ईरान पर नए प्रतिबंध लगाने के ऐलान के साथ ही अमरिकी ‘एम्फिबियस’ युद्धपोत पर्शियन खाडी में दाखिल

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन: ईरान को बातचीत का प्रस्ताव देते समय दुसरी ओर ईरान को किसी भी प्रकार की सहुलियत नही देने का कडा संदेश अमरिका से दिया जा रहा है| इसके तहेत अमरिका ने ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरू आयातुल्लाह खामेनी को लक्ष्य करनेवाले प्रतिबंधों का ऐलान किया है| इसी बीच अमरिका के प्रगत ‘एम्फिबियस’ युद्धपोतों का बेडा ईरान के निकट समुद्री क्षेत्र में दाखिल हुआ है|

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार के दिन ईरान पर नए प्रतिबंध लगाने के आदेशों पर हस्ताक्षर किए| पिछले वर्ष अमरिका ने ईरान पर लगाए प्रतिबंधों से भी यह नए प्रतिबंध ज्यादा कडे होने का दावा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किया है| इन नए प्रतिबंधों में ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरू आयातुल्लाह खामेनी को भी लक्ष्य किया गया है|

खामेनी के नेतृत्व में ही ईरान की हुकूमत ने खाडी क्षेत्र में अस्थिरता बनाने की कोशिश की| इसी लिए अमरिका ने खामेनी की संपत्ति एवं आर्थिक व्यवहारों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया है, यह जानकारी अमरिका ने दी है| खामेनी की साथ अमरिका ने आतंकी करार दिए ईरान की रिव्होल्युशनरी गार्डस्’ के आठ कमांडर्स पर भी यह प्रतिबंध लगाए गए है| इन नए प्रतिबंधों की वजह से खामेनी और लष्करी अधिकारियों के विदेश में जारी व्यवहारों पर रोक लग सकती है|

आयातुल्लाह खामेनी ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरू है और ईरान की राजनयिक व्यवस्था के नुसार यह इस देश का सबसे शक्तिशाली पद है| ईरान के निर्वाचित राष्ट्राध्यक्ष और सरकार खामेनी के आदेश के बाहर जाकर निर्णय नही कर सकते| इस पृष्ठभूमि पर ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनी पर प्रतिबंध लगाकर अमरिका ने ईरान को झटका दिया दिखाई दे रहा है| कडे आर्थिक प्रतिबंधों के साथ ही अमरिका ने ईरान पर लष्करी दबाव भी बढाया है|

अमरिका की मरिन फोर्स युनिट की तीन एम्फिबियस विमानवाहक युद्धपोत रविवार देर पर्शियन खाडी में दाखिल हुई| इनमें ‘यूएसएस बॉक्सर’, ‘यूएसएस जॉन मुर्था’ और ‘यूएसएस हार्पर्स फेरी’ का समावेश है| इस तैनाती के साथ ही अमरिका ने दुनिया में अन्य लष्करी ठिकानों से भी ज्यादा सेना पर्शियन खाडी में तैनात की है, यह दावा लष्करी विश्‍लेषक कर रहे है|

इस दौरान हमने ईरान पर लष्करी कार्रवाई की संभावना ठुकराई नही है, यह राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अब कहा है| साथ ही ईरान पर हमला करने के लिए अमरिकन कांग्रेस की मंजुरी मिलने का इंतजार भी नही करेंगे, यह बात ट्रम्प ने बडी जोरों से स्पष्ट की है| ईरान ने जिम्मेदारी से जवाब दिया तो यह प्रतिबंध कल भी पीछे लेना मुमकिन होगा| नही तो ईरान कई वर्षों तक इन प्रतिबंधों के तले मसला जाएगा, इस बात का एहसास राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दिलाया|

ईरान की हुकूमत को अच्छा बर्ताव और करूणा का ज्ञान नही है और यह हुकूमत सीर्फ बल की भाषा बोलती है| अमरिका दुनिया में सबसे शक्तिमान देश है और पिछले दो वर्षों में अमरिका ने अपनी रक्षा सिद्धता पर १.५ ट्रिलियन डॉलर्स खर्च किए है, इस ओर ट्रम्प ने ध्यान केंद्रीत किया| वही, ईरान की हुकूमत आतंकवाद और अन्य बातों पर खर्च कर रही है| अपनी जनता के लिए नही| ऐसी गलत नीति का परिणाम ईरान की जनता भुगत रही है, यह निराशा भी अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर व्यक्त की है|

अमरिका के हितसंबंधों पर हमला किया तो ईरान तबाह होगा, इसका इस देश की हुकूमत को एहसास ही नही है| अमरिका में अब बराक ओबामा और जॉन केरी सत्ता नही संभाल रहे, ऐसी फटकार भी ट्रम्प ने लगाई है|

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