साउथ चाइना सी को लेकर चीन ने थोंपे नए नियमों की अमरीका और ऑस्ट्रेलिया द्वारा आलोचना

us-aus-scs-new-rules-1बीजिंग/वॉशिंग्टन/कॅनबेरा – साउथ चाइना सी पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए चीन ने लागू किए नए नियमों की अमरीका और ऑस्ट्रेलिया ने आलोचना की है। चीन अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा है, ऐसा आरोप अमरीका के रक्षा विभाग ने किया है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया की नौसेना चीन के नियम ठुकरा देगी, ऐसा ऑस्ट्रेलिया के रक्षा विभाग ने डटकर कहा। चीन के नए नियमों के अनुसार, साउथ चाइना सी से प्रवास करनेवाले विदेशी जहाजों ने, उनके ‘कार्गो’ और ‘कॉल साईन्स’ चीन की यंत्रणाओं को रिपोर्ट करने हैं। इससे पहले भी चीन ने नक्शे बदलना, कृत्रिम द्वीपों का निर्माण करना, सागरी क्षेत्र में हक जताने के लिए स्वतंत्र यंत्रणाओं का गठन करना इन जैसे कई माध्यमों के जरिए साउथ चाइना सी पर पकड़ मज़बूत करने की कोशिश की थी।

पिछले दशक में फिलीपीन्स के तत्कालीन विदेश मंत्री अल्बर्ट डेल रोझारिओ के नेतृत्व में, चीन के साउथ चाइना सी को लेकर किए गए दावों के विरोध में आंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों के सामने दावा ठोका गया था। इस दावे का फैसला फिलीपीन्स के पक्ष में हुआ था। संयुक्त राष्ट्र संघ के ‘कन्व्हेन्शन ऑन द लॉ ऑफ सी’ के अनुसार फिलीपीन्स के सागरी क्षेत्र में विशेष आर्थिक क्षेत्र को मान्यता दी गई थी। इससे, पूरे ‘साऊथ चाइना सी’ पर चीन का हक है, इन चीन के दावों को झटका लगा था। उसके बाद चीन ने अलग-अलग माध्यमों के जरिए ‘साऊथ चाइना सी’ पर अपना हक जताने के लिए कदम उठाए होकर, यह नया नियम उसी का भाग माना जाता है।

चीन के ‘मेरिटाईम सेफ्टी ऍडमिनिस्ट्रेशन’ ने, नया नियम १ सितंबर से लागू होने का ऐलान किया है। उसके अनुसार, साउथ चाइना सी से प्रवास करनेवाले विदेशी जहाजों को उन पर होनेवाला सामान और ‘कॉल साईन्स’ की जानकारी चिनी यंत्रणाओं को देनी है। चिनी यंत्रणाओं ने उसे अनुमति देने के बाद ही ये विदेशी जहाज साउथ चाइना सी से प्रवास कर सकेंगे। इन जहाज़ों में युद्धपोत, पनडुब्बियों के साथ बड़े कार्गो जहाजों का समावेश है। विदेशी जहाजों ने अगर इसका उल्लंघन किया, तो चीन के रक्षा बल उसके विरोध में कार्रवाई कर सकते हैं, ऐसी चेतावनी भी दी गई है।

us-aus-scs-new-rules-2चीन की इस मनमानी के विरोध में अमरीका और ऑस्ट्रेलिया ने निषेध दर्ज किया। ‘सागरी सीमा होनेवाले किसी भी देश का कानून अथवा नियम, अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों के अनुसार दुनिया के अन्य देशों को दिए मुक्त प्रवास के अधिकार को छीन नहीं सकता। साउथ चाइना सी समेत अन्य सागरी क्षेत्र पर गैरकानूनी रूप में किए दावे, सागरी परिवहन की स्वतंत्रता के लिए खतरनाक हैं। इस प्रकार की गतिविधियाँ, साउथ चाइना सी क्षेत्र और नजदीकी देशों के हितसंबंध, मुक्त व्यापार तथा परिवहन के अधिकारों का उल्लंघन साबित होती हैं’, ऐसी आलोचना अमरीका के रक्षा विभाग ने की है।

‘चीन के नए नियमों के बारे में हम जानते हैं। ऐसे नियम अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों के साथ और संयुक्त राष्ट्र संघ के ‘कन्व्हेन्शन ऑन द लॉ ऑफ सी’ के साथ सुसंगत होना महत्वपूर्ण है। ऑस्ट्रेलिया की नौसेना इन नियमों को ठुकरा देगी। ऑस्ट्रेलिया के युद्धपोत अन्तर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार सागरी क्षेत्र में परिवहन की स्वतंत्रता का हक जताएंगे’, ऐसा ऑस्ट्रेलिया के रक्षा विभाग ने डटकर कहा।

इसी बीच, चीन के अमरीका में नियुक्त राजदूत किन गँग ने अमरीका की शीतयुद्धकालीन मानसिकता को लक्ष्य किया है। अमरीका के इससे पहले के प्रशासन ने चीन के विरोध में चरमसीमा की भूमिका अपनाई थी और नए प्रशासन ने भी वह आगे कायम रखी है, ऐसा आरोप गँग ने किया। अमरीका के एक अभ्यास गुट ने आयोजित किए कार्यक्रम में बात करते समय चिनी राजदूत ने, चीन यानी सोवियत रशिया नहीं है, ऐसा दावा भी किया। सोवियत रशियन संघराज्य उसमें होनेवाली अंदरूनी कमज़ोरी के कारण गिर गया, ऐसा बयान करके चिनी राजदूत ने, अपना देश उससे अधिक सामर्थ्यशाली होने की चेतावनी अमरीका को दी है। 

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