हाँगकाँग तथा साऊथ चायना सी के मुद्दे पर अमरीका द्वारा चीन के खिलाफ़ नये निर्बंधों की घोषणा

वॉशिंग्टन/बीजिंग – अमरीका के विदेशमंत्री माईक पॉम्पिओ ने चीनविरोधी संघर्ष की धार अधिक ही तेज़ की है। ४८ घंटों की अवधि में चीन के छ: अधिकारियों समेत २० कंपनियों के खिलाफ़ निर्बंध थोंपे गये हैं। हाँगकाँग की जनता पर कहर ढानेवाला दमनतंत्र और साऊथ चायना सी में जारी हरक़तों को लक्ष्य करने के लिए नये निर्बंध थोंपे गये हैं, ऐसा अमरीका के विदेशमंत्री द्वारा बताया गया। इसी बीच, अमरीका का नया प्रशासन भी चीन की हरक़तों के खिलाफ़ भूमिका कायम रखेगा, ऐसी उम्मीद उपराष्ट्राध्यक्ष माईक पेन्स ने ज़ाहिर की है।

‘आन्तर्राष्ट्रीय क़ानून के अनुसार, अपना सार्वभूम अधिकार एवं हितसंबंधों की रक्षा के लिए खड़े रहनेवाले आग्नेय एशियाई देशों को अमरीका हमेशा ही ठोंस रूप में समर्थन देगी। चीन की हुक़ूमत जब तक साऊथ चायना सी में जारी ज़बरदस्ती नहीं रोकती, तब तक अमरीका उसके विरोध में कार्रवाई जारी ही रखेगी। साऊथ चायना सी यह चीन की सागरी साम्राज्य का भाग नहीं और जागतिक समुदाय कभी भी वैसा होने नहीं देगा’ ऐसा बताकर विदेशमंत्री पॉम्पिओ ने नये निर्बंधों की जानकारी दी। चीन साऊथ चायना सी पर कर रहा दावा पूरी तरह ग़ैरकानूनी है, यह भी इस समय अमरिकी विदेशमंत्री ने जताया।

अमरीका के विदेश विभाग ने ‘साऊथ चायना सी’ में चीन की हुक़ूमत से सहयोग करनेवालीं २० कंपनियों पर निर्बंध थोंपे हैं। इनमें ईंधनक्षेत्र की अग्रसर कंपनी ‘सीएनओओसी’ समेत कंस्ट्रक्शन कंपनियों का भी समावेश है। विदेश विभाग से निर्बंधों की यह घोषणा की जा ही रही थी कि तभी उपराष्ट्राध्यक्ष पेन्स ने चीन की नीति के संदर्भ में ट्विट किया होने की ख़बर सामने आयी है। ‘उक़साऊ लष्करी गतिविधियाँ और आर्थिक बल के ज़ोर पर चीन साऊथ चायना सी में प्रभाव बढ़ाने का काम जारी ही रखनेवाला है। अमरीका का भावी प्रशासन इसपर ग़ौर करके चीन की हरक़तों के विरोध में डटकर खड़ा रहें और उसके अनुसार फ़ैसलें करें। अमरीका और स्वतंत्रता पर प्रेम करनेवाले अमरीका के सहयोगी देशों को प्राथमिकता दें’, ऐसा पेन्स ने कहा है।

साऊथ चायना सी के मुद्दे पर थोंपे निर्बंधों से पहले चीन की हाँगकाँग में चल रहीं हरक़तों को भी लक्ष्य किया जा गया है। शुक्रवार को विदेश विभाग ने, हाँगकाँगस्थित जनतंत्रवादी गुटों के खिलाफ़ मुहिम चलानेवाले अधिकारियों को लक्ष्य किया। उनमें चीन के सांसद ‘ताम यिउ-चुंग’ समेत हाँगकाँग के नैशनल सिक्युरिटी ऑफिस के उपप्रमुख सुन क्विंगये का समावेश है।

कुछ दिन पहले चीन के यंत्रणाओं ने हाँगकाँग में सख़्त कार्रवाई करके, जनतंत्रवादी आंदोलन से संबंधित होनेवाले ५० से अधिक नेता और कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार किया। इस कार्रवाई पर आन्तर्राष्ट्रीय समुदाय से तीव्र प्रतिक्रिया उठी थी। अमरीका ने थोंपे हुए नये निर्बंध भी इसीका भाग माना जाता है। इसी बीच, पिछले जुलाई महीने में हाँगकाँग की चिनी यंत्रणाओं को चकमा देने में क़ामयाब हुए पाँच जनतंत्रवादी कार्यकर्ता अमरीका में दाखिल हुए होने की जानकारी सामने आयी है। इन कार्यकर्ताओं ने अमरीका के पास राजनीतिक आश्रय की माँग की थी, ऐसा बताया जाता है।

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