रशिया-चीन से नही, बल्कि अमरिकी हथियार खरीदे – अमरिका के वरिष्ठ अधिकारी की सलाह

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन – खरीदार सावधान हो, इन सिधे शब्दों में रशिया और चीन से हथियार खरीद रहे देशों को चेतावनी देकर इसके आगे हथियारों की खरीद अमरिका से ही करें, यह सलाह अमरिकी वरिष्ठ अफसर ने खुलेआम दी है| अमरिकी विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी आर.क्लार्क कूपर ने एक कार्यक्रम के दौरान यह सलाह देते समय रशिया और चीन जैसे देश हथियारों की बिक्री का इस्तेमाल अपना प्रभाव बढाने के लिए कर रहे है, यह दावा भी किया|

कुछ महीने पहले, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हथियारों की खरीद और रक्षा खर्च पर बारीकी से नजर रखनेवालेस्टॉकहोम इंटरनैशनल पीस रिसर्च इन्स्टिट्यूट(सिप्री) ने हथियारों की खरीद संबंधी रपट प्रसिद्ध की थी| इसमें वर्ष २०१८ में दुनियाभर में हथियारों की खरीद में . प्रतिशत की बढोतरी होने की जानकारी दर्ज की थी| अमरिका और सोवियत रशिया के शीत युद्ध के बाद पहली बार अंतरराष्टीय स्तर पर हथियारों की खरीद में बडी बढोतरी होने की बात भीसिप्रीके रपट में दर्ज हुई है

फिलहाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शुरू हथियारों के व्यापार में अमरिका, रशिया और चीन इन देशों ने छलांग लगाई है| दुनिया के अलग अलग देशों को हो रही हथियारों की कुल निर्यात में करीबन ३६ प्रतिशत निर्यात अमरिका से हो रहा है| इन हथियारों के निर्यात में रशिया २१ प्रतिशत और चीन प्रतिशत से अधिक हिस्सा रख रहा है| वर्ष २०१८ में दुनिया के अलग अलग देशों ने कुल .८२ ट्रिलियन डॉलर्स के हथियार खरीदे है|

अगले कुछ वर्षों में इसमें लगातार बढोतरी होगी और इसमें अपना स्थान मजबूत करने के लिए अमरिका, चीन और रशिया यह तीनों देश जोरदार कोशिश कर रहे है| अमरिकी अधिकारियों ने रशिया और चीन को लेकर जाहीर चेतावनी देकर हथियारों की खरीद अमरिका से ही करें, यह कहना इसी कोशिश का हिस्सा होने की बात दिख रही है| अमरिका ने इससे पहले कई बार अपने सहयोगी एवं मित्रदेशों पर रशियन और चीन के हथियारों की खरीद रोकने के लिए दबाव बनाने की बात स्पष्ट हुई है| कूपर ने इन देशों को खुलेआम चेतावनी देकर यह दबाव और भी बढाया है|

पिछले वर्ष से अमरिका के मित्रदेश होनेवाले भारत एवं तुर्की को रशिया ने प्रगतएस४००मिसाइल डिफेन्स यंत्रणा की बिक्री की है| इस विषय पर अमरिका ने दबाव बनाने के बावजूद इन देशों ने यह यंत्रणा खरीदने से अमरिका ने कडी नाराजगी व्यक्त की थी| इसी पृष्ठभूमि पर कूपर यह चेतावनी देते दिख रहे है| विदेश विभाग के अफसरों ने अमरिका हथियारों की बिक्री करने के साथ ही मित्रताका हाथ आगे करती है, यह दावा भी किया|

इस दौरान कूपर ने चीन के हथियारों को लेकर काफी आलोचना की है| यह हथियार खराब दर्जा रखते है और इस की खरीद करनेवाले देशों पर पछतावा करना पडा है, यह दावा भी अमरिकी अफसर ने किया है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.