‘ओबामा-हिजबुल्लाह’ के मामले में अमरीका के एटॉर्नी जनरल ने पूछताछ के आदेश दिए

वॉशिंग्टन: अमरिका के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा और हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह के बिच के सहकार्य पर रौशनी डालने वाले ‘प्रोजेक्ट कॅसांड्रा’ की पूछताछ करने के आदेश अमरिका के एटॉर्नी जनरल ‘जेफ़ सेशन्स’ ने दिए हैं। ईरान के साथ किया हुआ परमाणु अनुबंध बचाने के लिए भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा पर हिजबुल्लाह के अमरिका में स्थित नशीले पदार्थों के व्यापार को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया गया है। इस पृष्ठभूमि पर, अमरिका की सुरक्षा से संबंधित इस घटना की ओर गंभीरता से देखने की आवश्यकता है, ऐसा जेफ़ सेशन्स ने दिए हुए पूछताछ के आदेश में कहा है।

‘आतंकवादी संगठनों से अपने नागरिकों की रक्षा करना और देश को चंगुल में फांसने वाले नशीले पदार्थों के संकट का सामना करना, यह न्याय विभाग की दो महत्वपूर्ण प्राथमिकताएं हैं’, ऐसा कहकर एटॉर्नी जनरल सेशन्स ने ‘प्रोजेक्ट कॅसांड्रा’ के पूछताछ के आदेश दिए हैं। यह आदेश देते समय सेशन्स ने सीधे ओबामा को जिम्मेदार नहीं ठहराया है। लेकिन “इस के पहले के प्रशासन ने प्रोजेक्ट कॅसांड्रा’ के अंतर्गत आने वाले प्रकरणों की पूछताछ कर ने वाले “ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन’ (डीईए) के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं किया होगा, ऐसी हम अपेक्षा करते हैं’, ऐसे सूचक विधान अटोर्नी जनरल सेशन्स ने किए हैं।

‘आतंकवादी हमलों के साथ साथ नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले संगठनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करना, यह ट्रम्प प्रशासन की सब से बड़ी जिम्मेदारी होगी। इस पूरे प्रकरण की पूछताछ होगी और नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले संगठनों के खिलाफ प्रशासन को पूरी सहायता दी जाएगी’, यह घोषणा शेसन्स ने की है। अमरिका का न्याय विभाग ‘प्रोजेक्ट कॅसांड्रा’ के प्रकरण की गहराई से पूछताछ करे, ऐसी सूचना सेशन्स ने दी है।

पिछले हफ्ते १७ दिसम्बर को ‘पॉलिटिको’ इस अमरिका के प्रसिद्द ऑनलाइन वेबसाइट ने ईरान परमाणु अनुबंध और ‘ओबामा-हिजबुल्लाह’ इस बारे में जानकारी प्रसिद्द करने सनसनी मचाई थी। ईरान समर्थक हिजबुल्लाह ने अमरिका और दक्षिण अमरिका में विविध समूहों की सहायता से नशीले पदार्थों के व्यापार का बहुत बड़ा नेटवर्क बनाया था।इस व्यापार से हिजबुल्लाह को प्रतिवर्ष करीब एक अरब डॉलर्स मिल रहे हैं और इन पैसों का इस्तेमाल हिजबुल्लाह हथियारों की खरीदारी करने के लिए कर रहा है।

अमरिका की सुरक्षा और गुप्तचर यंत्रणाओं ने इस मामले में मजबूत सबूत प्राप्त कर के कार्रवाई के लिए विशेष मुहीम बनाई थी। उस के लिए अमरिका के ‘डीईए’ ने अन्य देशों की सुरक्षा यंत्रणा की सहायता लेकर हिजबुल्लाह के नशीले पदार्थ और हथियारों की खरीदारी के नेटवर्क को तोड़ने के लिए ‘प्रोजेक्ट कॅसांड्रा’ मुहीम हाथ में ली थी। लेकिन ओबामा प्रशासन के अधिकारीयों ने इस कार्रवाई को अनुमति देने की बात टाली थी, ऐसा आरोप ‘पॉलिटिको’ ने किया है।

इस बारे में अमरिका के रक्षा विभाग के भूतपूर्व विश्लेषक ने ओबामा प्रशासन के फैसले का समर्थन किया है। ईरान के साथ संबंध सुधरने के लिए यह निर्णय लिया गया है, ऐसा कहकर इस अधिकारी ने इस का समर्थन किया है। भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष ओबामा ने अपने ऊपर लगाए गए इन आरोपों के बारे में बोलना टाला है। इस के पहले भी अफगानिस्तान के संघर्ष के बारे में ओबामा ने अपनाई हुई नीति पर सवाल खड़े किये गए थे।

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