ने समर्थन दिया था। ट्रम्प के ब्रिटन दौरे का विरोध करने वाले कुछ नेताओं को फटकार लगाकर फराज निगेल ने स्वयं को ट्रम्प की नीति का समर्थक घोषित किया था।

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