चीन की कोरोना महामारी पर नवंबर २०१९ में ही अमरिकी यंत्रणाओं को इशारा दिया था

लोकतांत्रिक कार्यकर्ता और लेखक वे जिंगशेंग का दावा

china-corona-nov-us-3वॉशिंग्टन/बीजिंग – चीन में शुरू हुई कोरोना की महामारी संबंधित अमरिकी यंत्रणाओं को नवंबर २०१९ में ही इशारा दिया था, ऐसा दावा वे जिंगशेंग ने किया है। चीन में लोकतांत्रिक आंदोलन के प्रमुख रहे जिंगशेंग वर्ष १९९७ में अमरीका पहुँचे थे। ऑस्ट्रेलिया के ‘स्काय न्यूज’ को दिए साक्षात्कार में जिंगशेंग ने यह दावा किया कि, अक्तुबर २०१९ में वुहान में आयोजित ‘वर्ल्ड मिलिटरी गेम्स’ की पृष्ठभूमि पर हमें इस महामारी की जानकारी प्राप्त हुई थी।

ऑस्ट्रेलिया के समाचार चैनल ने ‘व्हॉट रिअली हैपन्ड इन वुहान?’ नामक एक वृत्तचित्र तैयार किया है। इस वृत्तचित्र के लिए वे जिंगशेंग का साक्षात्कार किया गया है। इस साक्षात्कार में जिंगशेंग ने कोरोना के दावों को लेकर खुलासा किया है। ‘हमने अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा, उस समय के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के करीबी नेता एवं चीनी मानव अधिकार कार्यकर्ता दिमौन लिऊ को कोरोना की महामारी को लेकर सावधान किया था। हमने हर संभव जानकारी प्रदान करने की कोशिश की थी। लेकिन, अमरिकी यंत्रणाओं ने इस जानकारी को गंभीरता से नहीं लिया’, ऐसा बयान जिंगशेंग ने किया। लेकिन, इससे संबंधित अमरिकी नेता का नाम साझा करने से उन्होंने इन्कार किया है।

china-corona-nov-us-1‘चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने पुख्ता किस मार्ग से विषाणु फैलाया है, इसकी जानकारी तब प्राप्त नहीं हुई थी। इसलिए हमें बड़ी चिंता हो रही थी। विषाणुओं का मुकाबला करने के लिए पश्‍चिमी देश तैयार नहीं हैं, इस सोच में हम थे’, यह भी जिंगशेंग ने स्पष्ट किया। हमें बीजिंग के अपने सूत्रों से इस महामारी की जानकारी प्राप्त हुई थी, यह दावा भी उन्होंने किया। अमरीका के पूर्व अधिकारी डेविड आशर ने ‘जिंगशेंग के इशारे से प्राप्त अवसर ९/११ जैसा हमला रोकने का विकल्प था’, इन शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया दर्ज़ की है।

china-corona-nov-us-2जिंगशेंग का दावा सामने आ रहा था, तभी अमरीका के दो सांसदों ने प्रतिनिधीगृह में नया विधेयक पेश किया। ‘द वर्ल्ड डिज़र्व्स टू नो ऐक्ट’ नाम से यह विधेयक पेश किया गया हैं। इस विधेयक के ज़रिये यह माँग की गई है कि, कोरोना की महामारी के जड़ों से संबंधित पुख्ता और ठोस जानकारी प्राप्त होनी चाहिये। वुहान के कोरोना संबंधित शोधकार्य में अड़ंगा ड़ाल रहे चीनी अफसरों पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश भी इसमें है। रिपब्लिकन पार्टी के सांसद एलिस स्टेफानिक और रॉब विटमन ने यह विधेयक पेश किया है।

इसी बीच चीन में कोरोना की महामारी के विस्फोट का दायरा बढ़ने की जानकारी सामने आ रही है। बीते हफ्ते फुजिआन प्रांत में शुरू हुए इस विस्फोट के बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या १५० से अधिक होने की जानकारी सामने आ रही है। साथ ही इस प्रांत के तीन शहरों में कोरोना का संक्रमण शुरू होने की बात स्पष्ट हुई है। इनमें पुतिअन, क्वानझोउ और शिआमेन शहरों का समावेश है। इस संक्रमण के पीछे ‘डेल्टा वेरियंट’ ज़िम्मेदार होने की बात स्पष्ट हुई है और यह संक्रमण पाठशाला के छात्रों से होने की बात भी सामने आयी है। फुजिआन के बाद युनान, ग्वांगडाँग, शांघाय, सिचुआन, झेजिआंग और शॉन्डाँग में भी कोरोना संक्रमित पाए जाने की जानकारी ‘चायना डेलि’ नामक वेबसाईट ने प्रदान की है।

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